देहरादून(आरएनएस)। पर्यटन विभाग की समीक्षा करते हुए पर्यटन मंत्री ने बुधवार को उत्तराखंड यात्रा विकास प्राधिकरण के गठन को कार्यवाही के निर्देश दिए। कहा कि जल्द प्रक्रिया को पूरा किया जाए। ताकि अगले साल चार धाम यात्रा को और बेहतर तरीके से संचालित किया जा सके। पर्यटन विकास परिषद में हुई समीक्षा बैठक में महाराज ने कहा कि चार धाम यात्रा समेत अन्य धामों और प्रमुख पर्यटन स्थलों में बेहतर व्यवस्थाएं बनाने को यात्रा विकास प्राधिकरण का गठन किया जा रहा है। इससे व्यवस्थाएं और बेहतर होंगी। महाराज ने कहा कि रुद्रप्रयाग स्थित दूरस्थ गांव ब्यूंखी को पर्यटन ग्राम बनाने के अलावा नाथ सर्किट, पांडव सर्किट, विवेकानंद सर्किट और रविंद्र नाथ टैगोर सर्किट बनाने की कार्यवाही भी शुरू की जाए। महाराज ने जीएमवीएन और केएमवीएन के एकीकरण की प्रक्रिया को भी तेज किए जाने के निर्देश दिए। जल्द विधिवत प्रस्ताव तैयार कर एकीकरण सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
महाराज ने निर्देश दिए कि टनकपुर होते हुए जनकपुर नेपाल के लिए रघुनाथ जी की यात्रा और पशुपतिनाथ से त्रियुगीनारायण तक शंकर जी की बारात के आयोजन को संस्कृति विभाग के साथ मिलकर तैयारियां की जाएं। कहा कि इस तरह के आयोजन से आपसी सद्भाव बढ़ाने के साथ-साथ भारत नेपाल संबंधों में भी प्रगाढ़ता आएगी।
कहा कि विदेश भ्रमण के दौरान विभिन्न स्थानों पर यात्रा के दौरान नगद धनराशि देने का प्रावधान नहीं है, इसलिए विदेश भ्रमण के दौरान ट्रैवल कार्ड के प्राविधान होना चाहिए। कहा कि कालीमठ मंदिर की सीढ़ियां काफी खड़ी हैं। इससे वहां आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इन सीढ़ी के स्टेप को छोटा करने के साथ साथ बुजुर्गों और दिव्यांगों को मंदिर तक जाने के लिए व्हील चेयर ले जाने के लिए भी व्यवस्था की जाए। बैठक में सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे, अपर सचिव अभिषेक रोहेला, पूजा गर्ब्याल, संतोष गंगवार मौजूद रहे।
एएसआई से मांगी जाएगी छूट
महाराज ने रुद्रप्रयाग स्थित प्राचीन मनणामाई मंदिर के स्थलीय विकास के निर्देश दिए। कहा कि इसके लिए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एसआई) संरक्षित मंदिरों के जीर्णोद्धार, मरम्मत के नियमों में शिथिलता बरतने को केंद्र सरकार से बात की जाएगी। एएसआई के कड़े प्रावधानों के चलते संरक्षित मंदिरों की 100 मीटर की परिधि में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर पाबंदी है। इस कारण पौराणिक मंदिरों का स्थलीय विकास, जीर्णोद्धार नहीं हो पा रहा है।
Recent Comments