देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में 1 अप्रैल से राजधानी की सड़कों पर गाड़ियों के चलने का नियम बदल जाएगा. वहीं, दिल्ली सरकार (Delhi Government) के परिवहन विभाग (Transport Department) ने आगामी 1 अप्रैल से शहर की 15 चुनिंदा सड़कों पर बसों और माल ढोने वाले वाहनों के लिए लेन संबंधी नियम को सख्ती से लागू करेगा. बता दें कि दिल्ली में 1 अप्रैल से गलत लेन में बस चलाने वाले बस चालकों का चालान कटेगा और बार-बार नियम तोड़ने (Traffic Rule) पर केस दर्ज करने और DL रद्द करने का भी प्रावधान है. बताया जा रहा है कि लेन का उल्लंघन करने वाले ड्राइवर को 10,000 रुपए तक का जुर्माना और 6 महीने की कैद की सजा का प्रावधान रखा गया है.
दरअसल, दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत (Transport Minister Kailash Gehlot) ने यह जानकारी दी. उन्होंने आदेश जारी किया कि 1 अप्रैल से जो परिवहन विभाग एनफोर्समेंट ड्राइव चला रही है, इसमें हमने एक आर्डर जारी किया है जो ड्राइवर बस लेन में नहीं चलेगा तो पहली बार नियम तोड़ने में 10 हज़ार का फाइन देना होगा. इसके अलावा राजधानी दिल्ली में 1 अप्रैल से गलत लेन में बस चलाने वाले बस चालकों का चालान कटेगा और बार-बार नियम तोड़ने पर केस दर्ज करने और DL रद्द करने का भी प्रावधान रखा गया है.
खराब ड्राइविंग करने पर 184 के तहत होगा केस दर्ज
वहीं, दिल्ली सरकार के नए आदेशों के मुताबिक, यदि दूसरी बार मे खऱाब ड्राइविंग मामले में 184 के तहत केस दर्ज होगा. साथ ही यदि तीसरी बार ये नियम तोड़ने पर DL रद्द कर दिया जाएगा. वहीं, चौथी बार तोड़ने पर प्राइवेट बसों का परमिट कैंसिल किया जाएगा. इस दौरान परिवाहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि हम जल्द ही व्हाट्सप्प नंबर शुरू करेंगे अगर कोई बस चालक नियमों का पालन नहीं कर रहा है तो वीडियो बनाकर हमें डाल दें हम उसे सबूत मानकर कार्यवाही करेंगे.
1 अप्रैल से दिल्ली की सड़कों पर गाड़ियों के चलने का नियम जाएंगे बदल
बता दें कि इससे पहले परिवाहन विभाग द्वारा जारी बयान के अनुसार, ट्रैफिक पुलिस के साथ, परिवहन विभाग केवल बसों और माल ढोने वाले वाहनों द्वारा उपयोग किए जाने वाले स्पेशल लेन को तय करेगा, जहां पर ऐसे वाहन सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक चल सकेंगे. इसके मुताबिक, बचे हुए समय के दौरान अन्य वाहनों को इन विशेष लेन पर चलने की अनुमति दी जा सकती है. हालांकि, बसें और माल ढोने वाले वाहनों को अपनी विशेष लेन पर ही चलना होगा. चूंकि, राजधानी की सड़कों में बस या भारी वाहन कई बार अपनी लेन छोड़कर दूसरी लेन में चलने लगते हैं. इससे निजी वाहनों को परेशानी उठानी पड़ती है.
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