Thursday, December 26, 2024
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विधानसभा भर्ती केस- सुप्रीम कोर्ट में बर्खास्त कर्मचारियों की याचिका खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारियों की याचिका खारिज कर विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर मुहर लगाई

देहरादून, सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारियों के विशेष याचिका को निरस्त कर दिया। बता दें कि इससे पहले नैनीताल हाईकोर्ट ने भी विधानसभा कर्मचारियों को बर्खास्त करने के विधानसभा सचिवालय के आदेश को सही ठहराया था। बर्खास्त कर्मचारियों की ओर से दायर विशेष अनुग्रह याचिका (एसएलपी) को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इससे बर्खास्त कर्मचारियों को झटका लगा है।

इस फैसले से बर्खास्त कर्मियों को भारी झटका लगा है। कुछ समय पूर्व भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इन बर्खास्त कर्मियों के केस लड़ने की बात कही थी। उत्तराखंड विधानसभा में नियमों के विरोध तदर्थ नियुक्तियों के संबंध में आज उच्चतम न्यायालय ने पुनः उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण के फैसले को सही ठहराते हुए बर्खास्त कर्मचारियों द्वारा दाखिल याचिका (SLP) को मात्र डेढ़ मिनट की सुनवाई में निरस्त कर दिया।

उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय की ओर से पैरवी कर रहे वकील अमित तिवारी ने बताया कि वर्ष 2021 में विधानसभा में तदर्थ रूप से नियुक्त हुए 72 कर्मचारियों द्वारा दाखिल की गई याचिका (एसएलपी) को आज उच्चतम न्यायालय की डबल बेंच के न्यायधीश हृषिकेश रॉय और न्यायधीश मनोज मिश्रा द्वारा सुना गया जिसमे डबल बेंच ने मात्र डेढ़ मिनट में ही याचिकाकर्ताओं की याचिका को निरस्त कर दिया और उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण के द्वारा लिए गए फैसले को सही ठहराया।

आपको बता दे की विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने नियम विरूद्ध तदर्थ नियुक्तियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया था। जिसमें 2016 से 2021 में तदर्थ आधार पर नियुक्त 228 कर्मचारियों की विशेषज्ञ जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सेवाएं समाप्त की गई। भविष्य में विधानसभा सचिवालय में होने वाली नियुक्तियां नियम व पारदर्शिता हो इसके लिए स्पीकर ने नियमावली में संशोधन की पहल की थी। उत्तराखंड विधानसभा अब सीधी भर्ती के सभी खाली पदों को उत्तराखंड राज्य लोक सेवा आयोग और उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से भरेगी। इस संशोधन के साथ शासन ने सेवा नियमावली पर सहमति जताते हुए इसे विधानसभा को लौटा दिया है। संशोधित नियमावली में विधायी को फिर से विधानसभा का प्रशासकीय विभाग बनाने का प्रावधान किया गया है। उच्चतम न्यायालय में विधानसभा सचिवालय उत्तराखंड की ओर से वकील अमित तिवारी और वकील अर्जुन गर्ग ने पैरवी की।

कोटिया समिति की रिपोर्ट के आधार पर 2016 के बाद की गई लगभग 250 कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया था। इस मुद्दे पर पूर्व विधानसभाध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल व गोविन्द सिंह कुंजवाल भी निशाने पर आए। बर्खास्तगी के विरोध में कर्मियों ने लंबा आंदोलन भी चलाया।

डेंगू से बचाव को चलायें जागरूता अभियान : डॉ. धन सिंह रावत

अभियान में रेखीय विभागों को भी शामिल करने के दिये निर्देश

स्वास्थ्य योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने को बने कार्ययोजनाMay be an image of 9 people, people studying and dais

देहरादून, बरसात के मौसम में डेंगू की रोकथाम को लेकर अभी से तैयारियां शुरू करने के निर्देश दे दिये गये हैं। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को प्रदेशभर में वृहद स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाने को कहा गया है, जिसमें सभी रेखीय विभागों को भी शामिल किया जायेगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने के लिये विभागीय अधिकारियों को कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया है।

सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज विधानसभा स्थित सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। डा. रावत ने बताया कि बरसात के मौसम में डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है, जिसको देखते हुये अभी से बचाव व रोकथाम को प्रभावी कदम उठाने की सख्त आवश्यकता है, जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि माह अगस्त से लेकर माह अक्टूबर तक का समय डेंगू संक्रमण की दृष्टि से काफी संवेदनशील रहता है। डा. रावत ने बताया कि इसके लिये अभी से प्रदेशभर में वृहद स्तर पर जन जागरूकता अभियान संचालित करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये है, इन अभियानों में रेखीय विभागों आवास एवं शहरी विकास, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, शिक्षा, सूचना विभाग आदि को भी शामिल किया जायेगा।

विभागीय मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) में लगभग तीन दर्जन से अधिक स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं, जिनकी जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी स्टेट आईईसी टीम की है। उन्होंने टीम के सभी सदस्यों को एनएचएम के तहत संचालित कार्यक्रमों का विभिन्न माध्यमों से वृहद प्रचार-प्रसार हेतु कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये। जिसकी समीक्षा प्रत्येक माह स्वयं स्वास्थ्य मंत्री करेंगे।

बैठक में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि डेंगू की रेकथाम के लिये कार्ययोजना तैयार की जा रही है। जिसके तहत डेंगू के बचाव हेतु पोस्टर, बैनर एवं होर्डिंग्स के माध्यम से आम जनता को जागरूक किया जायेगा। उन्होंने बताया कि आम लोगों को घरों के आस-पास पानी न जमा होने, कूलर, फूलदान में पानी प्रत्येक सप्ताह बदलने, पानी की टंकी, बाल्टियां आदि को पूरी तरह से ढ़कने, शरीर पर पूरे बाजू वाले कपड़े पहनने सहित अनेक सुझाव दिये जा रहे हैं।

बैठक में सचिव स्वास्थ्य दीपेन्द्र चौधरी, अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डा. विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डा. आशुतोष सयाना, निदेशक एनएचएम डा. सरोज नैथानी, अनु सचिव जसविंदर कौर, ओआईसी एनएचएम डा. पंकज सिंह, डा. अजय नगरकर सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

 

कल खुलेंगे हेमकुंड साहिब के कपाट, तीर्थयात्रियों का पहला जत्था हुआ रवानाMay be an image of 4 people and temple

जोशीमठ, हेमकुंड साहिब व लक्ष्मण मंदिर के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शुक्रवार को गोविंद घाट गुरुद्वारे से जो बोले सो निहाल के जयकारों के साथ पंज प्यारे, निशान साहिब के साथ यात्री घांघरिया के लिए रवाना हुए। पहले जत्थे में सात सौ से अधिक यात्री शामिल हैं। हेमकुंड साहिब लक्ष्मण मंदिर के कपाट 20 मई को विधि विधान के साथ सुबह 10 बजे खोल दिए जाएंगे। गोविंद घाट गुरूद्वारा में शुक्रवार सुबह गुरुवाणी अरदास, सुखमणी पाठ, शब्द-कीर्तन किया गया।

इसके बाद गोविंदघाट गुरुद्वारे से पंच प्यारों की अगुवाई में तीर्थयात्रियों का पहला जत्था घांघरिया के लिए रवाना हो गया है। हेमकुंड साहिब की तीर्थ यात्रा को लेकर तीर्थयात्रियों में उत्साह बना हुआ है। सुबह आठ बजे गुरूद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने तीर्थ यात्रियों को सरोपा भेंटकर घांघरिया के लिए रवाना किया। हेमकुंड के लिए गोविंद घाट से अपराह्न दो बजे तक ही यात्रियों को घांघरिया जाने दिया जाएगा। फिलहाल यात्रा के लिए बुजुर्ग व बच्चों की मनाही है।

 

पंच केदार में गिने जाने वाला तुंगनाथ मंदिर 6 डिग्री तक झुका, अंदर बनी मूर्तियों में आया 10 डिग्री तक का झुकावMay be an image of temple

