देहरादून, मसूरी के वुडस्टॉक स्कूल में 27 से 28 सितंबर को भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय वेल-बीइंग सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। ये सम्मेलन पाथवेज टू फ्लोरिश थीम पर आयोजित होगा। सम्मेलन शिक्षा में कल्याणकारी तत्वों के समावेश के लिए समग्र दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभाएगा। वुडस्टॉक स्कूल के प्रतिनिधिमंडल का कहना हैं कि कि दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेल-बीइंग कांफ्रेंस में 17 भारतीय राज्यों के 77 स्कूलों के 145 प्रतिनिधियों और नेपाल के एक स्कूल के 85 प्रतिनिधियों समेत कुल 232 प्रतिनिधि शामिल होंगे। उनका कहना हैं कि इस अद्वितीय मंच की परिकल्पना इस तरह की गई है कि स्कूलों में छात्रों के हित, मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक लचीलेपन को बढ़ाने वाली अभिनव नीतियों और रूपरेखाओं का पता लगाने का प्रयास हो सके।
प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि सम्मलेन में होने वाली चर्चाओं और संभाषणों से शिक्षकों, परामर्शदाताओं, मानसिक स्वास्थ्य और शोधकर्ताओं सहित समस्त प्रतिभागी लाभान्वित होंगे। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य अगली पीड़ी के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को बेहतर बनाने के लिए स्कूली समुदायों को जरूरी जानकारियों और उपकरणों की मदद से सशक्त बनाना है। सम्मेलन के प्रतिभागियों को उत्तराखंड के दूरदराज गांवों की महिलाओं द्वारा बनाए गए हस्तनिर्मित बैग दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वुडस्टॉक पर्यावरण की स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है, इसलिए अधिकांश मुद्रित सामग्री रिसाइकिल किये गए कागज से बनाई गई है और सूखे नारियल के पत्तों से कलम तैयार की गई है, जो सम्मेलन में प्रयोग में लाए जाएंगे।
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