दिल्ली-मुंबई की ट्रेनों में जल्द ही जनरल टिकट पर यात्रा कर सकेंगे। एक्सप्रेस ट्रेनों में लगी आरक्षित जनरल बोगियां यात्रियों को रास नहीं आ रही हैं। इसी का नतीजा है कि इन बोगियों में महज 40 से 50 फीसदी यात्री ही यात्रा कर रहे हैं। ऐसे में एनई रेलवे आधा दर्जन ट्रेनों में लगी आरक्षित जनरल बोगियों को अनारक्षित बोगियों में बदलने की तैयारी में है। इसके साथ ही लोकल रूटों पर चलने वाली इंटरसिटी और कृषक एक्सप्रेस ट्रेनों में भी जनरल टिकट पर यात्रा कर सकेंगे। आरक्षण टिकट के झंझट से मुक्ति तो मिलेगी ही, किराया भी 15 से 30 रुपये कम हो जाएगा।
लॉकडाउन के बाद एक जून 2020 से सभी ट्रेनें स्पेशल के रूप में चल रही हैं। स्पेशल एक्सप्रेस के जनरल कोचों (टू एस) में भी आरक्षित टिकट अनिवार्य है। सिर्फ पैसेंजर ट्रेनों (सवारी गाड़ी) में ही जनरल टिकट की अनुमति है। रेलवे प्रशासन ने पैसेंजर ट्रेनों (सवारी गाड़ी) के बाद जोन में चलने वाली एक्सप्रेस गाड़ियों में भी अनारक्षित (जनरल) कोच लगाने की कवायद शुरू कर दी है। लखनऊ मंडल ने आठ एक्सप्रेस ट्रेनों का प्रस्ताव तैयार कर मुख्यालय गोरखपुर को भेज दिया है। प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबंधक (पीसीसीएम) की मुहर लगते ही चिह्नित ट्रेनों में कोरोना काल से पहले की पुरानी व्यवस्था फिर से लागू हो जाएगी। शुरुआत में ट्रेनों की रेक में दो से चार अनारक्षित कोच ही लगाए जाएंगे। इस व्यवस्था से आम यात्रियों का सफर सुहाना तो बनेगा ही, रेलवे की आय में भी इजाफा होगा।
पटरी पर लौट रही एनईआर की व्यवस्था
पूर्वोत्तर रेलवे धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौटने लगा है। लेकिन अब लोगों को एक्सप्रेस ट्रेनों के जनरल कोच में भी आरक्षित टिकट लेकर चलना भारी पड़ रहा है। कन्फर्म टिकट न मिलने के चलते दिल्ली और मुंबई ही नहीं, स्थानीय लोगों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा। अब जब जनरल टिकट पर यात्रा की अनुमति मिल जाएगी तो एक जनरल कोच में 100 की जगह 150 लोग यात्रा कर सकेंगे। गोरखपुर से लखनऊ और वाराणसी ही नहीं देवरिया, भटनी और बस्ती की राह भी आसान हो जाएगी।
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