कर्नाटक, हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद प्रदेश में हाई स्कूल खोल दिए गए हैं। लेकिन आज लगातार दूसरे दिन भी शिवमोगा, कोडागु समेत कुछ और जगहों पर कुछ छात्रों ने बिना हिजाब क्लास अटेंड करने से इनकार कर दिया। वहीं उडुपी कॉलेज के पांच छात्रों के वकील ने कर्नाटक हाई कोर्ट में एक पेटीशन दाखिल की है। इस पेटीशन के बाद इस मामले को लेकर बीजेपी सवाल उठा रही है। उड्डपी के विधायक ये आरोप लगा रहे हैं कि हिजाब विवाद को एक साजिश के तहत उठाया गया है। पूरे मामले की जांच नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी यानी एनआई से कराई जानी चाहिए। वहीं कांग्रेस इस मामले को लेकर फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।
छात्रों का हंगामा
हिजाब पहनकर स्कूल में जाने की जिद के चलते स्कूल पर स्टॉफ और छात्राओं में झड़प देखने को मिली है। हिजाब पर विवाद जारी रहा और कुछ स्थानों पर हिजाब पहने आई लड़कियों को स्कूलों में प्रवेश नहीं दिया गया। ऐसी ही एक घटना में हिजाब पहनकर कक्षा में प्रवेश नहीं दिए जाने पर एक लड़की ने परीक्षा छोड़ दी। छात्राओं के आक्रोशित अभिभावकों को स्कूल प्रशासन और पुलिस से तीखी बहस करते देखा गया। एक जगह पर एक छात्र द्वारा भगवा स्कार्फ लहराने की घटना भी सामने आई। वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने भीड़ से कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश है कि हिजाब पहनकर स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जा सकता। पुलिस की बात अनसुनी करते हुए अभिभावकों ने दबाव डाला कि उनकी बेटियों को परीक्षा देने की अनुमति दी जाए।
हिजाब पर बैन को लेकर अभिभावकों ने स्कूलों के बाहर नारेबाजी की और मांग की कि उन्हें लिखित में आदेश दिया जाए। बढ़ते विरोध प्रदर्शन के चलते माहौल को शांत करने के लिए स्कूल को दिनभर के लिए बंद कर दिया गया। ऐसा ही कुछ नजारा तुमकुर के एसवीएस स्कूल में भी देखने को मिला। अब कल से पीयू और डिग्री कॉलेज भी खोले जा रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार के सामने कानून व्यवस्था को बनाए रखने की बड़ी चुनौती है।
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