प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई ऑल पार्टी मीटिंग (PM Narendra Modi All-party meeting) में आज कृषि कानूनों पर बात हुई. इसमें पीएम मोदी ने साफ कहा कि सरकार अपने रुख पर कायम है और कृषि कानूनों पर चर्चा जारी रखना चाहती है. इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष से भी किसानों से बात करने की अपील की.
मिली जानकारी के मुताबिक, ऑल पार्टी मीटिंग में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, टीएमसी के सुदीप बंद्योपाध्याय, शिवसेना सांसद विनायक राउत और एसएडी के बलविंदर सिंह भांडेर ने किसान आंदोलन पर बात की. जेडीयू सांसद आरसीपी सिंह ने कानूनों का समर्थन किया. मिली जानकारी के मुताबिक, मीटिंग में पीएम मोदी ने कहा कि सरकार कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए तैयार है. उन्होंने विपक्ष को यह भी कहा कि वे लोग भी किसानों से इसपर बात करें.
वैसे आज की यह ऑल पार्टी मीटिंग बजट सत्र के एजेंडा पर बातचीत को बुलाई गई थी. परसों यानी सोमवार को बजट 2021 पेश किया जाना है. बता दें कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने आज ऑल पार्टी मीटिंग में शामिल होने से मना कर दिया था. बता दें कि हनुमान बेनीवाल की पार्टी पहले एनडीए गठबंधन का हिस्सा थी लेकिन किसानों के मुद्दे पर अलग हो गई थी.
बजट सत्र को सुचारू रूप से चलाने पर बात
बता दें कि यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही है. सितंबर में पारित हुए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि में होने वाली इस बैठक में भाग लेने के लिए सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है. प्रदर्शनकारी किसानों की मांग यही है कि सरकार इन कानूनों को रद्द कर दें, लेकिन सरकार ने इसके समर्थन में कोई बात नहीं कही है.
शुक्रवार को लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला ने नेताओं संग एक बैठक की, जिसमें भाग लेने के बाद उन्होंने कहा कि उनके द्वारा लोकसभा में सभी दलों के नेताओं से सदन की गरिमा का सम्मान करने का अनुरोध किया गया है और कार्यवाही के सुचारू संचालन के लिए उनका सहयोग भी मांगा गया है.
नए दशक के पहले बजट सत्र का शुक्रवार को राष्ट्रपति ने संसद में ऐलान किया और कुल 18 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के इस अभिभाषण का बहिष्कार किया. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फिर से कहा कि सरकार को किसानों के आंदोलन के बारे में समाधान ढूंढ़ना चाहिए. कांग्रेस के साथ 17 विपक्षी दलों ने किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए राष्ट्रपति कोविंद के संबोधन का बहिष्कार करने की घोषणा की थी. ये किसान 26 नवंबर से दिल्ली सहित सिंघु, टिकरी और गाजीपुर की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
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