Wednesday, December 25, 2024
HomeStatesUttarakhandविमर्श : पेड़ और पर्यवारण को लेकर समाज में चेतना की कमी,...

विमर्श : पेड़ और पर्यवारण को लेकर समाज में चेतना की कमी, जब पेड़ कट रहे हो हर ओर तब आज हरेला कैसे हो

देहरादून, शनिवार को दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के सभागार में एक विमर्श का आयोजन किया गया। जिसमें पर्यावरण और विकास के नाम पर कटते वृक्षों को लेकर चिंता व्यक्त की गयी, आज यह प्रश्न भी मुंह बाये खड़ा है कि जब पेड़ कट रहे हो हर ओर तब आज हरेला कैसे हो। देहरादून के राजधानी बनने की कीमत अगर सबसे पहले किसी ने चुकाई है तो वह है उसकी हरियाली, भौगोलिक पर्यावरण के बदलाव ने इसे और तीव्र कर दिया है।बढ़ते शहरीकरण से आसपास की हरियाली छिनती जा रही है।
इस विमर्श में एसडीसी फ़ाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल, जलवायु परिवर्तन कार्यकर्त्ता आशीष गर्ग, सिटीजन फॉर ग्रीन दून के अनीस लाल और धाद के सचिव तन्मय शामिल रहे।
इस महत्वपूर्ण विमर्श के सत्र का संचालन ट्रीज ऑफ़ दून के संयोजक हिमांशु आहूजा ने किया। सुश्री अर्चना ने विमर्श से पूर्व संचालन किया।
धाद के सचिव तन्मय ममगाईं ने कहा लगता है कि मूल बात यह है कि पेड़ और पर्यवारण को लेकर समाज में चेतना की कमी है और शहरीकरण के कारण निरतर जमीन कम होने का दबाव है। एक दौर में हम मिट्टी के करीब थे और पेड़ो से हमारा सीधा संबंध था लेकिन अब ये कमजोर हुआ है इसके कारण खोज कर अब उसे पुनः स्थापित करना होगा। वरना जब भी सरकारें अपने अलग अलग कारणों से पेड़ काटने का फैसला करती है तब समाज मे प्रतिरोध कम देखने को मिलता है।
हमने हरेला के साथ संस्कृति और प्रकृति को जोड़ते हुए इस प्रयोग को किया है और एक चेतनाशील समाज निर्मांण के लिए पहल की है।
आशीष गर्ग ने कहा कि हमारे देश के सैनिक बॉर्डर पर बाहरी ताकतों के खतरों से देश को बचाते है और शहीद होते हैं जिसके लिए देश उनका सम्मान कर श्रद्धांजलि देता है। ठीक उसी तरह वृक्ष देश के अंदर चैबीसों घण्टे ऑक्सीजन देकर, प्रदूषण से बचाकर, ग्रीनहाउस गैस को कम कर, पानी संचित कर , पक्षियों और दूसरे कीट पतंगों को आश्रय देकर और भी कई तरीकों से देश के नागरिकों को अपनी निस्वार्थ सेवा प्रदान करते हैं। दुर्भाग्यवश किसी काल्पनिक कारणों द्वारा इन देश के पर्यावरण सैनिकों की निर्ममता से हत्या की जा रही है। इनको बचाने के कई विकल्प होते हैं । इसलिए आशा है कि इनको काटने वाले देश के इन पर्यावरण सैनिकों की निर्मम हत्या करने से बाज आएंगे और आगे वृक्ष काटने से परहेज़ करेंगे।
विमर्श में अनीस लाल ने इस बात पर जोर देकर कहा कि तेजी से और चिंताजनक रूप से घटती हरियाली के साथ तापमान और प्रदूषण के स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसलिए, यह जरूरी है कि हमारे नीति निर्माता ध्यान दें और इन गंभीर चिंताओं को कम करने के लिए युद्ध स्तर पर योजनाएं बनाएं जो घाटी में प्रत्येक व्यक्ति को प्रभावित कर रही हैं।
समय की मांग है कि शहर में बचे हुए कुछ पूर्ण विकसित पेड़ों को बचाया जाए, जो पेड़ दब गए हैं उन्हें कंक्रीट मुक्त करने के लिए एक गवर्मेंट जीओ पास किया जाए और अधिक हरित क्षेत्र बनाए जाएं, साथ ही देशी प्रजातियों पर जोर दिया जाए।
अनूप नौटियाल ने उत्तराखंड राज्य में बढ़ती प्राकृतिक आपदा के कारणों व दुष्परिणामों पर गहन चिन्ता व्यक्त की और कहा अगर वैज्ञानिकों की बात को आधार माना जाए तो अबका समय ग्लोबल वार्मिंग नहीं इसे अपितु ग्लोबल वॉयलिंग कहा जा सकता है। उन्होंने इसके पीछे वन व पेड़ कटान को इसका मुख्य कारण बताया। सही मायने में उत्तराखंड में फारेस्ट कन्जर्वेशन एक्ट को कागजी स्तर से वास्तविक धरातल पर लाने की जरूरत है। उन्होंने सरकार को स्मार्ट सिटी के नाम पर कंक्रीट के बजाय सघन पेड़ो से आच्छादित करने का सुझाव दिया।
इस अवसर पर श्रीमती विभापुरी दास,बिजू नेगी, सुरेंद्र सजवाण, मुकेश नौटियाल, रजनीश त्रिवेदी, कल्पना बहुगुणा, ब्रिगेडियर के जी बहल, सुंदर सिंह बिष्ट, जगदम्बा प्रसाद मैठाणी, मंजू काला सहित शहर के अनेक पर्यावरण प्रेमी, पर्यावरणविद,दून पुस्तकालय के युवा पाठक उपस्थित रहे।

