रामनगर (सलीम मलिक) मैदान से पर्वतीय क्षेत्र को जोड़ने वाली एक महत्त्वपूर्ण रामनगर-भतरौजखान-रानीखेत सड़क की दुर्दशा और बदहाली से खफा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कुमेरिया स्थित सड़क पर बैठकर उपवास रखा। बुधवार को अपने गांव मोहनरी से वापस लौटने के दौरान सड़क की दुर्दशा को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कुमेरियां नामक स्थान पर रुक गए। जहां उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ ही सड़क पर बैठकर धरना देते हुए उपवास रखा। हालांकि रावत ने इस सड़क की दुर्दशा देखते हुए पहले ही इस कार्यक्रम को घोषित कर रखा था।
धरना देने के दौरान रावत ने कहा कि रामनगर से भतरोजखान होकर रानीखेत जाने वाली यह सड़क पहाड़ को मैदान से जोड़ने वाली महत्त्वपूर्ण संपर्क सड़क है। लेकिन इसकी बदहाली का आलम यह है कि रास्ते पर सड़क की जगह गड्डे ही दिखते हैं। सड़क पर सामान्य यात्री भी सुरक्षित ढंग से यात्रा नहीं कर सकते। वृद्धों, महिलाओं और रोगियों को इस सड़क से होने वाली परेशानी की कल्पना भी नहीं की जा सकती। बदल सड़क कई जगह बड़ी दुर्घटनाओं को निमंत्रण दे रही है। लेकिन राज्य सरकार ने इस सड़क की ओर से आंखे मूंद रखी हैं। रावत ने कहा कि इस सड़क की दुर्दशा को और इसकी निरंतर अपराधिक स्तरीय की जा रही उपेक्षा के विरोध में कुमेरिया के पास सड़क के बीच में मौन आक्रोश व्यक्त करते हुए उपवास रखा गया है। इस उपवास का उद्देश्य है कि सरकार तत्परता से इस सड़क की मरमत और पुल आदि के निर्माण कार्य को संपन्न कराए। इस मौके पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य नारायण सिंह रावत मोहन फर्त्याल, मुमताज हुसैन, पुष्कर दुर्गापाल, बंटी मनराल सहित कई लोग मौजूद रहे।
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