जम्मू, केंद्र शासित प्रदेश में अल्पसंख्यकों पर टारगेटेड आतंकी हमलों के मद्देनजर सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर में “असामाजिक तत्वों” के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। घाटी में एक हफ्ते में हुई 7 नागरिकों की मौत के बाद श्रीनगर में 70 और पूरे कश्मीर में कुल 570 लोगों को हिरासत में लिया गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कई पथराव करने वालों और अन्य असामाजिक तत्वों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। केंद्र ने आतंकवादियों के खिलाफ अभियान में समन्वय के लिए खुफिया ब्यूरो के एक शीर्ष अधिकारी को भी श्रीनगर भेजा है। इस बीच, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों के खिलाफ अपनी रणनीति के तहत जम्मू-कश्मीर में 15 स्थानों पर छापेमारी की। पिछले पांच दिनों में मारे गए छह नागरिकों में से चार अल्पसंख्यक समुदायों के थे और छह मौतें घाटी के मुख्य शहरी केंद्र श्रीनगर में हुईं। श्रीनगर के एक सरकारी स्कूल के अंदर गुरुवार को एक महिला प्रधानाध्यापक और एक शिक्षक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। प्रमुख कश्मीरी पंडित और श्रीनगर की सबसे प्रसिद्ध फार्मेसी के मालिक माखन लाल बिंदू की मंगलवार को उनकी दुकान पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। एक ‘चाट’ विक्रेता, बिहार के वीरेंद्र पासवान और एक अन्य नागरिक, मोहम्मद शफी लोन भी मंगलवार को श्रीनगर और बांदीपोरा में मारे गए। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2021 में अब तक कुल 28 नागरिकों को आतंकवादियों ने मार गिराया है। मारे गए 28 लोगों में से पांच व्यक्ति स्थानीय हिंदू या सिख समुदायों के थे और दो गैर-स्थानीय हिंदू मजदूर थे। इस घटना ने श्रीनगर से दिल्ली तक सियासी सरगर्मी बढ़ा दी।दिल्ली में हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई थी। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत दोभाल, गृह सचिव अजय भल्ला, आईबी चीफ अरविंद कुमार, सीआरपीएफ डीजी कुलदीप सिंह और बीएसएफ डीजी पंकज सिंह सहित कई अधिकारी शामिल हुए। इस मीटिंग में कश्मीर से आ रही फिक्र की खबर पर चर्चा हुई थी। ये हत्याएं उस वक्त हुई हैं, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसी महीने कश्मीर के तीन दिन के दौरे पर जाने वाले हैं।
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