नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट विस्तार पर दिल्ली में अब भी मंथन चल ही रहा है। बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने अमित शाह और पार्टी चीफ जेपी नड्डा से मुलाकात की थी, लेकिन कोई बात नहीं बन सकी। ऐसे में वह गुरुवार की सुबह एक बार फिर लखनऊ से दिल्ली पहुंचे और मीटिंगों का दौर जारी है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी उनके साथ दिल्ली में ही हैं। यही नहीं ओमप्रकाश राजभर ने भी भाजपा हाईकमान से मिलने का वक्त मांगा है। माना जा रहा है कि उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में एंट्री मिल सकती है। इसके अलावा सपा से बगावत करने वाले दारा सिंह चौहान को भी कैबिनेट में जगह मिल सकती है, जो लोनिया चौहान ओबीसी समुदाय से आते हैं।
दिल्ली में चल रही मीटिंग कितनी अहम है, इसे यूं भी समझा जा सकता है कि उत्तर प्रदेश में होने वाले दलित सम्मेलन को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। इसका आयोजन गुरुवार को ही लखनऊ में होना था। इसमें सीएम योगी आदित्यनाथ संबोधित करने वाले थे। दिल्ली में चल रही मीटिंग में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी मौजूद हैं, जो ओबीसी फेस हैं। भाजपा सूत्रों का कहना है कि ओमप्रकाश राजभर को शामिल करने पर सहमति है, लेकिन उन्हें कौन सा विभाग दिया जाए। इसे लेकर मंथन चल रहा है। इसी तरह दारा सिंह चौहान को लेकर भी चर्चा हो रही है।
यही नहीं गुरुवार को भाजपा ने देश भर से ओबीसी नेताओं को बुलाया है ताकि जाति आधारित जनगणना पर भी फैसला लिया जा सके। बिहार में हुई जातिवार जनगणना के बाद भाजपा की सहयोगी पार्टियों ने भी इस तरह की मांग उठाई है, जिनमें अपना दल की अनुप्रिया पटेल भी शामिल हैं। खासतौर पर यूपी में यह मुद्दा जोर पकड़ सकता है। ऐसे में भाजपा पहले ही रणनीति तैयार कर रही है ताकि लोकसभा चुनाव में कोई दिक्कत न आए। इसी रणनीति के तहत भाजपा ओपी राजभर और दारा सिंह चौहान को मौका देने जा रही है।
जातिवार जनगणना के मुद्दे की भी काट तलाश रही भाजपा
इन नामों के जरिए पार्टी यह संदेश देना चाहेगी कि उसने ओबीसी समाज की सभी बिरादरियों को प्रतिनिधित्व दिया है। यही वजह है कि कैबिनेट विस्तार के साथ ही 2024 में कैसे ओबीसी समाज को साधे रखा जाए, इस पर भी दिल्ली में मंथन हो रहा है। यूपी में भाजपा 2014 से लेकर अब तक 4 चुनाव बंपर वोटों से जीती है और इसमें ओबीसी वर्ग का समर्थन अहम रहा है। भाजपा में चर्चा है कि दिवाली से पहले कैबिनेट विस्तार हो जाएगा। हालांकि अब तक किसी ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
खराब परफॉर्मेंस वाले कई मंत्रियों को हटाने की भी तैयारी
खबर यहां तक है कि राजभर और चौहान की एंट्री के साथ ही मंत्रियों को हटाया भी जा सकता है, जिनका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है। इसके अलावा कई लोगों को प्रमोशन भी मिल सकता है। योगी कैबिनेट के विस्तार और ओबीसी आरक्षण के मसले पर कुछ अहम फैसले लेकर भाजपा 2024 के चुनाव में उतर सकती है। दरअसल गुजरात के अलावा यूपी ऐसा राज्य बीते 10 सालों में रहा है, जो भाजपा के लिए पावरहाउस बना है। 80 सीटों वाले इस राज्य में भाजपा एक बार फिर 70 से ज्यादा पर जीत का लक्ष्य मान रही है।
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