Monday, December 23, 2024
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राजभवन में डॉ. सुधा पांडेय की पुस्तक ‘अमरत्व की ओर’ का हुआ लोकार्पण

भारतीय आध्यात्मिक चिंतन का मूल आधार हैं उपनिषद : राज्यपाल

देहरादून, राजभवन ऑडिटोरियम में गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने प्रसिद्ध लेखिका डॉ. सुधारानी पाण्डेय की पुस्तक ‘अमरत्व की ओर’ का लोकार्पण किया। इस पुस्तक में उपनिषदों के गंभीर चिंतन के चयनित अंशों से संग्रहित कर 20 कथाएं हिंदी में प्रकाशित की गई हैं। राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि इस पुस्तक में निहित 20 उपनिषद् की कथाएं हमें प्राचीन ज्ञान और अपनी जड़ों से जुड़ने के लिए सेतु का काम करेंगी।
राज्यपाल ने कहा कि उपनिषद् भारतीय आध्यात्मिक चिंतन के मूल आधार हैं और भारतीय आध्यात्मिक दर्शन के स्रोत हैं। उपनिषद वेदों के अंतिम भाग हैं, इसलिए इन्हें वेदांत भी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य अजर-अमर नहीं होता है, लेकिन पुस्तकें तो अमर होती हैं। लेखकों द्वारा लिखी गई पुस्तकें हमेशा जीवित रहती है और हमारा मार्गदर्शन करती है, जिससे लेखक भी पुस्तकों के रूप में हमेशा जीवित रहते हैं।

उन्होंने कहा कि समस्त दुनिया की अनगिनत समस्याओं का समाधान भारतीय ज्ञान प्रणाली में निहित है। अब समय आ गया है कि हम अपने प्राचीन ज्ञान के असीमित ज्ञान के भंडार में झांके। यह हमारे राष्ट्र निर्माण के लिए और विश्व के स्थायित्व के लिए यह बहुत आवश्यक है।

राज्यपाल ने कहा कि इस पुस्तक की कहानियाँ भारतीय आर्ष परंपरा और उपनिषद् के ज्ञान को जानने के लिए सुधी पाठकों की जिज्ञासा को दूर करने में सहायक बनेंगी। संस्कृत ज्ञान से अपरिचित नई पीढ़ी के विभिन्न विषयों के छात्र, अध्यापकों के लिए भी यह कृति उपयोगी हो सकती है।

विशिष्ट अतिथि मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि राजभवन जैसे विशिष्ट स्थान से इस प्रकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन बहुत सराहनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक तकनीकी एवं संचार क्रांति के युग में यह पुस्तक वेद, उपनिषद् ज्ञान के साथ ब्रह्माण्ड, विज्ञान और सृष्टि के रहस्य को समझने में सहायक सिद्ध होगी। पूर्व डीजीपी उत्तराखण्ड अनिल रतूड़ी ने पुस्तक की समीक्षा रखते हुए कहा कि आज जब विश्व में अशांति का माहौल है ऐसे में इस पुस्तक की प्रासांगिकता बढ़ जाती है।

पुस्तक की लेखिका डॉ. सुधारानी पाण्डेय ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने उपनिषदों की कथाओं को सरल शब्दों में पाठकों तक पहुंचाने का प्रयास किया है। आशा है कि यह पुस्तक पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। इस मौके पर पुस्तक का कवर पेज डिजाइन करने वाले प्रख्यात चित्रकार और कवि ज्ञानेंद्र कुमार को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रामविनय सिंह ने किया।
इस अवसर पर दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल, उत्तराखण्ड तकनीकी वि.वि के कुलपति प्रो. ओंकार सिंह, सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पाण्डेय, वित्त नियंत्रक डॉ. तृप्ति श्रीवास्तव सहित अनेक लेखक एवं प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।

यह भी थे उपस्थित :
पद्मश्री डॉ. बीकेएस संजय, पद्मश्री माधुरी बड़थ्वाल, पद्मश्री बसंती बिष्ट, असीम शुक्ल, सविता मोहन, डॉली डबराल, शादाब मशहदी, रजनीश त्रिवेदी, श्रीकांत श्री, महिमा श्री, हेमवती नंदन कुकरेती, नीता कुकरेती, जसवीर सिंह हलधर, सीमा शफ़क, शिव मोहन सिंह, डॉ. राकेश बलूनी, अंबर खरबंदा, हेमचंद्र सकलानी, डॉ. सुशील उपाध्याय, चंद्रशेखर तिवारी, माहेश्वरी कनेरी, कल्पना बहुगुणा, मंजू काला, दर्द गढ़वाली, डॉ. एसके झा, प्रो.उषा झा, केडी शर्मा, रमाकांत बेंजवाल, बीना बेंजवाल, शांतिप्रकाश जिज्ञासु, सत्यानंद बडोनी, कविता बिष्ट, वीरेंद्र डंगवाल पार्थ

