Tuesday, November 19, 2024
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कोरोना वैक्सीन का इंतजार हुआ खत्म, टीकाकरण अभियान शुरू, पहले चरण में 3 करोड़ लोगों को लगेगा टीका

नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब से कुछ ही मिनट बाद भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है। मैं सभी देशवासियों को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत की।

“प्रधानमंत्री ने कहा जिस तरह धैर्य के साथ आपने कोरोना का मुकाबला किया वैसा ही धैर्य टीकाकरण के दौरान भी दिखाना है”

इस दौरान उन्होंने कहा कि आज के दिन का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार रहा है। कितने महीनों से देश के हर घर में बच्चे, बूढ़े, जवान सभी की जुबान पर ये सवाल था कि कोरोना वैक्सीन कब आएगी। अब वैक्सीन आ गई है, बहुत कम समय में आ गई है।

उन्होंने कहा कि अब से कुछ ही मिनट बाद भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है। मैं सभी देशवासियों को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का टीकाकरण अभियान बहुत ही मानवीय और महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर आधारित है। जिसे सबसे ज्यादा जरूरत है, उसे सबसे पहले कोरोना का टीका लगेगा।

दूसरी डोज लगवाना जरूरी ह

 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं ये बात फिर याद दिलाना चाहता हूं कि कोरोना वैक्सीन की दो डोज लगनी बहुत जरूरी है। पहली और दूसरी डोज के बीच, लगभग एक महीने का अंतराल भी रखा जाएगा। दूसरी डोज़ लगने के 2 हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना के विरुद्ध ज़रूरी शक्ति विकसित हो पाएगी। इसलिए टीका लगने के बाद आप लोग मास्क लगाना, दो गज की दूरी करना मत भूलिएगा।

टीकाकरण के दौरान धैर्य दिखाना !

उन्होंने कहा कि जिस तरह धैर्य के साथ आपने कोरोना का मुकाबला किया वैसा ही धैर्य टीकाकरण के दौरान भी दिखाना है। इतिहास में इतना बड़ा वैक्सीनेशन अभियान कभी नहीं चलाया गया है। पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों को टीका लगेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया के 100 से भी ज्यादा ऐसे देश हैं जिनकी संख्या 3 करोड़ से कम है और भारत पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है। दूसरे चरण में इसको 30 करोड़ तक ले जाना है। जो बुजुर्ग हैं और जो बीमारियों से ग्रसित हैं उन्हें अगले चरण में टीका लगेगा। आप कल्पना कर सकते हैं, 30 करोड़ की आबादी से ऊपर के दुनिया के सिर्फ तीन ही देश हैं- खुद भारत, चीन और अमेरिका।

प्रोपेगेंडा से बचकर रहें

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे वैज्ञानिक और विशेषज्ञ जब दोनों मेड इन इंडिया वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर आश्वस्त हुए, तभी उन्होंने इसके इमरजेंसी उपयोग की अनुमति दी। इसलिए देशवासियों को किसी भी तरह के प्रोपेगेंडा, अफवाहें और दुष्प्रचार से बचकर रहना है |

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत ने जिस प्रकार कोविड-19 महामारी का मुकाबला किया उसका लोहा आज पूरी दुनिया मान रही है। कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान के आरंभ से पहले राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि इस महामारी से देश की लड़ाई आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की रही और इस मुश्किल दौर में भी हर भारतीय में आत्मविश्वास को कमजोर न पड़ने देने का संकल्प दिखा। लगभग साल भर से चली आ रही कोरोना के खिलाफ जंग के दौरान हुई लोगों को मौतों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री भावुक भी हो गए।
उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब कुछ देशों ने अपने नागरिकों को चीन में बढ़ते कोरोना के बीच छोड़ दिया था तब भारत चीन में फंसे हर भारतीय को वापस लेकर आया। उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ भारत के ही नहीं, हम कई दूसरे देशों के नागरिकों को भी वहां से वापस निकालकर लाए।’’ उन्होंने देशवासियों को बताया कि कैसे एक देश में जब भारतीयों की कोविड जांच के लिए उपकरण कम पड़ गए तो भारत ने पूरी लैब भेज दी थी ताकि वहां से भारत आ रहे लोगों को टेस्टिंग की दिक्कत ना हो। उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने इस महामारी से जिस प्रकार से मुकाबला किया उसका लोहा आज पूरी दुनिया मान रही है। केंद्र और राज्य सरकारें, स्थानीय निकाय, हर सरकारी संस्थान, सामाजिक संस्थाएं, कैसे एकजुट होकर बेहतर काम कर सकते हैं, ये उदाहरण भी भारत ने दुनिया के सामने रखा।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ देश की हमारी लड़ाई ‘‘आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता’’ की रही है। उन्होंने कहा, ‘‘इस मुश्किल लड़ाई से लड़ने के लिए हम अपने आत्मविश्वास को कमजोर नहीं पड़ने देंगे, ये प्रण हर भारतीय में दिखा।’’ उन्होंने कहा कि भारत ने 24 घंटे सतर्क रहते हुए हर घटनाक्रम पर नजर रखी और ‘‘सही समय पर सही फैसले लिए।’’ उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के उन पहले देशों में से था जिसने अपने हवाईअड्डों पर यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। उन्होंने कहा, ‘‘जनता कर्फ्यू, कोरोना के विरुद्ध हमारे समाज के संयम और अनुशासन का भी परीक्षण था, जिसमें हर देशवासी सफल हुआ।

जनता कर्फ्यू ने देश को मनोवैज्ञानिक रूप से लॉकडाउन के लिए तैयार किया। हमने ताली-थाली और दीए जलाकर, देश के आत्मविश्वास को ऊंचा रखा।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि संकट के उसी समय में जब देश भर में निराशा का वातावरण था तब देश के चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मी, एंबुलेंस ड्राइवर, आशा वर्कर, सफाई कर्मचारी, पुलिस और अग्रिम मोर्चे पर तैनात दूसरे कर्मी देशवासियों की जान बचाने में अपने प्राणों को संकट में डाल रहे थे। इस जंग में मारे गए लोगों को याद करते हुए प्रधानमंत्री भावुक हो गए।

यहां सुने प्रधानमंत्री मोदी का पूरा संबोधन:

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