Sunday, November 24, 2024
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भारी बारिश ने मचाया हड़कंप : रुद्रप्रयाग टिहरी सर्वाधिक प्रभावित, केदारनाथ यात्रा स्थगित प्रशासन ने की 10 लोगों के मरने की पुष्टि, 5 लापता

-मुख्यमंत्री धामी ने किया हवाई व स्थलीय निरीक्षण

-गंगा का जलस्तर बढ़ा, घाटों से दूर रहने की अपील

-लिंचोली में फंसे यात्रियों का हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू जारी

देहरादून, उत्तराखंड़ में मानसून की बारिश ने पूरे पर्वतीय भूभाग में आफत का ताड़व दिखा दिया। राज्य में बीते 24 घंटे में राज्य में हुई भारी बारिश के कारण 10 लोगों की जान चली गई तथा पांच लोग लापता है। आपदा का सबसे ज्यादा असर रुद्रप्रयाग और टिहरी में देखा गया जहां बादल फटने से भारी जान माल का नुकसान हुआ है। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर दो पुलों के बह जाने तथा हाईवे का एक बड़ा हिस्सा बह जाने से सैकड़ो यात्रियों के फंस जाने की खबर है, जिन्हें हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू और जंगल में बनाए गए वैकल्पिक मार्ग से निकाल लाने का प्रयास किया जा रहा है। केदारनाथ हाईवे और पैदल मार्ग के बंद हो जाने के कारण फिलहाल कुछ दिनों के लिए केदारनाथ यात्रा को स्थगित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जो खुद हालात पर नजर बनाए हुए हैं, ने आज टिहरी के घनसाली क्षेत्र का हवाई निरीक्षण किया तथा धरातल पर जाकर भी स्थिति का जायजा लिया। बीती रात यहां जखनियाली में बादल फटने से भारी तबाही हुई थी तथा दो लोगों की मौत हो गई थी तथा एक साधु लापता हो गया था। मुख्यमंत्री धामी ने आज आपदा सचिव व सभी जिलों के डीएम के साथ स्थलीय हालत की जानकारी ली। उनका कहना है कि वह स्वयं स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। उनकी प्राथमिकता है कि मुसीबत में फंसे लोगों को पहले सुरक्षित बाहर निकाला जाए।
रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड तक भूस्खलन के कारण हाइवे कई जगह बाधित हो गया, महाबली व जानकी चटृी के बीच दो पुल बह गए हैं तथा कुंड के पुल के एक हिस्से के धसने से इस पर आवाजाही रोक दी गई है। वही सोनप्रयाग गौरीकुंड के बीच मंदाकिनी के तेज बहाव के साथ हाईवे का बड़ा हिस्सा बह गया है, लिंचोली में 500 से अधिक लोग फंसे हुए हैं जिन्हें हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर तथा जंगल से वैकल्पिक मार्ग से निकाला जा रहा है। समाचार लिखे जाने तक 100 के आसपास लोगों को निकाला जा चुका था तथा रेस्क्यू जारी था। केदारनाथ यात्रा को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है तथा हाईवे व वैकल्पिक मार्ग खुलने तक यात्रा बंद रहेगी। इस आपदा से हरिद्वार में तीन रुड़की में दो तथा देहरादून व चमोली में एक—एक मौत होने की पुष्टि प्रशासन द्वारा की गई है जबकि पांच लोग लापता बताए गए हैं। पहाड़ पर भारी बारिश के बाद ऋषिकेश व हरिद्वार में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है प्रशासन ने लोगों से घाटों से दूर रहने की अपील की है।

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