Monday, December 30, 2024
HomeStatesUttarakhandबद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के दृष्टिगत...

बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के दृष्टिगत इनकी धारण क्षमता बढ़ाने की दिशा में प्रयास किये जाएं : सीएम

–  यात्रा प्राधिकरण बनाने के लिए सभी प्रक्रियाएं 30 जनवरी, 2025 तक पूर्ण की जाएं।
– डिजिटल टेक्नोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल करते हुए यात्रा पंजीकरण की व्यवस्था मजबूत की जाए।

देहरादून(आरएनएस)।  बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के दृष्टिगत इनकी धारण क्षमता बढ़ाने की दिशा में प्रयास किये जाएं। उत्तराखण्ड की आगामी चारधाम यात्रा के सफल संचालन और सुगम बनाने के लिए अभी से पूरी तैयारियां की जाए। चारधाम यात्रा की सभी व्यवस्थाओं को मजबूत बनाने के लिए यात्रा प्राधिकरण बनाने के लिए सभी प्रक्रियाएं 30 जनवरी, 2025 तक पूर्ण की जाएं। 15 जनवरी तक चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों और हितधारकों के साथ बैठक कर उनके सुझाव लिए जाएं। तीर्थ पुरोहितों और स्टेक होल्डरों से सुझाव लेकर यात्रा प्रबंधन के लिए जो अच्छा हो सकता है, वह किया जाए। सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल करते हुए यात्रा पंजीकरण की व्यवस्था मजबूत की जाए। यह निर्देश मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के इन चारों धामों की यात्रा राज्य के मान और सम्मान से जुड़ी यात्रा है। उन्होंने कहा कि आगामी चारधाम यात्रा के दृष्टिगत यात्रियों की हर प्रकार की सुविधा, यातायात प्रबंधन, अवस्थापना सुविधाओं के विकास के दृष्टिगत धामों की धारण क्षमता, यात्रा मार्गों पर विभिन्न व्यवस्थाओं और अन्य सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अभी से पूरी तैयारियां की जाए। गत वर्ष चारधाम यात्रा में अत्यधिक श्रद्धालुओं का आगमन हुआ था।इसके बेहतर के लिए भी अभी से पूरी योजना बनाकर कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि चारधाम यात्रा मार्गों पर जिन स्थानों पर वाहनों को रोकने की व्यवस्था हो, उन स्थानों पर पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था के साथ ही होटल, पेयजल, शौचालय, स्वच्छता और अन्य सभी मूलभूत आवश्यकताओं का पूरा ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि चारों धामों के आस-पास के पौराणिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के शीतकालीन प्रवास स्थलों पर यात्रा व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार कार्य किए जाएं। शीतकालीन यात्रा के दौरान बेहतर व्यवस्थाएं बनने से चारधाम यात्रा के दौरान भी इससे व्यवस्थाएं सुव्यवस्थित रहेंगी। उन्होंने कहा कि राज्य के इन चारों धामों के शीतकालीन प्रवास स्थलों के आस-पास के पौराणिक क्षेत्रों के विकास के साथ ही पंच बद्री और पंच केदार के महत्व के बारे में भी व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए और इनका सुनियोजित विकास भी किया जाए।
इस अवसर पर भारतीय प्रबंधन संस्थान रोहतक के निदेशक प्रो. धीरज शर्मा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से गत वर्षों में चारधाम यात्रा के दौरान आई प्रमुख कठिनाइयों और उनके समाधान के लिए क्या उपाय किये जा सकते हैं? चारधाम यात्रा के दौरान यातायात प्रबंधन और पंजीकरण व्यवस्था को मजबूत बनाने पर जानकारी दी।
बैठक में प्रमुख सचिव  आर.के. सुधांशु, सचिव  आर. मीनाक्षी सुंदरम,  शैलेश बगोली,  सचिव कुर्वे, विशेष कार्याधिकारी पर्यटन विभाग  भाष्कर खुल्बे, अपर पुलिस महानिदेशक  ए.पी अंशुमन उपस्थित थे।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments