देहरादून, प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में इस बार भी प्रवेशोत्सव के अवसर पर 11 अप्रैल को विद्यार्थियों को जायकेदार भोजन के साथ साथ रसगुल्ले, हलवा, खीर, जूस, फल एवं अनेक प्रकार की मिठाइयां परोसी जाएंगी। प्रवेशोत्सव पर विशेष भोजन तैयार किया जाए, इसके लिए विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने इस आशय का पत्र प्रदेश के सभी मुख्य शिक्षा अधिकारी एवं जिला शिक्षा अधिकारी को जारी किया। इस पूरी कवायद के पीछे सरकारी स्कूलों में गिरती छात्र संख्या को रोकना और सरकारी स्कूलों के प्रति आमजन में विश्वास पैदा करना है।
शिक्षा महानिदेशक ने कहा कि जिस प्रकार हम शादी बरात, जन्मदिन, राष्ट्रीय एवं स्थानीय पर्व पर विशेष भोजन का आयोजन करते हैं, उसी तर्ज पर इस साल विद्यालयों में विशेष भोजन की व्यवस्था होगी। इस आयोजन में शिक्षकों, ग्राम निवासियों, जनप्रतिनिधियों, विशिष्ट व्यक्तियों, संस्थाओं जनसमुदाय से सहयोग प्राप्त किया जा सकता है। पिछले वर्ष विद्यालयों में प्रवेशोत्सव में उत्साह दिखा था। इस वर्ष भी विद्यालयों में छात्र नामांकन संख्या को बढ़ावा देने एवं विद्यालयों में सामुदायिक सहभागिता को प्रेरित करने के लिए विशेष भोज का आयोजन किया जा रहा है।
शिक्षा महानिदेशक कार्यालय से प्रेषित पत्र के साथ एक सीट भी संलग्न है, जिसे 11 अप्रैल के विशेष भोज के आयोजन के बाद भरकर भेजना है। इसमें दर्शाना होगा कि भोज में कितने विद्यार्थी उपस्थित रहे। विद्यालय में पंजीकृत छात्रों की संख्या, विशेष भोज में परोसे गए पकवान, किसने विद्यालय में विशेष भोज दिया, इस प्रकार की सभी जानकारी निदेशालय को उपलब्ध करानी होगी। विशेष भोज प्राथमिक, माध्यमिक, जूनियर हाईस्कूल और राजकीय इंटर कालेज सभी में आयोजित किए जाएंगे। निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी ने प्रवेशोत्सव के अवसर पर विशेष भोज आयोजित करने को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।
गांवों में कूड़ा प्रबंधन एवं निस्तारण विषय पर सात अप्रैल से शुरू हो रहा प्रशिक्षण, पहले चरण में 6 ग्राम पंचायतों में होगा कार्यक्रम
मुनस्यारी, जिपंस जगत मर्तोलिया का चीन सीमा से लगे सीमांत क्षेत्र के गांवों में कूड़ा प्रबंधन एवं निस्तारण विषय पर एक नवाचार सात अप्रैल से शुरू हो रहा है। प्रथम चरण में 6 ग्राम पंचायतों में एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित कर 1238 परिवारों को कूड़ा प्रबंधन एवं निस्तारण का पाठ पढ़ाया जाएगा। इन गांवों को मांडल गांव बनाने की योजना है।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने जिला पंचायत बोर्ड से इस महाअभियान के लिए 9.70 लाख रुपए स्वीकृत कराएं है। इस राशि से प्रत्येक परिवार को कूड़ा दान तथा जूट बैग निशुल्क दिया जा रहा है। उसके लिए पात्र वहीं होगा जो एक दिवसीय प्रशिक्षण में भाग लेगा। इस नवाचार को “क्लीन द हिमालया” नाम दिया गया है।
अभियान में हिमालय क्षेत्र को स्वच्छ रखने के लिए एक मार्मिक अपील की जा रही है कि “आइए हिमालय क्षेत्र को स्वच्छ रखिए अपने बच्चों के लिए” ताकि यह शब्द लोगों के जेहन में उतर सके।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने बताया कि 7 अप्रैल को क्वीरीजीमिया, 8 को ढिमढिमिया तथा फल्याटी, 9 को जलथ तथा जैती, 10 को खसियाबाडा तथा कवाधार में एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है।
इस अभियान के लिए जिला प्रशासन तथा ग्राम्य विकास विभाग से सहयोग के लिए जिला अधिकारी रीना जोशी तथा मुख्य विकास अधिकारी वरुण चौधरी को पत्र भी लिखा गया है।
उन्होंने कहा कि हम अपनी पीढ़ियों की सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा के लिए धन की बचत करते है, लेकिन उनके जीवन रक्षा के लिए पर्यावरण संरक्षण की चिंता नहीं करते है।
उन्होंने कहा कि इस अभियान में ग्राम स्वच्छता समिति को भी सक्रिय किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जिला पंचायत वार्ड के 25 ग्राम पंचायतों का चयन हिंदी वर्णमाला के क्रमानुसार किया गया है। ताकि चयन पर कोई विवाद न हो।
उन्होंने कहा कि लोगों को आदतों को बदलना चुनौती पूर्ण कार्य है। इसलिए वे इन गांवों को कूड़ा प्रबंधन एवं निस्तारण पर भविष्य में भी फोकस करेंगे।
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