देहरादून, आजादी के योद्धाओं को जीवंत देखना और इनसे देशप्रेम की प्रेरणा लेना हमारा सौभाग्य है। देश के लिए किए गए इनके बलिदानों की प्रतिपूर्ति हम कभी भी नहीं कर सकते हैं। जिंदगी के अंतिम पड़ाव की ओर अग्रसर 100 वर्षीय उत्तरकाशी के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चन्द्रिका लाल जिन्हें राजकीय दून अस्पताल के यूरोलोजी विभाग में गहन चिकित्सा हेतु भर्ती किया गया है, से मुलाकात के दौरान यह उदगार सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने व्यक्त किए। भारत माता की जय, वन्देमातरम के शब्दों ने इस सेनानी के जीवंत संघर्ष को सबके सामने अभिव्यक्त किया। सेनानी परिजनों ने कहा राज्य सरकार के किसी भी प्रतिनिधि का यहां न आकर इनकी कुशलछेम ना लेना ग्लोबल इन्वेस्टर समिट की भेंट चढ़ गया, जो दुखद है।
वरिष्ठ स्वतंत्रता सैनानी के साथ ही तीमारदार के उठने बैठने की सुविधा वरिष्ठ सम्पर्क अधिकारी एम. एस. भण्डारी से निवेदन किया। उनसे मिलने वालों में मुख्यतः स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवारों के शक्ति प्रसाद डिमरी, मुकेश नारायण शर्मा, महिपाल सिंह रावत, शंशाक गुप्ता, अवधेशपंत, दिनेश भंडारी, राजकुमार अग्रवाल, चिरंजीव राही, हरिमोहन जुआठा, उषा जुवाठा, विजयपाल तगानी, अंकित बठवाल, सुशील त्यागी व राज्य आंदोलकारी प्रदीप कुकरेती आदि थे।
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