हल्द्वानी, सिडनी विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया आयोजित दो माह के प्रशिक्षण कार्यक्रम में उत्तराखण्ड़ की दो बेटियाँ भी अपनी भागीदारी निभायेंगी, गौरतलब हो कि पन्तनगर विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान के नेतृत्व में इस वर्ष विभिन्न संस्थानों में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण हेतु भेजा जा रहा है। विश्वविद्यालय के अन्तर्राष्ट्रीय मामलों के निदेशक डा. एच.जे. शिव प्रसाद ने जानकारी देते बताया कि पश्चिमी सिडनी विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया द्वारा आयोजित दो माह के प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए विश्वविद्यालय के दो प्रतिभाशाली विद्यार्थियों, जसप्रीत कौर और नार्ने काव्या को भेजा जा रहा है जो अत्यंत गौरव का विषय है। जसप्रीत कौर उद्यान विभाग में डा. रंजन श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में पीएच.डी. कर रही हैं और नार्ने काव्या, कीट विज्ञान विभाग में डा. जे.पी. पुरवार के मार्गदर्शन में कार्यरत हैं। दोनों ने अपनी उत्कृष्ट शैक्षणिक योग्यता और अनुसंधान में समर्पण से यह प्रतिष्ठित अवसर प्राप्त किया है।
उन्होंने बताया कि ‘हिमालयी क्षेत्र, उत्तराखण्ड, भारत में रियल-टाइम ऑटोमेटेड पेस्ट मॉनिटरिंग’ परियोजना के तहत कार्य करना होगा, जो शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित स्कीम फॉर प्रमोशन ऑफ एकेडमिक एंड रिसर्च कोलैबोरेशन के तहत संचालित है। नार्ने काव्या ने अपने अनुसंधान कार्य में विशेषता और नई तकनीकों के प्रयोग से यह सम्मान प्राप्त किया है। पश्चिमी सिडनी विश्वविद्यालय में आयोजित यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इन छात्रों के लिए एक अनमोल अवसर है। इस कार्यक्रम के माध्यम से वे उन्नत प्रयोगशाला उपकरण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग, सेंसर और उद्यान फसलों में प्रक्षेत्र प्रयोगों के साथ विशेष रूप से स्वचालित कीट निगरानी के बारे में गहन ज्ञान अर्जित करेंगे। यह अनुभव उनके शैक्षणिक और व्यावसायिक विकास में अत्यधिक सहायक सिद्ध होगा। इस प्रशिक्षण के दौरान छात्र पश्चिमी सिडनी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के पर्यवेक्षण में प्रशिक्षण कार्यक्रम का पालन करेंगे, जो इस परियोजना में विशेषज्ञता रखते हैं।
विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान द्वारा दोनों विद्यार्थियों को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर हार्दिक बधाई दी गयी और उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वे इस अवसर का पूर्ण उपयोग करेंगे और अपनी प्रतिभा व कौशल को और निखारेंगे। जसप्रीत कौर और नार्ने काव्या की इस सफलता से विश्वविद्यालय के अन्य छात्रों को भी प्रेरणा मिलेगी और वे भी अपने शैक्षणिक व अनुसंधान कार्यों में उत्कृष्टता प्राप्त करने का प्रयास करेंगे। इस अवसर पर कुलसचिव डा. दीपा विनय, अधिष्ठाता स्नातकोत्तर महाविद्यालय डा. के.पी. रावेरकर, अधिष्ठाता कृषि डा. एस.के. कश्यप द्वारा उनकी महान उपलब्धि के लिए दोनों विद्यार्थियों को बधाई दी है।
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