मथुरा, उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद धार्मिक स्थलों के लाउडस्पीकर को नियंत्रित किया जा रहा है। इसी कड़ी में श्री कृष्ण जन्मस्थान पर भी लाउडस्पीकर की आवाज कम कर दी गई थी, अब उससे सटे ईदगाह में जुमे की नमाज के दौरान लाउडस्पीकर नहीं बजा है। अपने आप में मस्जिद कमेटी की ओर से इसे बड़ा कदम माना जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि जुमे की नमाज के दौरान लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं किया गया। शाही ईदगाह मस्जिद के प्राधिकारियों ने कहा कि उन्होंने कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटी मस्जिद में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को नियंत्रित करने का फैसला किया है।
शाही मस्जिद के सचिव तनवीर अहमद ने कहा कि मस्जिद से तीन लाउडस्पीकरों को हटा दिया गया है और अब केवल एक लाउडस्पीकर का इस्तेमाल कम ध्वनि के साथ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि मस्जिद में इस्तेमाल हो रहे लाउडस्पीकार की आवाज परिसर से बाहर नहीं जाए। अहमद के मुताबिक, यह कदम उस सौहार्द को बनाए रखने के लिए है, जिसके लिए मथुरा प्रसिद्ध है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले बुधवार को मस्जिद से सटे श्री कृष्ण जन्मस्थान के भागवत भवन मंदिर में लगे लाउडस्पीकर को हटाने का फैसला मंदिर प्रशासन ने किया था। इससे पहले श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने मंदिर परिसर में स्थित भागवत भवन की छत पर लगे लाउडस्पीकरों को बंद कर दिया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपील पर ऐसा किया गया था।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सभी को अपनी धार्मिक विचारधारा के अनुसार उपासना पद्धति को मानने की स्वतंत्रता है। उन्होंने कहा था कि माइक का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन सुनिश्चित करें कि उसकी आवाज परिसर से बाहर न आए और इससे अन्य लोगों को परेशानी ना हो। रामनवमी और हनुमान जयंती के दिन कई जगहों पर साम्प्रदायिक तनाव और हिंसा की घटनाओं की पृष्ठभूमि में योगी ने सोमवार को कहा था कि शोभायात्रा/धार्मिक जुलूस विधिवत अनुमति के बगैर ना निकाल जाएं और अनुमति देने से पहले आयोजक से शांति-सौहार्द कायम रखने के सम्बन्ध में शपथ पत्र लिया जाए।
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