दिल्ली, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पत्र लिखा है, जिसने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में आप नेता को सोमवार को आठवीं बार तलब किया था और कहा था कि वह जांच एजेंसी के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं। 12 मार्च के बाद की तारीख मांगते हुए केजरीवाल ने कहा है कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सवालों का जवाब देंगे। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मेरा हमेशा से यही रुख रहा है कि ईडी के समन अवैध हैं। मैंने उन्हें (ईडी) कई बार लिखा है लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
केजरीवाल ने दावा किया कि मैंने लिखा है कि मैं कुछ भी नहीं छिपा रहा हूं और आपके सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हूं और आप वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूछ सकते हैं। यह मेरा अधिकार है। मेरी तरफ से कोई मांग नहीं है, लेकिन अगर वे चाहें तो (प्रश्न) का सीधा प्रसारण कर सकते हैं। 26 फरवरी को सातवें समन में शामिल नहीं होने के बाद दिल्ली के सीएम को 4 मार्च को जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था, जिसमें कहा गया था कि चूंकि मामला अदालत के समक्ष था, जिसने उन्हें 16 मार्च को पेश होने के लिए कहा है, इसलिए एजेंसी को इसके आदेश का इंतजार करना चाहिए।
ईडी ने “जानबूझकर” समन की अवहेलना करने के लिए केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज करते हुए अदालत का रुख किया था। पहले भी, केजरीवाल ने समन को “अवैध” कहा था, यह कहते हुए कि ईडी ने उन्हें यह नहीं बताया कि उनकी उपस्थिति किस क्षमता में आवश्यक थी – एक आरोपी या गवाह के रूप में, मुख्यमंत्री के रूप में या आप अध्यक्ष के रूप में। बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि मैंने आज तक कोई सीएम नहीं देखा जो जांच एजेंसी के सवाल से डरता हो। 8वें समन के बाद भी वह सवालों का जवाब देने से डर रहे हैं। हालांकि, ट्रायल कोर्ट कह रहा है कि आपको जवाब देना होगा. यह सब कानूनी है…अरविंद केजरीवाल ने इस तथ्य को स्वीकार कर लिया है कि वह भ्रष्ट हैं।।
टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा की अंतरिम याचिका खारिज की
नयी दिल्ली, दिल्ली उच्च न्यायालय ने तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा की ओर से दायर एक अंतरिम याचिका सोमवार को खारिज कर दी जिसमें भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्रई को उनके खिलाफ कोई भी फर्जी और अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने या प्रसारित करने से रोकने का अनुरोध किया गया था। मोइत्रा को हाल ही में लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने आदेश सुनाते हुए कहा, मैंने रोक के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी है।’’ उच्च न्यायालय ने 20 दिसंबर, 2023 को मोइत्रा, दुबे और देहाद्रई के वकील की दलीलें सुनने के बाद अंतरिम याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था, वह पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से सांसद थीं। मोइत्रा ने पिछले साल अक्टूबर में दायर अपनी याचिका में दुबे, वकील देहाद्रई, सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’, सर्च इंजन गूगल, यूट्यूब और 15 मीडिया संस्थानों को उनके खिलाफ अपमानजनक और दुर्भावनापूर्ण बयानों के प्रकाशन, प्रसारण से स्थायी रूप से रोके जाने का अनुरोध किया है। बाद में उन्होंने पक्षकारों की सूची से सभी मीडिया घरानों और सोशल मीडिया कंपनियों को हटा दिया तथा केवल दुबे और देहाद्रई के खिलाफ अपना मामला बनाए रखा।
दुबे ने मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए कारोबारी और हीरानंदानी समूह के मुख्य कार्यकारी (सीईओ) दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया था। अधिवक्ता देहाद्रई से प्राप्त एक पत्र का हवाला देते हुए दुबे ने कहा था कि वकील ने उनके साथ व्यवसायी द्वारा कथित तौर पर टीएमसी नेता को रिश्वत दिए जाने के अकाट्य सबूत साझा किए हैं।
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