 

 

राज्य में सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 (आईएमआई) अभियान की तीन चरणों होगी शुरूआत, पहला चरण 7 से 12 अगस्त तक चलेगा

 

देहरादून, राज्य में सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 (आई0एम0आई0) अभियान की शुरुआत तीन चरणों में 07 से 12 अगस्त, 11 से 16 सितम्बर व 09 से 14 अक्टूबर 2023 को समस्त जनपदों में की जाएगी जिसकी जानकारी रोहित मीना, मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला के दौरान दी।

रोहित मीना द्वारा बताया गया कि सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान में 5 वर्ष की आयु तक के ड्रॉप आउट और लेफ्ट आउट बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं की छुटी हुई खुराक दी जानी है। साथ ही अन्य टीकों के अलावा Measles and Rubella (MR) vaccines, Pneumococcal Conjugate vaccine (PCV) और Inactivated Polio Vaccine (IPV) 3rd dose के कवरेज में सुधार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा देश में मीजिल्स तथा रूबेला का उन्मूलन पर वर्ष 2023 तक नियंत्रण प्राप्त किये जाने हेतु संकल्प किया गया है। जिस हेतु राज्य में खसरा और रूबेला युक्त टीकों (MRCV) की दोनों खुराक के लिए 95% कवरेज को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। एम0आर0 उन्मूलन के लिए 9 माह से 05 वर्ष तक के समस्त बच्चों को (Left out/drop out) MR1, MR2 डोज के कवरेज को 95% कवरेज तथा गैर-खसरा, गैर-रूबेला discard rate ¼NM, NR½ के वांछित बेंच मार्क को प्राप्त करने हेतु surveillance] प्रचार-प्रसार करने तथा MR outbreak वाले क्षेत्रों में एक अतिरिक्त डोज से covered किये जाने हेतु विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिस हेतु राज्य द्वारा विभागाध्यक्षों एवं प्रमुख अन्तर्राष्ट्रीय संस्था यू०एन०डी०पी०, जे०एस०आई० तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ आयोजित बैठकों में एम0आर0 उन्मूलन में सहयोग प्रदान किये जाने हेतु दिशा-निर्देश दिये गये हैं। जिससे की टीकाकरण के कवरेज को व्यापक पैमाने पर बढावा दिया जा सके।

