देहरादून, लगातार कई दिन बारिश के बाद राजधानी दून में दिनभर धूप खिली रही लेकिन शाम आते आते फिर से बारिश का सिलसिला जारी हो गया, वहीं मौसम विभाग की माने तो अगले चार दिन तक प्रदेश में भारी बारिश होने की आशंका है। जबकि आज देहरादून के साथ उत्तराखण्ड़ के कई जनपदों में मौसम साफ रहा और धूप खिली रही, वैसे मौसम विज्ञान विभाग ने चंपावत, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले में अत्याधिक बारिश की चेतावनी जारी की है। तीनों जिलों के जिलाधिकारियों को तीन दिन 14, 16 और 17 जुलाई को विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। इन तीन दिनों में कहीं-कहीं बहुत भारी बारिश और बिजली चमकने की आशंका है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि प्रत्येक स्तर पर तत्परता और सुरक्षा बनाए रखी जाए और आवागमन पर नियंत्रण हो। किसी भी आपदा की स्थिति में स्थलीय कार्रवाई हो और सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाए। अधिकारियों को मुस्तैदी से अपने कार्य स्थल पर रहने के लिये कहा गया | इसके साथ ही सरकार ने अधिकारियों को मोटर मार्गों को तत्काल खोलने के प्रबंध करने के लिये निर्देशित किया है। राज्य के सभी राजस्व उपनिरीक्षक, ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम पंचायत अधिकारी अपने क्षेत्रों में बने रहें। सभी चौकी व थाने भी आपदा संबंधी उपकरणों व वायरलेस सहित हाई अलर्ट पर रहें।
मोबाइल स्विच ऑफ नहीं रहेंगे
अधिकारियों को निर्देश दिए कि चेतावनी की अवधि में किसी भी अधिकारी व कर्मचारी के मोबाइल फोन स्विच ऑफ नहीं होंगे। विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए स्कूलों में विशेष सावधानी बरती जाएगी।
सरकार के निर्देश :
– लोगों के फंसे होने की स्थिति में खाद्य सामग्री व मेडिकल व्यवस्था की जाए।
– उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों को आवागमन की अनुमति नहीं दी जाए।
– नगरों-कस्बों में नालियों के अवरोध दूर किए जाएं।
प्रदेश की 404 सड़कें भूस्खलन से बंद :
प्रदेश में लगातार कई दिनों से हो रही बारिश की वजह से कई जगहों पर भूस्खलन और भू-धंसाव हुआ है। इससे रुद्रप्रयाग जिले में रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई राष्ट्रीय और राज्य मार्ग बंद हो गए। बृहस्पतिवार को राज्य के 214 मार्ग बंद हुए, जिन्हें मिलाकर अब तक 404 मार्ग बंद हैं। वहीं इस साल अब तक 12 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं, हालांकि प्रदेश भर में 36 पुलों की स्थिति जर्जर बताई जा रही हैं।
राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों में टिहरी में कुरीखाल कुई मोटर मार्ग, इसी जिले में सौंडी भुटली नैल पवैथ मोटर मार्ग, कारगिल शहीद जगत सिंह के ग्राम कुड्या तक मुख्य मार्ग, गूलर गजा मोटर मार्ग से पावकी देवी इंटर कॉलेज मोटर मार्ग, गौमुख डोभ मोटर मार्ग, क्यार सौड़ मोटर मार्ग सहित कई मार्ग मलबा आने से बंद हैं। वहीं रुद्रप्रयाग-गौरीकुण्ड राष्ट्रीय राजमार्ग से मलबा हटाने का कार्य किया जा रहा है। प्रशासन का दावा है कि जल्द ही मार्गों को आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा।
दूसरी तरफ चमोली जिले के पोखरी में पोखरी-हरिशंकर मोटर मार्ग किलोमीटर सात से आठ पर वॉश आउट हो गया है। इस मार्ग को खोलने के लिए अतिरिक्त पहाड़ कटान की आवश्यकता है। पौड़ी जिले में बिरसीणीखाल कोटा सिल्सू मोटर मार्ग, नगर मवाधार मोटर मार्ग, तैड़ी बसंतपुर मोटर मार्ग, जाखणी घुडैत मोटर मार्ग, मरगांव कांडा मोटर मार्ग, कोट तल्ला, कोट मल्ला मोटर मार्ग भी मलबा आने से बंद हैं | राज्य में इस साल मानसून ने जुलाई के पहले सप्ताह से ही आपना रंग दिखा शुरू कर दिया और इस सप्ताह में हो रही भारी बारिश ने राज्य के कई हिस्सों में तबाही का मंजर पैदा कर दिया |
वहीं दून में स्मार्ट सिटी के कार्यो के कारण सड़कों के हाल बुरे हैं जगह पर नालियां खुदी पड़ी हैं और दुर्घटना को न्यौता दे रही है | वैसे तो बरसात शुरू होने पहले नगर निगम शहर की नालियों को साफ करने का कार्य करता था लेकिन वह भी इस बार मात्र खाना पूर्ति तक ही सीमित रहा | शहर का आलम यह है कि चारों ओर शहर खुदा पड़ा और हम स्मार्ट सिटी का सपना देख रहे |
Recent Comments