“आवेदन की अंतिम तिथि 20 दिसंबर तक बढ़ाई गई”
देहरादून, “नंदा गौरा योजना” के लाभार्थियों के लिए एक राहत भरी खबर है। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा संचालित “नन्दा गौरा योजना” 2023-24 आवेदन की अंतिम तिथि 20 दिसंबर तक कर दिया है। इसमें उन अभ्यर्थियों को राहत मिलेगी जो किन्ही कारणों से प्रमाण पत्र नहीं बना पाए हैं। पहले इसकी अंतिम तिथि 30 नवंबर थी जो की आज खत्म हो रही थी।
वहीं महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने सभी पात्र नंदा देवी तुल्य बालिकाओं एवं उनके अभिभावकों को बधाई देते हुए उनसे छुटे हुए पात्र बालिकाओं को जल्द से जल्द आवेदन करने की अपील की है।
मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि सभी नंदा देवी तुल्य बेटियों के उत्तम भविष्य के लिए सम्मानित जनप्रतिनिधियों के निवेदन पर “नंदा गौरा योजना” की अंतिम तिथि बढ़ाकर 20 दिसंबर 2023 कर दी गई है, आप सभी बेटियों को और एक अवसर दिया गया है, कृपया जल्द से जल्द अपना फॉर्म भरकर आवेदन करें।
लोनिवि के प्रमुख अभियंता दीपक कुमार यादव को मिला छह माह का सेवा विस्तार
देहरादून, उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता दीपक कुमार यादव को 6 महीना का सेवा विस्तार दिया गया है। प्रमुख अभियंता दीपक कुमार आज 30 नवंबर को रिटायर हो रहे थे। उत्तराखंड शासन में लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज पांडे ने इसके आदेश जारी किए हैं। आदेश अनुसार प्रमुख अभियंता के पद पर अस्थाई नियुक्ति होने अथवा 6 माह तक के लिए सेवा विस्तार दिया गया है। आदेश में यहां भी उल्लेखित किया गया है कि 6 माह से भी पहले यह कार्यकाल समाप्त हो सकता है।.
निकोलस हाॅफलैण्ड ने दिया ‘कोंचेर्टो’ क्या है? विषय पर एक महत्वपूर्ण वीडियोलेक्चर
देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के सभागार में गुरूवार को पाश्चात्य एवं हिन्दुस्तानी संगीत के जानकार निकोलस हाॅफलैण्ड द्वारा ‘कोंचेर्टो’ क्या है ? विषय पर एक महत्वपूर्ण वीडियोलेक्चर दिया गया। दरअसल ‘कोंचेर्टो’ से सम्बंधित जानकारी हासिल करने की दृष्टि से यह लेक्चरअपने में विशिष्ट था।
निकोलस ने कहा कि इसमें तीन मुख्य मूवमेंट्स होते हैं तीव्र , फिर मद्धम फिर तीव्र । कई कोंचेट्रो संगीतकार सहित एक संगीतकार बाख का उदाहरण देते हुए बताया कि ये पश्चिमी संगीत इतिहास के महान व प्रभावशाली संगीतकारों में से एक थे। उनके संगीत से रूबरू कराते हुए उन्होंने जानकारी दी कि बाख ने संगीत प्रेमियों व संगीतकारों को गहराई से प्रभावित कर, कोंचेट्रो को उच्च स्तर पर उत्कृष्टता और पूर्णता तक पहुंचाया। इस संगीत की गुणवत्ता के कारण, पेशेवर संगीतकार उन्हें महान पश्चिमी संगीतकारों में से एक मानते हैं।
उन्होंने सदियों से चले आ रहे इस तरह के नए और बेहतरीन संगीत समारोहों को जानने, समझने और उसका आनंद लेने की एक विशिष्ट विधा बताया।
अपने व्याख्यान के माध्यम से उन्होंने कोंचेट्रो के विविध रूपों को वीडियो क्लिप के माध्यम से बेहतरीन तरीक़े से प्रस्तुत कर उसकी खासियतों व रूपों के बारे में उपस्थित कोगों सहज रूप से जानकारी देने का प्रयास किया। उल्लेखनीय है कि दून पुस्तकालय एवम शोध केंद्र द्वारा समय-समय पर गीत-संगीत की तमाम विषयों और उनकी विविध श्रेणियों से रू-ब-रू कराने के प्रयास किये जा रहे हैं।
आज के कार्यक्रम के दौरान रामचरण जुयाल, चंद्रशेखर तिवारी, बिजू नेगी, जगदीश बाबला, विनोद सकलानी, सुंदर सिंह बिष्ट, देव मिश्रा, नैंसी रावत,विजय बहादुर, शिव जोशी ,एस के रावत,डॉ.मनोज पँजानी सहित संगीत और कला में रूचि रखने वाले प्रबुद्वजन, पुस्तकालय के युवा पाठक, साहित्यकार व अनेक लोग उपस्थित रहे।
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