देहरादून, उत्तराखंड के पूर्व सूचना आयुक्त अनिल शर्मा का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया। 66 वर्षीय शर्मा गुरुग्राम में एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे थे। सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता रहे अनिल कुमार शर्मा वर्ष 2010 में उत्तराखंड में सूचना आयुक्त बनाये गये थे। दायित्व संभालने के तुरंत बाद से ही उन्होंने सूचना के अधिकार अधिनियम को जनहित में लागू करने के रूप में अपनी पहचान बनाई।
उत्तराखंड में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 में लागू हुआ था और डॉ.आर एस टोलिया मुख्य सूचना आयुक्त बने थे। टोलिया की कोशिश सूचना के अधिकार अधिनियम को जनहित के एक व्यापक औजार के रूप में उपयोग करने की रही। अनिल कुमार शर्मा ने इस काम को बखूबी आगे बढ़ाया। पांच साल के अपने कार्यकाल में शर्मा ने कई ऐसे फैसले लिए, जिनसे सरकार को खासा असहज होना पड़ा।
प्रदेश की तत्कालीन भाजपा सरकार को उस समय खासी परेशानी का सामना करना पड़ा, जब उन्होंने कुंभ घोटाले के एक मामले में तत्कालीन मुख्य सचिव को सीबीआई जांच के निर्देश दे दिए। इसी तरह शर्मा का एक और फैसला सरकार के लिए गले की फांस बन गया था। वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद एक शख्स ने आरटीआई दाखिल कर आरोप लगाया था कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सामान पहुंचाने के नाम पर खासी बंदरबांट हुई है। शर्मा के परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटा और दो बेटियां हैं। मूल रूप से कुमाऊं से संबंध में रखने वाले शर्मा वर्तमान में दिल्ली-एनसीआर में रह रहे थे।
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