Tuesday, December 24, 2024
HomeTechnologyआशा वर्कर्स ने विभिन्न मांगों को लेकर किया प्रदर्शन, अब विधानसभा सत्र...

आशा वर्कर्स ने विभिन्न मांगों को लेकर किया प्रदर्शन, अब विधानसभा सत्र के दौरान भी होगा प्रदर्शन

देहरादून, सीटू से संबद्ध उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन ने विभिन्न मांगों को लेकर स्वास्थ्य महानिदेशालय पर प्रदर्शन किया। आशाओं ने मांगों को लेकर लगातार संघर्ष करने की बात कही। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि 26 फरवरी 2024 को होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान वे विधानसभा पर प्रदर्शन करेंगी।
प्रदर्शन के दौरान आशाओं को संबोधित करते हुए सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने कहा कि वर्तमान में केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकारें हैं। ये सरकारें आशाओं की मांगों को नजरअंदाज कर रही हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा के चुनाव की दहलीज पर हम खड़े हैं। यदि सरकार आशाओं की मांगो पर विचार नही करती है, तो उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
इस अवसर पर यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे ने कहा कि हमारी यूनियन की ओर से सरकार व विभागीय अधिकारियों को आंदोलन व अन्य माध्यमों से समय समय पर मांगों को लेकर ज्ञापन दिए गए हैं। किंतु सरकार द्वारा कोई सकारात्मक कारवाही नही की गई है इस लिए उन्होंने तय किया गया है कि वे 26 फरवरी 2024 को होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान वे विधानसभा पर प्रदर्शन करेंगे उन्होंने मांग की कि उनसे वार्ता कर मांगों पर कार्यवाही की जाए इस अवसर पर स्वास्थ्य महानिदेशक को मांग पत्र दिया गया और कारवाही हेतु मांग की गई।
इस अवसर पर यूनियन की प्रांतीय उपाध्यक्ष कलावती चन्दोला, जिला देहरादून अध्यक्ष सुनीता चौहान, लोकेश देवी, रीता, ममता, नीरा कंडारी ने स्वास्थ्य महानिदेशक के साथ वार्ता में भाग लिया। बताया गया कि वार्ता में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की ओर से आश्वस्त किया गया कि वे शासन में वार्ता कर कार्रवाई करेंगे।

आशा वर्कर्स की मांगे :
आशाओं को 10 हजार वेतन, मानदेय दिए जाने का कई राज्यो में प्रावधान है। इसे उत्तराखंड में भी लागू किया जाए। आशाओं को सरकारी सेवक का दर्जा दिया जाए, न्यूनतम वेतन 21 हजार प्रतिमाह हो, वेतन निर्धारण से पहले स्कीम वर्कर की तरह मानदेय दिया जाए, सेवानिवृत्ति पर पेंशन सुविधा हो, कोविड कार्य में लगी सभी आशाओं को भत्ता दिया जाए, सेवा के दौरान दुर्घटना, हार्ट अटैक या बीमारी की स्थिति में नियम बनाए जाएं, न्यूनतम 10 लाख का मुआवजा दिया जाए, सभी स्तर पर कमीशनखोरी पर रोक, अस्पतालों में विशेषज्ञ डाक्टरों की नियुक्ति हो, आशाओं के साथ सम्मान जनक व्यवहार किया जाए आदि मांगे शामिल हैं।
प्रदर्शनकारियों में नीरज यादव, राधा, सुनीता, रोशनी, लता, नीलम, भुवनेश्वरी, अनाली, सुषमा, अंजली, बबीता, सुनयना, आशा ठाकुर, इवन, मेहरून, सुनित पाल आदि शामिल हुए।

 

आशाओं के हर आंदोलन में पंचायत प्रतिनिधि शामिल होकर उनकी ताकत को बढ़ाएंगे : मर्तोलिया

पिथौरागढ़, उत्तराखंड़ त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के संयोजक तथा जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज जिला मुख्यालय में आशा कार्यकर्तीओं द्वारा चलाए जा रहे धरना-प्रदर्शन में बैठ कर सरकार को चैताया।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में मुख्यमंत्री ने ₹6000 तथा प्रधानमंत्री ने ₹12500 मानदेय दिए जाने की घोषणा की थी, जो अभी तक पूरी नहीं हुई है।
उन्होंने सरकार से तत्काल आशा कार्यकर्तीओं को मानदेय दिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार आशाओं के ऊपर काम के बोझ को लगातार बढ़ा रही है, लेकिन काम के बदले उन्हें पारिश्रमिक नहीं दे रही है। यह महिला समाज के प्रति अन्याय का ज्वलंत उदाहरण है। कहा कि भविष्य में उनके हर आंदोलन में पंचायत के प्रतिनिधि शामिल होकर उनकी ताकत को बढ़ाएंगे।

 

हरिद्वार रोड स्थित परिवहन निगम की पूर्व कार्यशाला स्मार्ट सिटी को हस्तांतरित

देहरादून, उत्तराखंड़ परिवहन निगम की हरिद्वार रोड स्थित पूर्व कार्यशाला भूमि देहरादून स्मार्ट सिटी को हस्तांतरित कर दिया गया। भूमि यूटीसी की तरफ से भूमि हस्तगत कर्ता अनिल सिंह महाप्रबंधक प्रशासन द्वारा देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी तीरथपाल सिंह को किया गया |
उक्त कार्य में सीपीडब्ल्यूडी की तरफ से उनके अधिशासी अभियंता संजय कुमार, सहायक अभियंता तारक कांत नायक, देहरादून स्मार्ट सिटी की तरफ से अधीक्षण अभियंता जगमोहन सिंह चौहान और उनके सहायक महाप्रबंधक गिरीश पुंडीर, यूटीसी की तरफ से उनके सहायक अभियंता प्रमोद दीक्षित भी उपलब्ध रहे एवं स्मार्ट सिटी की लिमिटेड की तरफ से सहायक महाप्रबंधक आशीष दया सक्सेना एवं अधिशासी अभियंता मदन मोहन सिंह पुंडीर, सहायक अभियंता आशीष मिश्रा उपस्थित रहे।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता एचपीएससी की बैठक में हुए निर्णय के बाद एक अतिरिक्त बेसमेंट का निर्माण किया जाएगा ( कुल बेसमेंट 2) तथा एक ग्राउंड फ्लोर एवं 6 और फ्लोर का भवन बनाया जा रहा है। रुके हुए निर्माण कार्य पुनः प्रारंभ होने जा रहा है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments