नई दिल्ली । एक रिपोर्ट में जानकारी सामने आई है कि भारत में कंपनियों को 2024 में औसतन 9.6 प्रतिशत वेतन वृद्धि की उम्मीद है, जो पिछले साल देखी गई वास्तविक वृद्धि के समान है। कंसल्टेंसी फर्म ईवाई ने रिपोर्ट में यह भी कहा कि कुल मिलाकर नौकरी छोडऩे की दर पिछले साल 2022 में 21.2 फीसदी से घटकर 18.3 फीसदी हो गई और अगले कुछ वर्षों में इसमें धीरे-धीरे गिरावट आने की संभावना है। ई-कॉमर्स में 2024 में सबसे अधिक वेतन वृद्धि 10.9 प्रतिशत होने की उम्मीद है, इसके बाद वित्तीय सेवाओं में 10.1 प्रतिशत की अनुमानित वृद्धि होगी।
बुधवार को आई एक प्रेस रिलीज में पता चला है कि पेशेवर सेवाओं का वेतन 2024 में 10 प्रतिशत बढऩे वाला है, जो एक बदलाव का संकेत देता है क्योंकि कंपनियां वैश्विक व्यापार जटिलताओं से निपटने के लिए रणनीति संरेखण में निवेश करती हैं। एक उभरते क्षेत्र के रूप में रियल एस्टेट और बुनियादी ढांचे का प्रभाव भी दिखाई दे रहा है, क्योंकि इस क्षेत्र में बतन वृद्धि 10 प्रतिशत पर स्थिर रहेगी।
यह रिपोर्ट विभिन्न क्षेत्रों की 80 फर्मों के इनपुट पर आधारित है और उनके कर्मचारियों का औसत आकार 5,000 से 10,000 के बीच था।
इसमें कहा गया है कि इंडिया 2024 में औसतन 9.6 प्रतिशत वेतन वृद्धि के लिए तैयार है, जो 2023 में वास्तविक वृद्धि के समान है।
रिपोर्ट के अनुसार, नियोक्ताओं के लिए फोकस के शीर्ष तीन क्षेत्र लाभ लागत योजना (43 प्रतिशत), कर्मचारी कल्याण (29 प्रतिशत), और उद्योग मानकों के साथ मूल्यांकन और संरेखित करना (20 प्रतिशत) हैं। परिवर्तनीय वेतन योजना (गैर-बिक्री) संगठन में दी जाने वाली सबसे आम प्रकार की प्रोत्साहन योजनाएं हैं जिसमें 43 प्रतिशत पर दिया जाता है। इसके बाद विवेकाधीन प्रोत्साहन (32 प्रतिशत) और बिक्री प्रोत्साहन योजना (21 प्रतिशत) को रखा गया है।
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