देहरादून (दीपिका गौड़), उत्तराखंड जल संस्थान में 20-25 वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों को सेवायोजन पोर्टल में समायोजित करने को लेकर पूर्व राज्य दर्जा मंत्री एवं राज्य आंदोलनकारी हरिश्चंद्र पनेरु ने स्थानीय प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता की, पत्रकारों से मुखातिब होते हुये पनेरू ने कहा उत्तराखंड जल संस्थान में विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारी जो कि कई वर्षों से पेयजल जैसी महत्वपूर्ण व्यवस्था को बनाए रखने में अपना पूर्ण योगदान देते आ रहे हैं साथ ही कोरोना कल जैसी महामारी में भी इन कर्मचारियों द्वारा जनता के बीच में अपना पूर्ण योगदान दिया है लेकिन कर्मचारियों के मध्य ठेकेदारी प्रथा को रखा गया है जो कि कर्मचारियों को वेतन, ईपीएफ, ईएसआई का लाभ वर्षों से नहीं दिया जा रहा है इससे स्पष्ट होता है कि श्रमिकों का वर्षों से शोषण होते आ रहा है, पनेरू ने कहा कि ठेकेदारी प्रथा के खिलाफ संगठन द्वारा 29 जुलाई 2024 से मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय उत्तराखंड जल संस्थान में धरना प्रदर्शन चल रहा है जिसको 34 दिन का हो चुके है जबकि 29 दिनों से क्रमिक अनशन जारी है, इसके पश्चात भी विभाग व सरकार द्वारा कोई भी सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई है l
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार और महामंत्री मंलेश लखेड़ा ने कहा कि हमने सरकार में बैठे हुए कैबिनेट मंत्रियों को अपनी समस्या से संबंधित ज्ञापन पत्र भी दिए जा चुके हैं, लेकिन कर्मचारी हित में किसी भी मंत्रियों के द्वारा कोई भी सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई है जिससे संगठन मजबूर होकर पूर्व राज्य दर्जा मंत्री व राज्य आंदोलनकारी हरिश्चंद्र पनेरु के आह्वान पर गुरूवार 12 सितंबर 2024 को जल संस्थान के कर्मचारियों व तमाम संगठनों द्वारा सचिवालय कूच के लिए बाध्य होना पड़ा हैं, विभाग व शासन प्रशासन में कोई भी किसी भी प्रकार का कोई विपरीत प्रभाव पड़ता है तो उसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन वह विभागीय अधिकारी की होगी l
इस मौके पर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार प्रदेश महामंत्री मंगलेश लखेड़ा उपाध्यक्ष बलबीर पयाल संगठन तमाम सदस्य उपस्थित है l
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