हरिद्वार(कुलभूषण): 16 जुलाई को कर्क संक्रांति के दिन सूर्यदेव के दक्षिणायन में प्रवेश करने वाली खगोलीय घटना दुनिया में एक विशेष प्रकृति पर्व के रुप में जानी जाती है जिसे देवभूमि उत्तराखंड के कुमायूं क्षेत्र में हरेला लोकपर्व के रुप में मनाए जाने की परंपरा प्राचीन काल से ही प्रचलन में है। विश्व समुदाय हर दिन कोई न कोई विशेष दिन मनाता जाता है लेकिन जीने के लिए सबसे जरूरी प्राणवायु को उत्पादित करने वाले वृक्ष के नाम पर अभी तक कोई ‘विशेष दिवस’ की न तो मान्यता मिली है और ना ही घोषणा हो पाई है। इतने महत्वपूर्ण मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए भारतीय वृक्ष न्यास ( ट्री ट्रस्ट ऑफ इंडिया) ने हरेला को ‘वृक्ष दिवस’ के रुप में मान्यता दिलाने वाली पहल की है। वृक्ष दिवस अभियान के तहत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से ट्री ट्रस्ट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ग्रीनमैन विजयपाल बघेल के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने भेंट कर समर्थन मांगा। उत्तराखंड के मूल लोकपर्व हरेला को ‘वृक्ष दिवस’ के रूप में वैश्विक स्वीकार्यता हासिल हो उसके लिए जनाभियान संचालित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री द्वारा हरेला के विषय की मौलिकता पर चिंतन करते हुए इसे उत्तराखंड का गौरव बढ़ाने वाला कदम बताया, उन्होंने भारतीय वृक्ष न्यास के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि हरेला विचार ही वैश्विक हरितक्रांति का आव्हान करने वाला आधार बनेगा। जैसे वृक्ष संरक्षण के लिए उत्तराखंड के चिपको आन्दोलन ने विश्वस्तरीय पहिचान हासिल करते हुए आगे योग के क्षेत्र में योगदिवस तक की वैश्विक यात्रा पूरी करने का कीर्तिमान स्थापित किया उसी तरह हरेला को भी ‘वृक्ष दिवस’ के रूप में स्वीकार्यता मिले, ऐसी शुभकामनाएं वृक्ष दिवस अभियान को दीं। उत्तराखंड सरकार इस प्रकृतिपर्व को पूर्व की भांति प्रमुखता से मनाए जाने के लिए संकल्पित है। सीएम ने वृक्ष दिवस अभियान को यथायोग्य सहयोग देने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री आवास पर भेंट करने वाले शिष्टमंडल में ग्रीनमैन विजयपाल बघेल के साथ हरेला लोकपर्व-24 आयोजन समिति के संयोजक सुरेश सुयाल और संरक्षक जगदीश लाल पाहवा उपस्थित रहे।
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