नैनीताल (रामनगर), बच्चों के सार्थक विकास को लेकय रचनात्मक शिक्षक मंडल द्वारा स्कूली बच्चों के लिए “जश्न-ए-बचपन” नाम की पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन रविवार से शुरू हुआ। कार्यशाला के पहले दिन स्कूली बच्चों को सिनेमा, थियेटर व पेटिंग सिखाते हुए प्रशिक्षकों द्वारा मानवीय संवेदनाओं को विकसित करने का प्रशिक्षण दिया गया। बच्चों ने खेल खेल में कई प्रयोग भी किए।
एमपी हिंदू इंटर कॉलेज में आयोजित कार्यशाला में बच्चों को दिल्ली से आए हुए थियेटर एक्सपर्ट प्रेम संगवारी द्वारा आवाज का थियेटर में महत्व समझाया गया। परंपरागत बाघ-बकरी खेल की जानकारी दी गई। खेल के जरिये बच्चों को प्रकृति के प्रति संवेदनशील होना सिखाया गया। इसके बाद बच्चों को दोपहर के सत्र में नार्मन मेकलर की विश्व शांति का संदेश देती फिल्म नेबर व जमीन व संस्कृति को बचाने के लिए चल रहे आदिवासी संघर्ष पर आधारित फिल्म गांव “छोड़ब नाहीं, जंगल छोड़ब नाही” दिखाई गई।
पेंटिंग वर्ग में कोलकाता से आए प्रोनोवेश व टुम्पा द्वारा कागज की लुगदी से शिल्पकला का अभ्यास कराया गया। इस दौरान बच्चों ने कार्यशाला में रखी गई विभिन्न लेखकों की पुस्तकें भी पढ़ीं। इस मौके पर कार्यशाला संयोजक नवेंदु मठपाल, प्रो. गिरीश चंद्र पंत, डा. पंकज उप्रेती, प्रधानाचार्य नंदराम आर्य, बालकृष्ण, सुभाष गोला, हेम चंद्र पांडे, बिशन बिष्ट, खीमसिंह रजवार, पूजा पांडे, चारू तिवारी, शबनम, सुजल मौजूद रहे।
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