पौड़ी, स्कूल से नदारद रहते हुए अपने बदले में ठेके में अध्यापिका रखने वाली प्रभारी प्रधानाचार्य को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया और कार्यालय उप शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा विकास खंड थलीसैंण में संबद्ध किया गया है। इसके आदेश मोहम्मद सावेद आलम प्रारंभिक जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा पौड़ी गढ़वाल ने जारी कर दिए हैं।
सरकार जैसे-जैसे शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के दावा करती है वैसे-वैसे ही स्कूलों में एक से बढ़कर एक नए-नए मामले सामने आते हैं। अब ताजा मामला उत्तराखंड के पौड़ी जिले के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बगवाड़ी में प्रभारी प्रधानाध्यापिका नए विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने के लिए ठेके पर अध्यापिका रखी थी और वह खुद नदारद रहती है। दरअसल मामला मंगलवार को सीईओ ने जब स्कूलों का निरीक्षण किया तो इसका खुलासा हुआ जिसके पश्चात सीईओ द्वारा प्रधानाध्यापिका का वेतन रोक लगाते हुए स्पष्टीकरण तलब किया है।
दरअसल मंगलवार को मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ आनंद भारद्वाज थलीसैंण में आयोजित तहसील दिवस में शामिल होने जा रहे थे, इस बीच उन्होंने स्कूलों का निरीक्षण किया जिसके पश्चात उन्होंने बताया कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय बगवाड़ी में निरीक्षण के दौरान पाया गया कि स्कूल की प्रभारी प्रधानाध्यापिका शीतल रावत व सहायक अध्यापिका माधुरी सेवारत हैं और विद्यालय में 50 छात्र छात्राएं हैं निरीक्षण में यह पाया गया कि विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापिका शीतल रावत नदारद हैं और उन्होंने अपने स्थान पर एक अध्यापिका को गांव की एक लड़की को रखा है जो बच्चों को पढ़ा रही है। प्रधानाध्यापिका उस लड़की को ढाई हजार रुपये मासिक धनराशि देती है जिस पर मुख्य शिक्षा अधिकारी ने इसे सरकारी कर्मचारी के दायित्वों का उल्लंघन पाया है साथ ही नदारद प्रभारी प्रधानाध्यापिका से स्पष्टीकरण तलब कर अग्रिम आदेश तक उनके वेतन पर रोक लगा दी है।
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