अल्मोड़ा, उत्तराखंड़ के पर्वतीय जिलों में अपराध में बढ़ोत्तरी हुई है, राज्य के अल्मोड़ा जिले में महिलाओं, बालिकाओं और किशोरियों के लापता होने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। वहीं पुलिस महिला अपराधों पर कार्रवाई के लिए सजग बनी हुई है। पिछले छह माह में जिले में 35 महिलाएं और बालिकाएं लापता हुई हैं, जिसमें से पुलिस ने 33 को बरामद किया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार राय ने आगे भी महिला अपराधों को लेकर शीघ्र पुलिस को सूचना देने का आह्वान किया
जिले में पुलिस साइबर अपराध, नशा उन्मूलन और महिला सुरक्षा को लेकर अभियान चला रही है। एसएसपी ने सभी थानों और चौकियों को भी इसके निर्देश दिए थे। जबकि विभिन्न कानून व्यवस्था बनाने और अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए क्राइम बैठक में भी समीक्षा की गई। इस दौरान महिलाओं और बालिकाओं की गुमशुदगी के मामले काफी अधिक सामने आए हैं। जिला और थाना स्तर पर गठित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को सक्रिय रहकर महिला अपराध और मानव तस्करी मामलों में प्रभावी कार्रवाई के लिए थाना प्रभारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं।
बीते छह माह में पुलिस ने ऐसे मामलों में तत्काल कार्रवाई करते हुए 33 गुमशुदा महिलाओं और बालिकाओं को अल्प समय में ही बरामद किया। इसमें सोमेश्वर थाना क्षेत्र से स्कूल से घर के लिए निकली नाबालिग को एक घंटे में, लमगड़ा और दन्यां क्षेत्रों में दो अलग-अलग मामलों में जंगल में कांबिंग कर चार घंटे के भीतर गुमशुदाओं को बरामद करने के चर्चित मामले हैं। इसके अलावा पुलिस यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, छेड़छाड़ आदि अपराधों को लेकर भी लोगों को जागरूक कर रही है। महिला और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
स्कूल, कालेज खुलने और छुट्टी के समय पुलिस भेजकर गश्त की जा रही है। महिलाओं, बालिकाओं को पुलिस हेल्प लाइन नंबर डायल 112, 1090 और 1098 के साथ उत्तराखंड पुलिस एप के गौरा शक्ति ई-कंपलेन की सुविधा के बारे में भी बताया जा रहा है।
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