नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के पश्चिम बंगाल दौरे के समय कथित ‘गंभीर सुरक्षा खामियों’ को लेकर बृहस्पतिवार को राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की।केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से यह रिपोर्ट पश्चिम बंगाल सरकार से मांगी गई है जब बुधवार को भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था। अपने पत्र में घोष ने आरोप लगाया था कि 200 से अधिक लोगों की भीड़ लाठी और डंडों के साथ कोलकाता में भाजपा कार्यालय के सामने मौजूद थी और काले झंडे दिखा रही थी।
उन्होंने यह दावा भी किया था कि कुछ प्रदर्शनकारी पार्टी कार्यालय के सामने खड़ी कारों पर चढ़ गए और नारेबाजी की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय ने भाजपा अध्यक्ष के दौरे के समय कथित ‘गंभीर सुरक्षा खामियों’ को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
घोष ने पत्र में यह दावा भी किया था, ”आज कोलकाता में उनके (नड्डा के) कार्यक्रमों के दौरान यह देखा गया कि सुरक्षा इंतजामों में गंभीर खामियां थीं। यह पुलिस विभाग की लापरवाही या फिर ढीले-ढाले रवैये के कारण था।” नड्डा पश्चिम बंगाल के दो दिनों के दौरे पर हैं। बृहस्पतिवार को डायमंड हार्बर इलाके में उनके काफिले पर पत्थर फेंके गए। पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा है, ‘बंगाल सरकार को इस हिंसा के लिए जनता को जवाब देना होगा। ‘ उन्होंने इस घटना के बाद एक के बाद एक दो ट्वीट किए।
इन ट्वीट्स में उन्होंने लिखा, ‘आज बंगाल में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के ऊपर हुआ हमला बहुत ही निंदनीय है, उसकी जितनी भी निंदा की जाये वो कम है. केंद्र सरकार इस हमले को पूरी गंभीरता से ले रही है. बंगाल सरकार को इस प्रायोजित हिंसा के लिए प्रदेश की शांतिप्रिय जनता को जवाब देना होगा।
आज बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @JPNadda जी के ऊपर हुआ हमला बहुत ही निंदनीय है, उसकी जितनी भी निंदा की जाये वो कम है।
केंद्र सरकार इस हमले को पूरी गंभीरता से ले रही है। बंगाल सरकार को इस प्रायोजित हिंसा के लिए प्रदेश की शांतिप्रिय जनता को जवाब देना होगा।
— Amit Shah (@AmitShah) December 10, 2020
तृणमूल शासन में बंगाल अत्याचार, अराजकता और अंधकार के युग में जा चुका है।
टीएमसी के राज में पश्चिम बंगाल के अंदर जिस तरह से राजनीतिक हिंसा को संस्थागत कर चरम सीमा पर पहुँचाया गया है, वो लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले सभी लोगों के लिए दु:खद भी है और चिंताजनक भी।
— Amit Shah (@AmitShah) December 10, 2020
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