देहरादून, उक्रांद के केन्द्रीय अध्यक्ष पूरण सिंह कठैत ने प्रेस को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य निर्माण आंदोलन के दौरान 2 अक्टूबर 1994 को राज्य की मांग को लेकर दिल्ली रेली में जाते समय 1 अक्टूबर अर्धरात्री मे मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे में आंदोलंकारियों के साथ तत्कालीन उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा हत्याओं सहित शर्मनाक वारदात की गयी थी। राज्य बनने के बाद किसी भी सरकार द्वारा उत्तराखंड़ के स्वाभिमान के लिए कोई भी ठोस कार्यवाही नही की गयी। जिसमें 2018 से उत्तराखंड़ राज्य निर्माण आंदोलकारी संगठनों द्वारा स्वयं पहल करते हुए मुजफ्फरनगर कांड के केसों पर कोर्ट में पैरवी की गयी जिसमें पता चला कि देहरादून जिला जज के यहां से 4 केसों की अवैध रूप से बिना सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अलग राज्य उत्तर प्रदेश में स्थानांतरित कर दिया गया था, जिसमें जून से सुनवाई प्रारम्भ हो जाएगी।
31 अक्टूबर 2021 में आंदोलनकारी संगठनों नैनीताल में हुई बैठक में उत्तराखंड़ आंदोलनकारी संघर्ष समिति संगठन बनाकर मुजफ्फरनगर में चल रहे केसों की त्वरित करवाही के लिए प्रयागराज हाई कोर्ट द्वारा विशेष जज नियुक्त किया गया जिस पर मार्च माह में दो सिपाहियों को दोषी मान कर सजा दी गयी। अब वह अभियुक्त प्रयागराज हाई कोर्ट में जमानत की मांग कर रहे है। अभी भी मुजफ्फरनगर मे दो केस सेसन जज के यहां व 3 केस मजिस्ट्रेट सीबीआई कोर्ट मे चल रहे है।
उत्तराखंड़ क्रांति दल सरकार से मांग करता है कि इन केसों से जुड़े मामलों जिसमें मुजफ्फरनगर, मसूरी, खटीमा के 22 हत्याओं से अधिक से ज्यादा मामले है। उसमें सरकार महाधिवक्ता उत्तराखंड़ के नेतृत्व में स्थाई महाधिवक्ता उत्तराखंड़ सरकार ओर वर्तमान में केसों की पैरवी कर रहे नैनीताल व मुजफ्फरनगर अधिवक्ताओं को लेकर कमेटी का गठन करके उपरोक्त केसों की पैरवी करे जिससे शहीदों व पीड़ितों को न्याय मिल सके ओर उत्तराखंड़ के स्वाभिमान की गरिमा बनी सके।
प्रेस वार्ता में दल के कार्यकारी अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रावत, केन्द्रीय महामंत्री मनोरथ प्रसाद ध्यानी उपस्थित रहे।
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