Wednesday, December 25, 2024
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एनसीसी विस्तार कार्यशाला में प्रतिभाग करेंगे शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत

23 सितम्बर को रक्षा राज्य मंत्री की अध्यक्षता में होगी बैठक

विभागीय अधिकारियों को दिये नए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश

देहरादून, देशभर में राष्ट्रीय कैडेट कोर के विस्तार योजना को लेकर दिल्ली में होने वाली बैठक में प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत प्रतिभाग करेंगे। आगामी 23 सितम्बर को केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली इस बैठक में सभी राज्यों के शिक्षा मंत्री शामिल होंगे। शिक्षा मंत्री डॉ. रावत ने प्रदेश से जुड़े एनसीसी से संबंधित प्रकरणों एवं भविष्य की योजनाओं के ठोस क्रियान्वयन को लेकर विभागीय अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये हैं ताकि उक्त कार्यशाला में प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार-विमर्श कर इसका लाभ प्रदेश के युवाओं को पहुंचाया जा सके।

सूबे के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि एनसीसी के विस्तार को लेकर आगामी 23 सितम्बर को नई दिल्ली में केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय संयुक्त राज्य प्रतिनिधियों की बैठक होने जा रही है। जिसमें सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्री प्रतिभाग करेंगे। इसके अलावा बैठक में रक्षा मंत्रालय, एनसीसी एवं राज्यों के शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। इस महत्वपूर्ण बैठक का मुख्य विषय एनसीसी विस्तार योजना के क्रियान्वयन एवं इस संबंध में केन्द्र एवं राज्यों की ओर से आगे की रणनीति पर चर्चा के लिये योजना बनना है। डॉ. रावत ने बताया कि प्रदेश में एनसीसी से संबंधित विशिष्ट समस्याओं, एनसीसी का विस्तार व सफल क्रियान्वयन, वित्तीय सहयोग की आवश्यकता सहित तमाम बिन्दुओं को बैठक में सशक्त रूप से रखा जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को नये प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में एनसीसी का विस्तार, प्रशिक्षण, अवसंरचना और लॉजिस्टिक्स को बढ़ाने के लिये राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। प्रदेश स्तर पर एनसीसी विस्तार के लिये जो मांगे आई है उन्हें पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के राजकीय विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में एनसीसी की जूनियर एवं सीनियर डिविजन की स्थापना होनी बेहद जरूरी है ताकि यहां के अधिक से अधिक युवाओं को एनसीसी में शामिल होने का मौका मिल सके। उन्होंने कहा कि इस विषय को उच्च स्तरीय बैठक में प्रमुखता से रखा जायेगा। डॉ. रावत ने कहा कि उत्तराखंड सैन्य बहुल्य प्रदेश है, यहां के अधिकांश युवा सेना में भर्ती होकर देशसेवा में जुट जाते हैं। ऐसे में प्रदेश के विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में एनसीसी का दायरा बढ़ाना आवश्यक है।

 

 

स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर अपर सचिव से हुई पीएमएचएस की वार्ता, एसडीएसीपी

देहरादून(आरएनएस)।   प्रदेश के सरकारी डॉक्टरों ने मरीजों को बड़ी राहत देते हुए 23 सितंबर से प्रस्तावित हड़ताल 10 दिन के लिए टाल दी है। अपर सचिव स्वास्थ्य अनुराधा पाल के साथ सचिवालय में हुई वार्ता के बाद प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य संघ ने बुधवार को यह निर्णय लिया। डॉक्टरों की प्रस्तावित हड़ताल को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बुधवार को पीएमएचएस के प्रतिनिधियों से फोन पर वार्ता की। उन्होंने स्वीकार किया कि शासनादेश हो जाने के बावजूद डॉक्टरों को डीएसीपी का लाभ न मिलना गलत है और इस संदर्भ में जल्द कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर अपर सचिव अनुराधा पाल ने पीएमएचएस के प्रतिनिधि मंडल को सचिवालय में वार्ता के लिए बुलाया।  प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मनोज वर्मा, उपाध्यक्ष मुख्यालय डॉ तुहिन कुमार, प्रांतीय उपाध्यक्ष दंत डॉ. प्रियंका सिंह और देहरादून के जिला अध्यक्ष डॉ बिमलेश जोशी के साथ हुई वार्ता में यह तय किया गया कि एक सप्ताह के भीतर डॉक्टरों की एसडीएसीपी संबंधी मांग पर कार्रवाई कर ली जाएगी। इसके साथ ही डीपीसी के प्रकरणों पर भी जल्द कार्रवाई का भरोसा दिया गया है। बैठक में महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ तारा आर्य, संयुक्त निदेशक डॉ अजीत मोहन जौहरी सहित विभाग के अनेक अधिकारी मौजूद रहे।
सचिव स्वास्थ्य ने भी लगाई अफसरों को फटकार
डॉक्टरों की मांगों पर हो रही अनावश्यक देरी पर सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार ने भी महानिदेशाल के अफसरों को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि एसडीएसीपी के साथ ही डॉक्टरों की अन्य मांगों पर भी जल्द कार्रवाई की जाए। विदित है कि सरकारी डॉक्टर मसूरी, अल्मोड़ा, नैनीताल, टिहरी जिला अस्पताल को पूर्व की भांति दुर्गम घोषित किए जाने, मासिक वाहन भत्ता देने, अधिसंख्य दंत चिकित्सकों का समायोजन किए जाने, पीजी करने जाने वाले डॉक्टरों को पूरा वेतन देने के साथ ही सुरक्षा संबंधी मांगों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सचिव स्वास्थ्य ने बुधवार को डॉक्टरों की इन सभी मांगों पर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
डाक्टरों ने काली फीती बांधकर किया काम
इधर राज्य के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत सभी डॉक्टरों ने बुधवार को काली फीती बांधकर काम किया। पीएमएचएस के प्रदेश महासचिव डॉ रमेश कुंवर ने बताया कि पूरे प्रदेश में डॉक्टरों ने ओपीडी में काली पट्टी बांधकर कार्य किया। उन्होंने कहा कि बुधवार को सचिवालय में हुई वार्ता के बाद आंदोलन को दस दिन के लिए टाला गया है। चार अक्तूबर को फिर संघ की बैठक होगी जिसमें आगे की कार्य योजना पर निर्णय लिया जाएगा।

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