पिथौरागढ़, उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत सदस्य संगठन ने उत्तराखंड हिमालय क्षेत्र में 22 सालों के भीतर हिमालय को कुचलने पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग वर्तमान सरकार से की। उन्होंने कहा कि आज पक्ष एवं विपक्ष दोनों चिंताएं जाहिर करने की होड़ में लगी हुई है। हिमालय क्षेत्र की जनता को जागरूक करने के लिए शीघ्र “हिमालय बचाओ यात्रा” निकाली जाएगी।
संगठन की बैठक में पंचायत सदस्यों ने कहा कि उत्तराखंड में केरला की तरह पंचायतों की मजबूती तथा स्वायत्तता के लिए विधायी संस्था ने कुछ भी नहीं किया। यही स्थिति नगर निकायों की भी है।
बैठक में सदस्यों ने कहा कि उत्तराखंड में जोशीमठ जैसे अर्लाम की घंटी बहुत बार बज चुकी है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जगत मर्तोलिया ने कहा कि उत्तराखंड में हिमालयी क्षेत्रों के लिए एक वैज्ञानिक निर्माण कार्य की नीति बनाने के मांग की जाती रही है। हिमालय क्षेत्र को सुरंग वाली जल विद्युत परियोजनाओं, होटल एवं रिसोर्ट के लिए बेचने में सभी सरकारों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि हिमालय का बार बार कत्लेआम किया जा रहा है। मानवजनित आपदाओं से बेघर होने वाले परिवारों के पुनर्वास के लिए एक नीति तक नहीं बनी है। सरकार अपनी मर्जी से राहत एवं पुनर्वास करती आ रही है।
उन्होंने कहा कि हिमालय क्षेत्र को इन सरकारों के कत्लेआम से बचाने के लिए हिमालय बचाओ यात्रा निकाली जाएगी। इसकी तिथि जल्दी घोषित की जायेगी।
उन्होंने कहा कि हिमालय का मूल्य जनता तथा सरकार समझे उसके लिए जागरुकता जरूरी हो गया है।
बैठक में हरेंद्र बिष्ट, ममता चौहान, दिव्या बिष्ट, राजेन्द्र सिंह धामी, कल्पना महर, राजीव जोशी, रामगोपाल वर्मा, हरीश राम, सुंदर आर्य आदि ने विचार व्यक्त किए।
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