 

स्वास्थ्य मंत्री दिया भरोसा : कहा, मामला उनके संज्ञान में है जल्द होगी प्रक्रिया पूरीMay be an image of 6 people and temple

 

“संविदा एवं बेरोजगार नर्सिंग अधिकारी महासंघ के कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत को दिया ज्ञापन”

देहरादून, संविदा एवं बेरोजगार नर्सिंग अधिकारी महासंघ के कार्यकर्ताओं की ओर से खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के नवनिर्मित भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में ग्राम जोगियाणा, जॉलीग्रांट में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को नर्सिंग भर्ती में आ रही समस्याओं से अवगत कराने हेतु ज्ञापन सौंपा गया।
संगठन की प्रदेश अध्यक्ष मीनाक्षी मंमगाई की ओर से बताया गया कि हमारे चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के नर्सिंग अधिकारीयों के 1564 पदों पर परिणाम घोषित हुए पूरे 10 माह का समय हो गया है किन्तु अभी तक पूर्ण रूप से नियुक्ती नहीं हो पाई है जिस कारण हमारी वेटिंग लिस्ट जारी नहीं हो पा रही है।
दूसरी ओर चिकत्सा शिक्षा के 1455 पदों पर अभिलेख सत्यापन शुरू हो चूका है, अभ्यर्थी असमंजस में हैं कि कहां जाएं, कुछ इस वजह और कुछ सुगम में आने के लिऐ भी कई लोगों ने दोबारा फार्म भर लिऐ हैं जिस से जूनियर साथियों में भारी आक्रोश है।
संगठन ने मांग की कि किसी भी पूर्व में चयनित अभ्यर्थियों को एनओसी ना दी जाय, संगठन ने मंत्री से 44 पद समान्य पुरुष नर्सिंग अधिकारी के जो कि उच्च न्यायालय में लम्बित है उन पर भी शीघ्र कार्यवाही करते हुऐ परिणाम घोषित करने की मांग की गईं, जिस से बेरोजगार नर्सिंग अधिकारियों को रोजगार मिल सकें और स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सुचारू हो सकें।
संगठन की मांगे सुनने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया कि मामला उनके संज्ञान में है और जल्द पूरी भर्ती प्रक्रिया निर्विघ्न संपन्न होगी।
इस अवसर पर ज्ञापन देने वालों में शीतल, मोनिका, आरती, प्रियंका, निशा, प्रीति, शर्मिला, एकता, रेणु, रजनी, प्रवीन सिंह, महिपाल सिंह, प्रमोद, मनोज, मनमोहन, पंकज आदि लोग उपस्थित रहे।

 

अंग्रेजी अनुवादों में मलयालम साहित्य पर व्याख्यान का हुआ आयोजनMay be an image of 1 person, studying, dais and text

देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से गुरुवार को अंग्रेजी अनुवादों में मलयालम साहित्य विषय पर एक वार्ता का आयोजन किया गया. इस सचित्र वार्ता में अम्मार यासिर नक़वी द्वारा दक्षिण भारतीय साहित्य के भौतिक, मानसिक और काल्पनिक परिदृष्यों के माध्यम से विहंगम दृष्टि रखने की कोशिस की गयी. उन्होंने सवाल किया कि क्या किसी भी समाज और उसके साहित्य के विकास को एक साथ समझा जा सकता है, और क्या साहित्य समाज में बदलाव का उतप्रेरक बन सकता है |
उन्होंने अपने वक्तव्य में मलयालम साहित्य में मेरी रुचि कैसे हुई इसका परिचय, क्षेत्रीय भाषाओं के अंग्रेजी में अनुवाद की पहल, स्कूल में क्षेत्रीय साहित्य की भूमिका,केरल का संक्षिप्त इतिहास, प्रारंभिक साहित्य आंदोलन के साथ ही ओ वी विजयन और वैकोम बशीर के कार्य और केरल साहित्य में आधुनिकतावाद एवं उत्तर आधुनिकतावाद पर चर्चा की |
अपनी वार्ता में अम्मार नक़वी ने टी एस पिल्लई, वैकोम बशर, एम टी वासुदेवन नायर, जे देवियाक, के आर मीरा, बेन्यामिन जैसे लेखकों का भी उल्लेख किया.वार्ता के बाद श्रोताओं द्वारा सवाल -जबाब भी किये गए, वार्ताकार अम्मार नक़वी पेशे से एक अकादमिक अनुवादक, लेखक, इतिहासकार, घुम्मकड़ और एक महत्वाकांक्षी शिक्षाविद हैं. अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय जैसे संगठनों के साथ-साथ अमन प्रकाशन और परिवर्तन प्रकाश जैसे कुछ क्षेत्रीय प्रकाशनों के लिए लेखक, अकादमिक प्रशिक्षक, अनुवादक, शोधकर्ता और संसाधन व्यक्ति के रूप में में काम कर रहे हैं. उन्होंने बंगाल के दूरदराज के हिस्सों में ग्रामीण क्षेत्रीय पुस्तकालयों की स्थापना की।
कार्यक्रम की शुरुआत में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने अतिथियों वक्ता और उपस्थित प्रतिभागी लोगों का स्वागत किया और इस तरह की पहल को साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बताया.कार्यक्रम के समापन पर गांधीवादी विचारक बिजू नेगी ने सभी लोगों के प्रति आभार प्रकट किया |
इस अवसर पर कर्नल अरुण ममगाईं (सेवानिवृत्त ), बिजू नेगी, विवेक तिवारी,श्री आकिफ़ काज़मी, वरिष्ठ पत्रकार, डॉ. राजेश पाल,श्रीमती मीरा अय्यर, शहाब नकवी, निदेशक, साहस फाउंडेशन इनक्लूसिव रिसोर्स सेंटर, सुंदर सिंह बिष्ट, डॉ. मनोज पंजानी, अवतार सिंह, मनीष ओली, राकेश कुमार और विजय यादव सहित युवा पाठक, लेखक, साहित्यकार व अन्य लोग उपस्थित रहे |

 

यूपीजेईए ने कोर्ट से अंतिम निर्णय आने पर खुशी जताई

“यूपीसीएल में सहायक अभियंता वरिष्ठता सूची का मामला”

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देहरादून, उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन ने यूपीसीएल में सहायक अभियंता वरिष्ठता सूची विवाद में अन्तिम निर्णय आने पर यूपीसीएल प्रबंधन के प्रयासों हेतु आभार व्यक्त किया है। सहायक अभियंता वरिष्ठता सूची विवाद में वर्षों के इंतज़ार के उपरान्त अंतिम निर्णय आने से यूपीजेईए के सदस्यों में प्रसन्नता व्याप्त है।
केंद्रीय महासचिव पवन रावत ने कहा कि यूपीजेईए की तरफ से वरिष्ठता सूची मामले में कोर्ट में लंबित वाद के निस्तारण हेतु लम्बे समय से यूपीसीएल प्रबंधन से संवाद स्थापित किया जा रहा था। उच्च न्यायालय द्वारा 27.06.2024 को मामले में अन्तिम निर्णय दिया गया है, जिससे सदस्यों में खुशी की लहर है। उन्होंने कहा कि कोर्ट का निर्णय प्रोन्नत सहायक अभियंताओं के पक्ष में है, इससे अवर अभियंता संवर्ग को अब वर्षो बाद न्याय प्राप्त होने की उम्मीद जगी है।
प्रान्तीय अध्यक्ष सुनील उनियाल ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा अंतिम निर्णय में यूपीसीएल को वर्ष 2006-07, 2007-08 एवं 2008-09 में सीधी भर्ती एवं प्रोन्नत सहायक अभियंताओं को रोटा कोटा के अनुसार उनकी ज्वॉइनिंग की तिथि से वरिष्ठता का निर्धारण किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। न्यायालय द्वारा इस कार्यवाही को आठ सप्ताह में पूर्ण किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है।
केंद्रीय महासचिव ने कहा कि यूपीसीएल प्रबंधन को पत्र के माध्यम से उच्च न्यायालय के अंतिम निर्णय के सम्बन्ध में अवगत करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि पत्र के माध्यम से प्रबन्ध निदेशक यूपीसीएल से न्यायालय के अंतिम निर्णय के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए अधिशाषी अभियंता के रिक्त पदों पर अविलंब प्रोन्नति किये जाने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही एसोसिएशन द्वारा इस सम्बन्ध में प्रबंधन से मुलाक़ात भी की जाएगी।

