Sunday, December 29, 2024
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माकपा के वरिष्ठ नेता कामरेड बच्चीराम कंसवाल का निधन, सम्मान में झुका पार्टी का झंडा

देहरादून, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता, साहित्यकार कामरेड बच्चीराम कंसवाल का 87 साल के उम्र में निधन हो गया। उन्होंने देहरादून में माजरी मोकमपुर स्थित आवास में आज अंतिम सांस ली, वह काफी दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। उनके सम्मान में सीपीएम कार्यालय में पार्टी का झंडा झुकाया गया। उनकी अंत्येष्ठि कल होगी।

बच्चीराम कंसवाल ने उत्तर प्रदेश के दौरान शिक्षक नेता के रूप में अपनी राजनीति की शुरुआत की। वह शिक्षा की बेहतरी तथा शिक्षकों के अधिकारों के लिए लड़ते रहे। अपनी लड़ाई को और धार देने के लिए उन्होंने शिक्षक पद छोड़ दिया और वह पूर्णकालिक तौर पर शिक्षा एवं शिक्षकों की बेहतरी के लिए संघर्ष में कूद गए। उन्होंने एमएलसी का चुनाव भी लड़ा और कुछ ही मतों से पिछड़े।
1980 के दशक से पूर्व बिजनौर में वह वामपंथी विचारधार से जुड़े लोगों के संपर्क में आए। इसके बाद वह वर्षों तक अपने गृह जनपद टिहरी जिले से सीपीएम के जिलासचिव रहे। वह उत्तर प्रदेश में सीपीएम राज्य कमेटी सदस्य भी रहे। उत्तराखंड बनने के बाद पार्टी राज्य सचिव मंडल के सदस्य भी रहे, साथ ही किसान सभा के राज्य अध्यक्ष बनें।
बच्चीराम कंसवाल लेखनी के भी धनी थे। अपने लेख के माध्यम से वह समाज की सेवा करते रहे। पत्रकार उमेश डोभाल हत्याकांड के खिलाफ हुए संघर्ष में उनकी अग्रणी भूमिका रही। अपनी जान की परवाह किए बगैर उन्होंने माफियाओं को सलाखों तक पहुंचाया। टिहरी बांध विस्थापतों के हकों के लिए उनका संघर्ष तथा योगदान सदैव याद किया जाऐगा। वह एक कम्युनिस्ट के रूप में जीवन के अन्तिम क्षणों तक जनमुद्दों के लिए संघर्षरत रहे। दिसंबर माह में पार्टी के 7वें राज्य सम्मेलन मे सीपीएम के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी ने उनके अभूतपूर्व योगदान को देखते हुए उन्हें सम्मानित किया था।

उनके निधन पर सीपीएम राज्य सचिव राजेन्द्र नेगी, पूर्व राज्य सचिव विजय रावत, सुरेंद्र सिंह सजवाण, इन्दु नौडियाल, चंदा ममगांई, गंगाधर नौटियाल, राजेंद्र पुरोहित, शिवप्रसाद देवली, कमरूद्दीन, अनन्त आकाश, लेखराज, माला गुरूंग, विजय भट्ट, नितिन मलेठा, हिमांशु चौहान, भगवन्त सिंह पयाल, विनोद कुमार, इंद्रेश नौटियाल, वैदान्त, सतीश धौलाखंडी, शैलेंद्र आदि ने दुख प्रकट किया।

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