नैनीताल, उत्तराखंड हाईकोर्ट के तीन नए जजों की नियुक्ति को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। राष्ट्रपति भवन से जारी आदेश की प्रति नैनीताल हाईकोर्ट भी पहुंच चुकी है। हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश थपलियाल, पंकज पुरोहित व रजिस्ट्रार जनरल विवेक भारती को हाईकोर्ट के नए जजों के पद पर नियुक्त करने के आदेश जारी हुए हैं। शुक्रवार को तीनों जज शपथ ले सकते हैं।
भारत के राष्ट्रपति की तरफ से जारी पत्र के अनुसार उत्तराखंड उच्च न्यायालय में तीन नए जजों की नियुक्ति की जा रही है। लंबे समय से लंबित जजों की नियुक्ति को 27 अप्रैल के पत्र के बाद तय माना जा रहा है। न्यायालय में कुल 11 जजों की स्ट्रेंथ है, जिसमें से न्यायालय में वर्तमान में केवल पांच जज ही उपलब्ध थे।
आज तीन नए जजों के आने के बाद अब हाईकोर्ट में जजों की संख्या आठ तक पहुंच जाएगी।
दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र में पाश्चात्य एवं हिन्दुस्तानी संगीत के विशेषज्ञ निकोलस हाॅफलैण्ड ने दिया वाद्य यंत्रों पर एक वीडियो व्याख्यान
देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र द्वारा पुस्तक लोकार्पण, चर्चा, संगीत, वृतचित्र, फिल्म, लोक परम्परा, लोक कला, इतिहास, सामाजिक विज्ञान व पर्यावरण पर केन्द्रित विविध कार्यक्रम किये जाते हैं। इन कार्यक्रमों को यह संस्थान अब एक कलैण्डर के रूप में विकसित करने की ओर प्रयासरत है।
गुरूवार को संस्थान के सभागार में पाश्चात्य एवं हिन्दुस्तानी संगीत के विशेषज्ञ निकोलस हाॅफलैण्ड द्वारा सांय 4-6 बजे के मध्य ‘‘हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में प्रयुक्त वाद्य यंत्रों पर एक विडियों व्याख्यान दिया गया। अपने व्याख्यान में निकोलस ने बताया कि प्रस्तुत व्याख्यान के माध्यम से यह वीडियो-व्याख्यान हिन्दुस्तानी शास्त्रीय, पश्चिमी शास्त्रीय और अन्य संगीत रूपों पर चल रही श्रृंखला का एक हिस्सा है। इसे किशोरों और युवाओं, वयस्कों पर केन्द्रित करने का प्रयास किया गया हैं ताकि सभी लोग हिन्दुस्तानी और विश्व संगीत के विभिन्न पहलुओं का आनंद उठा सकें। यह विशेष व्याख्यान दर्शकों को हिंदुस्तानी, कर्नाटक, ध्रुपद, लोक और फिल्म संगीत में इस्तेमाल होने वाले वाद्य यंत्रों की विभिन्न श्रेणियों से परिचित कराने का प्रयास करता है। यह वीडियो-व्याख्यान एक लोकप्रिय, सुखद प्रस्तुति का प्रारूप है जिसे संगीत वीडियों के माध्यम से सीखने और समझने के लिए प्रदर्शित किया गया।
उल्लेखनीय है कि निकोलस द्वारा इस तरह के वीडियो व्याख्यान समय-समय पर विविध मंचों पर आयोजित किये जाते रहे हैं। जिसमें लेखन संसाधन, डिजाइनिंग, व्यापार संचारक, कला, क्यूरेटर व संगीत संसाधन प्रतिभा का अद्भुत समन्वय दिखाई देता है। हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के साथ ही पाश्चात्य शास्त्रीय संगीत व पुराने हिन्दी फिल्मी संगीत के विविध पक्ष उनके व्याख्यानों में साफ तौर पर परिलक्षित होते हैं। आज के कार्यक्रम में प्रो. बी.के.जोशी, श्री सुरजीत किशोर दास, डाॅ. योगेश घस्माना, डॉ. मालविका चौहान, श्री जगदीश बावला, डाॅ. अतुल शर्मा, श्री चन्द्रशेखर तिवारी, सुन्दर सिंह बिष्ट सहित पुस्तकालय के युवा पाठक, संगीतकला में रूचि रखने वाले प्रबुद्वजन सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।
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