देहरादून, श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली की वित्तीय साक्षरता इकाई वित्त शाला के छात्र-छात्राओं ने प्रोजेक्ट वित्तीय साक्षरता के तहत राज्य के पुलिस महानिदेशक श्री अशोक कुमार से पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में शिष्टाचार भेंट की । पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड महोदय ने एस0आर0सी0सी0 कॉलेज द्वारा आयोजित प्रोजेक्ट वित्तीय साक्षरता की विधिवत शुरूआत करते हुए कहा कि वित्तीय साक्षरता के साथ ही वित्तीय सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है ।
उन्होनें बताया कि डिजिटल माध्यम से होने वाले वित्तीय लेनदेन के दौरान अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता है l साथ ही छात्र-छात्राओं से अपील की कि ग्रामीण क्षेत्रों मे प्रोजेक्ट वित्तीय साक्षरता के दौरान साइबर सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करें । इस दौरान कॉलेज के छात्र-छात्राओं द्वारा साईबर क्राइम से सम्बन्धित विभिन्न बिन्दुओं पर प्रश्न पूछे गये, जिसके सम्बन्ध में पुलिस महानिदेशक, महोदय ने छात्र-छात्राओं को साईबर क्राइम से बचाव हेतु महत्वपूर्ण टिप्स दिये ।
इससे पूर्व वित्तीय साक्षरता अभियान के तहत प्रोजेक्ट लीडर आयुष द्विवेदी ने बताया कि एसoआरoसीoसी कॉलेज दिल्ली द्वारा प्रतिवर्ष उत्तराखंड राज्य के विभिन्न जनपदों में वित्तीय साक्षरता अभियान के तहत जागरूकता के कार्यक्रम किए जाते हैं l जिसमें आम लोगों को बजटिंग, सेविंग एवं टैक्सेशन के बारे में जानकारी दी जाती है l इसी क्रम में 03 जून से 08 जून तक उत्तरकाशी के बड़कोट एवं नौगांव क्षेत्रों में नुक्कड़ नाटक एवं व्यक्तिगत साक्षात्कार के माध्यम से आम जनों को वित्तीय साक्षरता के बारे में जागरूक किया जायेगा l
इस मौके पर श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली के एसोसिएट प्रोफेसर श्री अश्ववनी कुमार व ऑसिटेंट प्रोफेसर सुश्री शैफाली भी मौजूद रहे l
ब्लू राइडर साइकिल क्लब ने पर्यावरण, स्वास्थ्य जागरूकता को लेकर किया साइकिल रैली का आयोजन
ॠषिकेश, विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर ब्लू राइडर साइकिल क्लब ऋषिकेश द्वारा पर्यावरण–स्वास्थ्य जागरूकता साइकिल रैली का आयोजन किया गया । आज विश्व साइकिल दिवस के मौके पर ब्लू राइडर क्लब के संरक्षक कुलदीप असवाल, अध्यक्ष ज्योति शर्मा, प्रबंधक शैलेंद्र बिष्ट, ने हरी झंडी दिखाकर कोयल घाटी से रैली को रवाना किया ।
ब्लू राइडर प्रवक्ता राकेश सिंह एडवोकेट ने बताया कि प्रति वर्ष की भांति ब्लू राइडर क्लब द्वारा इस वर्ष भी साइकिल जागरूकता रैली का आयोजन किया गया साइकिल रैली प्रातः 6:00 कोयल घाटी से शुरू हुई और नीरज रिजॉर्ट में आजाद न्यूज़ एजेंसी परिवार द्वारा मोमेंटो देकर बच्चों को पुरस्कृत कर रैली का समापन किया गया |
एम्स सीनियर डॉ. अजय कुमार ने कहा कि आज जिंदगी की भाग दौड़ में स्वास्थ्य पीछे छूट गया है इसलिए निरोग रहने के लिए साइकिलिंग बहुत बढ़िया एक्सरसाइज है, अगर हम साइकिल का उपयोग आने–जाने के लिए भी करें, तो यह पर्यावरण के लिए भी बहुत अच्छा है | ।
इस मौके पर संजय शर्मा, पंकज ब्रेजा, अब्दुल रहमान, संजीव गुप्ता (मुन्ना भाई), बलवीर जस्सल, अजय प्रजापति, दीपक जाटव, प्रकाश डोभाल, बब्बू डिमरी, नटबर श्याम, योगेश पाल, डॉo सुनीत वर्धन, गिरीश ईपलानी, विकास कुमार, अमित उप्पल, अमनदीप सिंह, मनोज रावत, विरेंद्र नौटियाल, नरेंद्र कैंतुरा, मुकेश कृसाली, प्रवीण राजपूत, भानु पयल, आरव अग्रवाल, रोहित डबराल, अभिषेक वर्मा, अरविंद गोसाई, विकास अत्री और बड़ी संख्या में प्यारे बच्चे उपस्थित थे |
दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर में कविता जोशी की दो वृतचित्र फिल्मों का हुआ प्रदर्शन
देहरादून, दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर में शनिवार, 3 जून की शाम को कविता जोशी की दो फिल्में ‘टेल्स फ्रॉम द मार्जिन्स’ और ‘सम रूट्स ग्रो अपवर्ड्स’ का प्रदर्शन पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के सभागार में किया गया। इस अवसर पर श्री एस के दास, श्री निकोलस, डॉ. अतुल शर्मा, सुश्री कमला पंत, बीजू नेगी, सुंदर सिंह बिष्ट, डॉ. मनोज पंजानि, अरुण कुमार असफल व भूमेश भारती के अलावा दून के फ़िल्म प्रेमियों, रंगमंच से जुड़े कलाकारों, पुस्तकालय के युवा पाठक सदस्यों व अन्य लोग इस अवसर पर मौजूद रहे। कुल पिचहत्तर मिनट की अवधि की इन फ़िल्मों के प्रदर्शन के बाद फ़िल्म निर्देशक शाश्वती तालुकदार ने फ़िल्म के विषयवस्तु पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान सभागार में मौजूद दर्शकों ने इन फिल्मों से जुड़े सवाल-जवाब भी किये।
टेल्स फ्रॉम द मार्जिन्स :
दरअसल यह फ़िल्म मणिपुर की सड़कों पर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन विरोध कर रही स्त्रियों की कहानी बयां करती है। 6 सालों से अधिक समय से एक युवती न्याय की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठी है जिसे गिरफ़्तार करके रखा जाता है और जबरन उन्हें कई तरह से प्रताड़ित किया जाता है
टेल्स फ्रॉम द मार्जिन्स फ़िल्म न्याय की मांग के लिए संघर्षरत मणिपुरी स्त्रियों के असाधारण विरोध का एक दस्तावेज है जिसके लिए यह फ़िल्म भारत के इस सुदूरवर्ती इलाके की यात्रा करती है। सही मायने में यह फ़िल्म इनके संघर्षमय जीवन के जरिये एक वृहत मानवीय त्रासदी पर लोगों का ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करती है।
सम रूट्स ग्रो अपवर्ड्स :
इस फ़िल्म की शूटिंग मणिपुर के इम्फाल शहर में हुई है, जो हिंसा और उग्रवाद से प्रभावित है। फ़िल्म की पृष्ठभूमि सुपरिचित रंगमंच निर्देशक रत्तन थियाम के काम की पड़ताल करती है।
पिछले 25 से अधिक सालों से रत्तन थियाम एक ऐसा थिएटर बना रहे हैं जो दिखने में उतना ही सम्मोहक है जितना कि बौद्धिक रूप से उत्तेजक है। उनका थिएटर उनके गृह राज्य मणिपुर की पारंपरिक प्रदर्शन कलाओं से युक्त है। एक ओर उनके सौंदर्य संबंधी प्रभाव पारंपरिक दिखाई देते हैं, वहीं उनकी चिंताएं बेहद आधुनिक हैं।
उनके नाटक इस क्षेत्र में व्याप्त सामाजिक-राजनीतिक संकट, युवा अशांति, युद्ध और हिंसा को प्रतिबिंबित करते हैं।
कविता जोशी एक परिचय :
कविता जोशी एक स्वतंत्र फिल्म निर्माता और मीडिया ट्रेनर हैं। ये एफटीआईआई पुणे से प्रशिक्षण प्राप्त हैं। उनकी फिल्मों ने मुख्य रूप से मणिपुर में न्याय के लिए संघर्षरत स्त्रियों के विरोध को उजागर करने का प्रयास किया है। उनके कार्य को देश विदेशों में अनेक सम्मान मिले हैं। उनकी फिल्में दुनिया भर के प्रसिद्ध फिल्म समारोहों में प्रदर्शित हुई हैं। कविता जोशी फिल्म निर्माण की कई कार्यशालाएँ आयोजित कर रही हैं। इन कार्यशालाओं में 50 से अधिक लघु फिल्मों और वृत्तचित्रों का निर्माण हुआ है। कविता इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ वीमेन इन रेडियो एंड टेलीविज़न (IAWRT) की सदस्य हैं। वे इसके शुरुआत में एशियाई महिला फिल्म महोत्सव की क्यूरेटर में से एक थीं। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों व विभिन्न फिल्म समारोहों के निर्णायक मंडल में भी वे रही हैं।
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