कार्यशाला के दौरान मिशन निदेशक ने अवगत कराया कि समस्त जनपदों में अगामी सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 U-WIN के माध्यम से पंजीकृत कर टीका लगाया जाना है। पूर्व में पायलट जनपदों (हरिद्वार एवं पिथौरागढ़) में U-WIN के रूप में डिजिटलीकरण की शुरुआत की जा चुकी है तथा अन्य जनपदों में U-WIN portal का विस्तार किया जा रहा है। जिस हेतु जनपदों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जनपदों के मास्टर प्रशिक्षक द्वारा जनपद एवं ब्लॉक स्तर पर cascade training दी जा चुकी है।

रोहित मीना ने बताया जनपद स्तर पर आशा एवं आंगनवाडी द्वारा Head Count Survey किया जा रहा है। जिसमें दिनांक 05 अगस्त, 2023 को अपराह्न 01:30 बजे तक कुल 807844 बच्चों का सर्वे किया जा चुका है तथा आतिथि तक सर्वे में कुल 22901 due बच्चे एवं 4724 due गर्भवती महिलाऐं प्राप्त हुए हैं। U-WIN में दिनांक 05 अगस्त, 2023 को अपराह्न 01:30 बजे तक कुल 1212 गर्भवती महिलाओं तथा 5 वर्ष की आयु तक के कुल 8924 बच्चों का प्री-रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है। प्री-रजिस्ट्रेषन एएनएम, आशा द्वारा किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि पूर्व में राज्य द्वारा राज्य स्टीयरिंग समिति की बैठक मे समस्त विभागों के विभागाध्यक्षों जिसमें वित्त, महिला एवं बाल विकास, पंचायती-राज, विद्यालयी शिक्षा विभाग, सूचना एवं संचार विभाग, ग्रामीण विकास, शहरी विकास, आई0एम0ए0, आई0ए0पी0, यू0एन0डी0पी0, डब्लू0एच0ओ, आई0ई0सी0, आशा-कार्यक्रम) को दिशा-निर्देश प्रेषित किये जा चुके हैं।

श्री रोहित मीना द्वारा बताया कि पंचायती-राज/सूचना एवं संचार विभाग द्वारा संचार रणनीतियों में सक्रिय भागीदारी को संगठित करते हुए अपने स्तर से अभियान के सम्बन्ध में Broadcasting किया जाना है। विद्यालयी शिक्षा द्वारा स्कूली शिक्षकों और शिक्षा मित्रों के माध्यम से स्कूलों में आई0एम0आई0 सत्रों के आयोजन हेतु परिवारों को जागरूक किया जाना है तथा़ स्कूलों में प्रातः कालीन प्रार्थना में टीकाकरण के महत्व एवं आगामी मिशन इन्द्रधनुष के बारे में समस्त छात्रो को जागरूक किया जाए ताकि वह अपने अभिभावक एवं आस-पास के लोगों को 0 से 05 वर्ष के बच्चों को सेशन साइट तक ले जाने हेतु प्रेरित करें। प्रतिरोधी परिवारों (resistant families) को अपने स्तर से mobilize किया जाना है। पंचायती-राज/ विद्यालयी शिक्षा द्वारा अभियान के सेशन साईट हेतु स्थान उपलब्ध कराये गये हैं।

उन्होंने बताया की अर्बन हेल्थ द्वारा निजी मोड में चलने वाले समस्त यू0पी0एस0सी0 क्षेत्र में हेड काउंट सर्वे का validation किया जाना है। ताकि टीकाकरण से कोई भी लाभार्थी वंचित न रहे। आई0एम0ए0 तथा आई0ए0पी0 द्वारा स्थानीय स्तर पर जागरूकता सृजन करने, पूर्ण टीकाकरण और संपूर्ण टीकाकरण के बारे में लाभार्थियों को जागरूक किया जाना है। साथ ही टीकाकरण से सम्बन्धित समस्त ए0ई0एफ0आई0 की रिपोर्ट और serious and severe ए0ई0एफ0आई0 की तत्काल रिपोर्ट डी0आई0ओ0 के साथ साझा किया जाना है।

कार्यशाला में स्टेट इम्यूनाइजेशन ऑफिसर डॉ कुलदीप मार्तोलिया, प्रभारी अधिकारी इम्यूनाइजेशन कार्यक्रम डॉ अर्चना ओझा, यूएनडीपी से डॉ विशाल कुमार, डब्लू.एच.ओ. से डॉ विकास शर्मा आदि अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments