ऋषिकेश, अंकिता हत्याकांड को लेकर पिछले 72 दिनों से युवा न्याय संघर्ष समिति द्वारा दिए जा रहे धरने को आज ॠषिकेश नगर निगम महापौर अनिता ममगांई ने उत्तराखंड की धामी सरकार के प्रतिनिधि के तौर समाप्त करा दिया। उन्होंने आदोंलनकारियों को भरोसा दिलाया कि उत्तराखंड को शर्मशार करने वाले इस जघन्य हत्याकांड के दोषियों को कड़ी सजा दिलाये जाने के लिए प्रदेश सरकार बेहद संवेदनशील है। मुख्यमंत्री पुष्कर स़िह धामी ने स्पष्ट कहा है कि उत्तराखंड की बेटी को न्याय दिलाने के लिए प्रदेश सरकार कृतसंकल्पित है, शुक्रवार की दोपहर हरिद्वार रोड़ पर चल रहे युवा न्याय संघर्ष समिति के धरने पर पहुंची महापौर ने दिंवगत अंकिता के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। अपने सम्बोधन में उन्होंने आंदोलनकारियों को जानकारी दी कि मुख्यमंत्री से हुई वार्ता में उन्होंने तत्काल प्रभाव से राजभवन के सामने अंकिता हत्याकांड का विरोध कर रहे आंदोलनकारियों के मुकद्दमें वापस लिए जाने की बात कही है। इस बाबत प्रदेश के डीजीपी अशोक कुमार को भी जानकारी दे दी गई है। महापौर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने साफ लफ्जों में कहा है कि यदि अंकिता हत्याकांड में एसआईटी की जांच से प्रदेश की आवाम न संतुष्ट हुई तो हमारे पास अंकिता को न्याय दिलाने के लिए और भी रास्ते खुले हैं। इस दौरान दलगत राजनीति से ऊपर उठकर अंकिता को न्याय दिलाने के लिए महापौर द्वारा किए गये प्रयासों की समिति के अध्यक्ष संजय सिल्सवाल ने खुलकर तारीफ करते हुए कहा अंकिता को न्याय दिलाने के मुख्यमंत्री द्वारा दिए आश्वासन के बाद धरना समाप्त करने की घोषणा कर दी।
अब यह देखना होगा क्या प्रदेश की धामी सरकार अंकिता हत्याकांड की जांच सही दिशा में कर हत्याकांड में आ रहे वीआईपी के नाम का खुलासा करेगी और अपराधियों को कठोर से कठोर सजा दिलाने की पैरवी करेगी, यह प्रश्न अभी खड़ा है, या कहीं यह राजनैतिक करवट तो नहीं, लेकिन जिस तरह का आश्वासन महापौर ने धरने पर बैठे आंदोलनकारियों को दिया वह भी विचारणीय है, क्योंकि आने वाले वर्ष में कई नगर निकाओं के चुनाव भी होने हैं और केन्द्र के चुनाव का समय भी नजदीक आ रहा है |
इस दौरान अमरा बिष्ट, जया डोभाल, रामेश्वरी चौहान, भगवती चमोली, सुमित्रा बिष्ट, ,विमला रौथान, विक्रम भंडारी, रविंद्र कौर, विमल नौटियाल, तार सिंह बिष्ट, राजेंद्र कोठारी, मदन सिंह राणा,पार्षद लक्ष्मी रावत, विजय बडोनी, मनीष बनवाल, प्रियंका यादव, शकुंतला शर्मा, विजयलक्ष्मी शर्मा, कमलेश जैन, उमा राणा, राधा रमोला, अजीत सिंह, देवेंदर प्रजापति, चेतन चौहान, प्रमोद शर्मा, सुजीत यादव आदि मोजूद रहे।
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