Sunday, November 24, 2024
HomeStatesUttarakhandकिसान आंदोलन : बैठक के बाद किसानों का बड़ा ऐलान, शुक्रवार को...

किसान आंदोलन : बैठक के बाद किसानों का बड़ा ऐलान, शुक्रवार को हरियाणा में टोल फ्री, 17 फरवरी को ट्रैक्टर रैली

नई दिल्ली, केंद्र सरकार के खिलाफ पंजाब के किसानों का ‘दिल्ली चलो’ मार्च गुरुवार को तीसरे दिन में प्रवेश कर गया। ‘दिल्ली चलो’ प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हरियाणा पुलिस की कार्रवाई को लेकर पंजाब में कई स्थानों पर किसानों के पटरियों पर बैठने के बाद गुरुवार को दिल्ली-अमृतसर मार्ग पर कुछ ट्रेनों का मार्ग बदल दिया गया। आज किसानों की बड़ी बैठक हुई है। इस बैठक में तीन अहम फैसले भी लिए गए हैं। किसानों के विरोध प्रदर्शन पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि आज तीन फैसले लिए गए, पहला ये कि हम कल हरियाणा को 3 घंटे के लिए टोल फ्री रखेंगे, दोपहर 12 बजे से शाम 3 बजे तक।

इसके साथ ही चढूनी ने आगे कहा कि परसों 18 तारीख को दोपहर 12 बजे से हर तहसील पर ट्रैक्टर परेड होगी। फरवरी में सभी किसान और मजदूर संगठनों की संयुक्त बैठक होगी। उसी बैठक में आगे के फैसले लिए जाएंगे। किसानों के विरोध प्रदर्शन पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि टिप्पणी करना उचित नहीं है लेकिन यह स्पष्ट है कि उन्हें (किसानों को) कहीं न कहीं से समर्थन मिल रहा है।’ उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार उन्हें रोक सकती थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, इससे पता चलता है कि कुछ समझ होनी चाहिए। दिल्ली सरकार का कहना है कि वो किसान आंदोलन के समर्थन में हैं।

किसानों के दिल्ली चलो आंदोलन का बृहस्पतिवार को तीसरा दिन है और दिल्ली व हरियाणा के बीच दो प्रमुख सीमाओं पर वाहनों की आवाजाही बंद है, जबकि राष्ट्रीय राजधानी में महत्वपूर्ण स्थानों पर दंगा रोधी सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। हरियाणा से लगी दो सीमाएं – टिकरी और सिंघू – बंद हैं जबकि उत्तर प्रदेश से लगी गाजीपुर सीमा पर सुरक्षा कर्मियों की निगरानी में आवाजाही की अनुमति दी गई है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है। हरियाणा पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को अंबाला के पास पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर रोक दिया है।

 

किसान नेता का वीडियो वायरल :
पीएम मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ नीचे लाने…..!

देहरादून, किसान आंदोलन को लेकर लगातार आंदोलित हैं, इस बीच केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल किसान संगठनों में से एक भारती किसान यूनियन (एकता सिधूपुर) के प्रमुख जगजीत सिंह डल्लेवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक बयान दिया है, जिससे उनके विरोध की मंशा पर सवाल उठ सकते हैं। एक वीडियो सामने आया है जिसमें जगजीत सिंह डल्लेवाल कह रहे हैं कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ नीचे लाने के लिए किसानों का विरोध प्रदर्शन शुरू किया गया है। यह वीडियो कुछ दिन पहले तब सामने आया था जब किसान अपना विरोध प्रदर्शन शुरू करने वाले थे।
जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि राम मंदिर के बाद पीएम मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ बहुत ऊपर चला गया है…बहुत कम समय है…उनके ग्राफ को कैसे नीचे लाया जा सकता है। डल्लेवाल की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि यह एक राजनीतिक बयान है। क्या इतना बड़ा विरोध प्रदर्शन होने पर लोग पीएम मोदी का समर्थन करना बंद कर देंगे? जनता में यह संदेश प्रसारित हो रहा है कि यह विरोध का सही तरीका नहीं है। खट्टर ने अपनी मांगों को दबाने के लिए किसानों द्वारा अपनाए गए “तरीके” की आलोचना करते हुए कहा कि वे आक्रामक सेना की तरह दिल्ली की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान एक सेना की तरह ट्रैक्टर-ट्रॉली, अर्थ-मूवर्स और एक साल के लिए राशन के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

पंजाब-हरियाणा सीमा पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा कर्मियों के बीच जारी गतिरोध के मध्य तीन केंद्रीय मंत्रियों की एक समिति बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में किसान नेताओं से एक फिर वार्ता करेगी। कृषि व किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों को लेकर यहां शाम पांच बजे किसान नेताओं से मुलाकात करेंगे। यह दोनों पक्षों के बीच तीसरे चरण की वार्ता होगी। आठ और 12 फरवरी को हुई पहले दो चरण की वार्ता बेनतीजा रही थी। पंजाब के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली की ओर कूच करने का आह्वान किया है और वे पंजाब तथा हरियाणा की शंभू तथा खनौरी सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments