लखनऊ, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार को हुई। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। आपको बता दें कि सरकार ने कोरोना से संबंधित दवाओं पर जीएसटी दरों में छूट को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद इसकी जानकारी दी |
कोरोना की दवाओं पर बढ़ी छूट अवधि
उन्होंने बताया कि कोरोना से संबंधित दवाओं पर जीएसटी दरों में छूट दी गई थी जो 30 सितंबर तक लागू थी। अब इस छूट को 31 दिसंबर, 2021 तक बढ़ाया गया है। जीएसटी दरों में ये छूट सिर्फ दवाइयों में दी जाएगी। पहले जो लिस्ट जारी की गई थी उसमें कई तरह के दूसरे उपकरण भी शामिल थे। जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक में गुजरात को छोड़कर तकरीबन सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि कुछ जीवन रक्षक दवाएं जो बहुत महंगी हैं, जो बच्चों के लिए ज़्यादा इस्तेमाल की जाती हैं, ये कोरोना से संबंधित नहीं हैं, ऐसी ड्रग्स को जीएसटी से छूट दी गई है। इसपर अब जीएसटी नहीं लगेगा। ज़ोलगेन्स्मा और विल्टेप्सो ऐसी ही 2 महत्वपूर्ण ड्रग्स हैं।
रेमडेसिविर पर लगेगी जीएसटी
उन्होंने बताया कि एम्फोटेरिसिन-बी और टोसीलिज़ुमैब पर जीएसटी नहीं लगेगा। रेमडेसिविर और हेपरिन पर 5 फीसदी जीएसटी लगेगा। यह छूट 31 दिसंबर, 2021 तक जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि कैंसर संबंधी ड्रग्स जैसे कीट्रूडा पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी की गई है।
पेट्रोल-डीजल पर अभी फैसला नहीं
उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद ने माल ढुलाई वाहनों के परिचालन के लिए राज्यों द्वारा वसूले जाने वाले राष्ट्रीय परमिट शुल्क से छूट दी। हालांकि इस बैठक में पेट्रोल-डीजल पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। जिसका मतलब साफ है कि पेट्रोल-डीजल जीएसटी दायरे से बाहर रहेंगे।
उन्होंने कहा कि क्या पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए ? इस मुद्दे पर कोर्ट के निर्देश के चलते चर्चा हुई। कई सदस्यों ने साफ तौर पर कहा कि यह समय पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने का नहीं है |
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