देहरादून, सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स के पति या पत्नी यदि केंद्र व राज्य की किसी हेल्थ स्कीम से जुड़े हैं तो उनके लिए आयुष्मान योजना से जुड़ना अनिवार्य नहीं होगा। ऐसे लोगों को अपने विभाग के आहरण- वितरण अधिकारी को इसकी सूचना देनी होगी। इसके बाद कर्मचारियों-पेंशनर्स का अंशदान भी नहीं काटा जाएगा। इस संदर्भ में मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने आदेश जारी कर दिए हैं। राज्य सरकार ने पहले सभी कर्मियों व पेंशनर्स के लिए आयुष्मान योजना को अनिवार्य किया था। इसके तहत कर्मचारी योजना का लाभ ले या न ले, पर वेतन या पेंशन से अंशदान की कटौती हर सूरत में होनी थी।
अब सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि किसी कर्मचारी या पेंशनर्स का पति/पत्नी केंद्र सरकार की सीजीएचएस या राज्य कर्मचारी बीमा निगम की हेल्थ स्कीम से जुड़ा है और उसी से जुड़ा रहना चाहता है तो उसे आयुष्मान योजना से न जड़ने का विकल्प दिया जाएगा।
कर्मियों या पेंशनर्स को अपने विभाग को इसकी सूचना देनी होगी। अपर सचिव स्वास्थ्य अरुणेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि सरकार का मकसद कर्मचारियों व पेंशनर्स को कैशलेस इलाज की सुविधा देना है न कि जबरदस्ती अंशदान कटौती करना। सरकार के इस फैसले से उन हजारों कर्मचारी और पेंशनर्स को राहत मिली है जिनके पास पहले से सरकारी हेल्थ स्कीम है। राज्य में बड़ी संख्या में महिला कर्मियों के पति सैन्य सेवाओं में हैं जबकि कई के पति/पत्नी केंद्रीय सेवा में है। साथ ही बड़ी संख्या में लोग राज्य कर्मचारी बीमा निगम की हेल्थ स्कीम में हैं। ऐसे सभी लोगों को राहत मिल गई है।
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