” रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी ने उत्तराखंड सरकार द्वारा कैबिनेट में राज्य के चार धाम व अन्य प्रमुख मन्दिरों के नाम से ट्रस्ट या समिति गठित किए जाने के विरूद्ध कठोर विधिक प्राविधान करने के निर्णय पर खुशी जताते हुये इसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार का राज्य एवं जनहित में ऐतिहासिक निर्णय बताया। चौधरी ने कहा कि देवभूमि के देवतुल्य स्वरूप को बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री धामी का योगदान हमेशा याद किया जाएगा। ” ।
(देवेंन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण को लेकर उपजे विवाद के बाद उत्तराखण्ड सरकार द्वारा चार धाम व अन्य प्रमुख मन्दिरों के नाम से ट्रस्ट या समिति गठित किए जाने को लेकर विरूद्ध कठोर विधिक प्राविधान करने का निर्णय लिया गया हैं, राज्य कैविनेट में लिये गये फैसले की जानकारी देते हुये रुद्रप्रयाग से भाजपा विधायक भरत सिंह चौधरी ने कहा कि कैबिनेट के इस फैसले के बाद अब धार्मिक भावनाओं व परंम्पराओं को ठेस पहुँचाने वाली स्थितियों पर नियत्रंण लगेगा व धार्मिक स्थलों को लेकर असमंजस की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी। उन्होने कहा कि सरकार के इस ऐतिहासिक निर्णय के लिये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लोग सदैव याद करेंगे।
शनिवार को रुद्रप्रयाग स्थित विधायक कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में विधायक भरत सिंह चौधरी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा कैबिनेट में राज्य के चार धाम व अन्य प्रमुख मन्दिरों के नाम से ट्रस्ट या समिति गठित किए जाने के विरूद्ध कठोर विधिक प्राविधान करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य एवं जनहित में ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। उन्होने कहा कि वर्तमान समय में राज्य में कतिपय व्यक्ति/संस्थाओं द्वारा उत्तराखंड राज्य में अवस्थित चार धाम केदारनाथ धाम, बद्रीनाथ धाम, गंगोत्री धाम, यमुनोत्री धाम व अन्य प्रमुख मन्दिरों के नाम का या इनके संचालन के लिए गठित ट्रस्ट/ समिति के नाम से मिलते-जुलते नाम का प्रयोग कर ट्रस्ट/समिति आदि बनाई जा रही है जिससे विवाद की स्थितियां पैदा हो रही है एवँ स्थानीय परम्पराओं एवं धार्मिक मान्यताओं को भी ठेस पहुंच रही है। इसे देखते हुए राज्य सरकार द्वारा कड़े विधिक प्राविधान लागू किए जाने का निर्णय कैबिनेट की बैठक मे लिये गये हैं। उन्होंने सरकार द्वारा कावंड़ यात्रा के दौरान यात्रा रूट पर सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर संचालकों का नाम अंकित करने के निर्णय को भी ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रकिया सभी यात्रा रूटों के साथ सम्पूर्ण प्रदेश में सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के नियम लागू होना चाहिए।
उन्होने कहा कि सरकार द्वारा लिये यह निर्णय राज्य एवं राज्य वासियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होने वाले हैं। उन्होने कहा कि देवभूमि के देवतुल्य स्वरूप को बनाए रखने में लिये गये ऐतिहासिक निर्णयों के लिये मुख्यमंत्री धामी को हमेशा याद किया जाएगा।
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