रुद्रप्रयाग, तुंगनाथ मंदिर एशिया में समुद्रतल से सबसे ऊंचाई पर स्थित शिवालय है। पंच केदार में गिने जाने वाला तृतीय तुंगनाथ मंदिर 5 से 6 डिग्री तक झुक गया है जबकि मंदिर के अंदर बनी मूर्तियों और सभामंडप में 10 डिग्री तक झुकाव आ गया है। इस बारे में श्रीबद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ने एएसआई को पत्र भेजा है। इसमें मंदिर का संपूर्ण अध्ययन कर यथाशीघ्र संरक्षण करने को कहा गया है। मंदिर के मठाधिपति राम प्रसाद मैठाणी का कहना है कि वर्ष 1991 में आए भूकंप और समय-समय पर प्राकृतिक आपदाओं से मंदिर पर व्यापक असर पड़ा है। वर्ष 2017-18 में एएसआई ने मंदिर का सर्वेक्षण करने के लिए ग्लास स्केल भी लगाईं थी। अब विभाग ने एक रिपोर्ट जारी कर मंदिर में झुकाव आने की बात कही है।

वर्ष 1991 के उत्तरकाशी भूकंप और 1999 के चमोली भूकंप के साथ ही 2012 की ऊखीमठ व 2013 की केदारनाथ आपदा का भी इस मंदिर पर असर पड़ा है। मंदिर की बाहर की दीवारों से कई जगहों पर पत्थर छिटके हुए हैं। सभामंडप की स्थिति काफी खराब हो गई है। साथ ही गर्भगृह का एक हिस्सा झुक गया है। तुंगनाथ मंदिर के संरक्षण व संवर्धन के लिए मंदिर समिति सक्षम है। मंदिर के पुनरोद्धार को लेकर जो भी कार्य होंगे, वह एएसआई व सीबीआरआई और अन्य संस्थाओं के विशेषज्ञों की सलाह पर किए जाएंगे। लंबे समय से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से मंदिर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की कवायद चल रही है।

 

प्रदेश कांग्रेस ने भुलाया तो सीएम धामी ने सम्मान देकर बदल डाले सियासी समीकरण

“पूर्व सीएम एनडी तिवारी की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में कांग्रेस नेताओं ने लगाये धामी जिंदाबाद के नारे”May be an image of 10 people, temple and text

 

रुद्रपुर, राजनीति के पुरोधा रहे पं. नारायण दत्त तिवारी भले ही आज इस दुनिया में नही हैं। लेकिन आज भी उनके चाहने वाले या समर्थकों की कमी नही है। साल 2002 से 2007 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे तिवारी को कांग्रेस ने भुला दिया हो लेकिन उनके कामों को सम्मान देने का काम किया है सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने।

 

उत्तराखंड की सियासी पिच पर धुआंधार बैटिंग कर रहे पुष्कर सिंह धामी इस बात से भली भांति परिचित है कि राज्य में सिडकुलों की स्थापना में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसे किसी भी स्तर पर नकारा नहीं जा सकता है। इसके साथ ही धामी यह बात भी जानते है कि आज भी राज्य के बड़े स्तर पर पार्टी के इतर तिवारी समर्थकों का बड़ा वर्ग है। नैनीताल सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले तिवारी तराई क्षेत्र में भी खासा लोकप्रिय रहे हैं। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री धामी ने राजनीतिक रुप से साहसिक फैसला लेते हुए पंतनगर सिडकुल को उनके नाम पर रखे जाने की घोषणा की थी।

 

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के पद चिन्हों पर चलते हुए मुख्यमंत्री ने उनकी उन पंक्तियों को भी चरितार्थ भी किया है जिसमें उन्होंने कहा था…….. सत्ताएं तो आती जाती रहेंगी ………..लेकिन व्यक्ति के कार्य और उसके साहसिक फैसले हमेशा याद रखे जायेंगे। जिन पंडित नारायण दत्त तिवारी को अब तक किसी भी सरकार ने सम्मान नही दिया और अपने नेता को भुला चुकी कांग्रेस गुटबाजी के भंवर में फंसी हुई है। ऐसे समय में सीएम धामी ने तराई में उनकी प्रतिमा का सिर्फ अनावरण ही नही किया बल्कि कार्यक्रम में ऐसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को बुलाकर उनका सम्मान भी किया।

 

दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लिये गये मुख्यमंत्री धामी के इस साहसिक फैसले की राज्य में ही नही राज्य से बाहर भी राजनीतिक गलियारों में खूब सराहना हुई। वहीं अपना और अपने नेता का सम्मान होते देख कार्यक्रम में मौजूद कांग्रेसी नेता भावुक नजर आये और दिल खोलकर सीएम धामी की प्रशंसा की। यही नहीं नेताओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जिन्दाबाद के नारे लगाकर उपस्थित जनसमुदाय को अंचभित भी कर दिया। ऐसे मौके राज्य में कम ही देखने को मिले है कि विपक्षी नेता सत्तासीन नेताओं के जिंदाबाद के नारे लगाये। कांग्रेस नेता का यह वीडियो कुछ ही पलों में सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल हो गया। जिस पर खूब सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली। सोशल मीडिया यूर्जस ने सीएम धामी के नेतृत्व क्षमता और फैसले की खूब तारीफ की। निकाय और लोकसभा चुनाव से ऐन पहले लिए गये सीएम धामी के इस फैसले से उत्तराखंड कांग्रेस सकते में है।

राज्य की सियासत में कई मिथकों को तोड़ चुके सीएम धामी ने अपने फैसलों से सभी को अपनी मुरीद बनाया हुआ है। विपक्ष के विधायकों के साथ विकास कार्यों को लेकर बैठक हो या फिर बड़े नेताओं के साथ तमाम मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा। यही वजह है कि धामी का विरोध करने के बजाय कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत, प्रीतम सिंह, हरीश धामी भी समय-समय पर उनकी तारीफ करते हुए नजर आते हैं।

“एक गांव एक उत्पाद” पर हुआ मंथन : बिज़नस के हुनर की होगी ट्रेनिंग

‘महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं का विचार मंथन बैठक
जिपंस जगत मर्तोलिया द्वारा आत्मनिर्भर गांव बनाने की पहल शुरू’May be an image of 9 people

मुनस्यारी, “एक गांव एक उत्पाद” के नारे को हकीकत में बदलने के लिए आज तीन क्लस्टर तथा वन धन सेंटर से जुड़ी महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा विचार मंथन किया गया। एक गांव एक उत्पाद के लिए ग्राम स्तर पर बैठकर योजना बनाने के लिए रणनीति बनाई गई।
विकास खंड के सभागार में न्याय पंचायत दरकोट तथा सेविला के तीन न्याय पंचायतों तथा वन धन सेंटर जैती के प्रमुख पदाधिकारियों के बीच हुए विचार मंथन में स्वरोजगार के विषय पर बातचीत हुई।
महिलाओं ने अपने गांव की महिला स्वयं सहायता समूहों के द्वारा की जा रहे रोज़गार परक कार्यो की सफलता की गाथा को सुनाया।
जिपंस जगत मर्तोलिया ने कहा कि हर गांव की पहिचान उसके उत्पाद सेओन होगी। उन्होंने कहा कि एक गांव एक उत्पाद पर गंभीरता से कार्य करना होगा। इसके लिए विकास खंड कार्यालय, रीप, पशुपालन, उद्योग केन्द्र, उद्यान, कृषि को साथ ले लेकिन आजीविका मिशन के लिए कार्य योजना बनाई जाएगी।
बैठक में दरकोट की खीमा पांगती ने महिला स्वयं सहायता समूहों से प्राप्त बजट से किए गए हस्तशिल्प निर्माण की सफलता की कहानी बताई।
पैंकुती की दीपा फर्स्वाण ने तुलसी की खेती की सफल कहानी को सबके सामने रखा।
विचार मंथन से तय हुआ कि एक गांव एक उत्पाद पर फोकस करते हुए बैठक की जाएगी। हर समूहों से दो महिला को बिजनेस करने के गुर सिखाए जाएंगे। इसके लिए विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बैंक खातों का संचालन का कार्य भी इन महिलाओं को सिखाने के लिए न्याय पंचायत स्तर पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा।
बैठक में एनआरएलएम की राधा, शंकुतला रावत, रीप के आजीविका समन्वयक हरेंद्र पंवार, कमलेश जोशी, शिल्पा जैष्ठा, प्रेम सिंह, महिला स्वयं सहायता समूहों की ग्राम संगठन की अध्यक्ष दीपा, कमला देवी, चंपा पांगती आदि मौजूद रहे।

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