 

महंगी होती बिजली : जनसंघर्ष मोर्चा ने आमरण अनशन को चेताया, दिया ज्ञापन

विकासनगर(दे.दून), जन संघर्ष मोर्चा कार्यकर्ताओं ने मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में तहसील में प्रदर्शन कर गर्वनर उत्तराखंड ले. जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह को हर मोर्चे पर विफल पाए जाने के खिलाफ आमरण अनशन की चेतावनी देने को लेकर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी विकासनगर विनोद कुमार को सौंपा।
नेगी ने कहा कि जब से इनके द्वारा राज्यपाल पद की बागडोर अपने हाथ में ली है तब से लेकर आज तक इनके द्वारा किसी भी मुद्दे पर संवेदनशीलता नहीं दिखाई गई और न ही कभी जनता का दर्द जानने की कोशिश की। प्रदेश में लगातार महंगी होती बिजली से जनता कराह रही है, लेकिन इनके कानों में आवाज नहीं सुनाई दे रही। इसी प्रकार सहकारी बैंक भर्ती घोटाला, सरकारी भ्रष्टाचार,वनाग्नि से हुए हजारों हेक्टर जंगल खाक होना, अनगिनत बेजुबान पशुओं की वनाग्नि से अकाल मृत्यु आदि तमाम घोटालों/ मामलों में राजभवन की खामोशी/ उदासीनता प्रदेश का बंटाधार करने में लगी है, लेकिन गवर्नर साहब का इन सब बातों से कोई सरोकार नहीं है। जनता चीख- पुकार रही है, लेकिन उनका दर्द गवर्नर साहब को सुनायी नहीं दे रहा। गवर्नर साहब सिर्फ बुके का आदान-प्रदान करने में व्यस्त हैं तथा राजभवन को एक एशगाह बनाकर रख दिया है। राजभवन का कोई भी नियंत्रण सरकार पर नहीं है, जिसकी वजह से अधिकारी बेलगाम हैं तथा आकंठ भ्रष्टाचार में डूब चुके हैं।
वहीं दूसरी और एक अन्य ज्ञापन नई ई-रिक्शाओं के पंजीकरण पर रोक लगाने की मांग को भी सौंपा। मोर्चा गवर्नर साहब को आगाह करता है कि अगर शीघ्र ही जनता की आवाज न सुनी गई तो मोर्चा उनके खिलाफ आमरण कर आर-पार की लड़ाई लड़ेगा। इस अवसर पर मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, विजयराम शर्मा, दिलबाग सिंह, ग़ालिब प्रधान, अशोक चंडोक, मोहम्मद असद, सलीम मुजीबुर्रहमान, अकरम सलमानी, गुरचरण सिंह,अश्वनी कुमार, आरपी सेमवाल, राम सिंह तोमर, एमए अंसारी, विक्रम पाल, मालती देवी, सायरा बानो, दिनेश राणा, बिल्लू अल्बर्ट, आरपी भट्ट, प्रवीण शर्मा पिन्नी, मंगल सिंह, रहबर अली, नरेश ठाकुर,भगत, सोनू, जाहिद, जाबिर प्रधान, सरोज गांधी, प्रवीण पांडे, विनोद जैन, संजय गुप्ता, सफीक पांडे, मोहम्मद आसिफ, भजन सिंह नेगी, तरुण ध्यानी, परवीन, नरेंद्र तोमर, संगीता चौधरी, गोविंद सिंह नेगी, प्रवीण कुमार, दीपांशु अग्रवाल, प्रमोद शर्मा, समून, भजन सिंह नेगी, गौरव लोधा, खुर्शीद, परवीन, किशोर भंडारी, सुनीता देवी, बलवंत सिंह राठौर, चौ0 मामराज, गौरी रावत, नितिन प्रधान, जयपाल सिंह, मनीष नेगी, सुरजीत सिंह टिम्मू, कुंवर सिंह नेगी, देव सिंह चौधरी, अशोक गर्ग, गफूर, सलीम मिर्जा, संध्या गुलरिया, जीशान, निर्मला देवी अंकुर चौरसिया, रोबिन आदि मौजूद थे।

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