Tuesday, November 26, 2024
HomeNationalकेजरीवाल की पार्टी ने उत्तराखंडियों की इष्ट देवी माँ नन्दा का...

केजरीवाल की पार्टी ने उत्तराखंडियों की इष्ट देवी माँ नन्दा का किया अपमान । चारो तरफ बबाल

उत्तराखण्ड में आम आदमी पार्टी ने अपना चाल चरित्र व चेहरा आखिरकार दिखा ही दिया । आम आदमी पार्टी के एक ट्वीट के बाद समूचे उतराखंडियो के बीच बबाल मचा हुआ है। उत्तराखण्ड की इष्ट देवी नन्दा देवी की पर्वत श्रखंलाओ की तुलना गाजीपुर के कूड़े के ढेर से करके केजरीवाल की पार्टी ने उतराखंडियो की भावनाओं को ठेस तो पहुंचाई ही है साथ ही अपनी मानसिकता भी उजागर कर दी। आम आदमी पार्टी के ट्वीटर हैंडल से कल यानी 30 अगस्त को एक ट्वीट किया गया जिसमें पावन पवित्र इष्ट देवी नन्दा देवी की पर्वत शृंखलाओं की तुलना एक कूड़े के ढेर से की गई ।

आम आदमी के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ये ट्वीट किया गया है जोकि एक तरह पार्टी का मुख पत्र है और इस ट्वीट को पार्टी का आधिकारिक विचार और बक्तव्य माना जा सकता है !

एक तरफ केजरीवाल उत्तराखण्ड की 70 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ उतराखंडियो की भावनाओं से खिलवाड़ भी कर रहे हैं । जिस माँ नन्दा देवी को उत्तराखण्ड की इष्ट देवी के रूप में पूजा जाता है क्या केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की नजर में उसकी तुलना गाजीपुर के कूड़े के ढेर से करना उचित है । कूड़े से तुलना करने से साफ जाहिर होता है कि ऐसे लोगो के दिमाग मे कूड़ा भरा है जो भोले भाले उतराखंडियो को बरगला कर चुनावी सपने देखने की कोशिश कर रहे हैं ।

आम आदमी पार्टी के इस ट्वीट के बाद उतराखंडियो में खासा बबाल मचा हुआ है। पुरोहित समाज से सम्बन्ध रखने वाली संस्था “पुरोहित जनकल्याण समिति” का कहना है कि आम आदमी पार्टी का यह कृत्य कतई माफी लायक नही है। हमारी इष्ट देवी नन्दा देवी पर्वत श्रंखला की तुलना गाजीपुर के कूड़े के ढेर से करके केजरीवाल ने बता दिया है कि उनकी पार्टी की विचारधारा भी कूड़े का ढ़ेर है !

उत्तराखंड में ये माँ नंदा देवी का अपमान करके किस वर्ग को खुश करना चाहते हैं ये भी विचारणीय प्रश्न है। “पुरोहित जनकल्याण समिति” के सदस्यों द्वारा केजरीवाल को बिना शर्त माफ़ी मांगने के लिए कहा गया है। पुरोहित जन कल्याण समिति माफी ना मांगने की स्तिथि में कानूनी विकल्प पे भी विचार कर रही है और साथ ही साथ इस विषय में अन्य संगठनो, समाज सेवी संस्थाओं और सांस्कृतिक संगठनो से भी संपर्क किया जा रहा है। इस मुद्दे पर राजनीती से ऊपर उठकर सभी को इस बात का विरोध करना चाहिए।

बहुत दुखद बात है कि जब भी इस तरह के मुद्दे आते हैं तो उत्तराखंड का राजनैतिक नेतृत्व इसमें आँखे मूंध लेता है। हमारी आस्था पर हमेशा कुठाराघात किया जाता है। इस बार केजरीवाल की पार्टी ने भी कुछ ऐसा ही किया है, जिन दिल्ली के दंगों में उत्तराखंड के लाल को हाथ पैर काटकर जला दिया गया उन्ही दंगो के दाग इस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के दामन पर हैं। उत्तराखंड में राजनीती चमकाने के उद्देश्य से ये यहाँ भी दिल्ली का फार्मूला अपनाएंगे तो उत्तराखंड में घुसपैठियों और बाहरी असामाजिक तत्वों की भरमार हो जाएगी।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments