-लचर कार्यप्रणाली और सुस्त कर्मचारियों पर डीएम का हमला बोल
-डीएम की एक टूक, लापरवाह नौकरशाही नहीं होगी बर्दाश्त मूसलाधार बारिश भी नहीं तोड़ सकी डीएम के सिस्टम को दुरुस्त करने का जज़्बा
-10 बजने से चंद मिनट पहले पहुँचे तहसील कार्यालय साढ़े दस बजे तक भी ना पहुँचने वालों पर गिरी गाज, कुछ का तबादला, कुछ का वेतन कटा
-कोर्ट मामलों को छोड़ते हुए 10 लाख से ऊपर की वसूली की पेंडेंसी ख़त्म करने को अधिकारियों को एक माह समय दिया, उसके बाद होगी कार्रवाही
-एमडीडीए के एसई को लताड़ लगाते हुए एमडीडीए बिल्डिंग की ख़राब लिफ्ट को एक माह में दुरुस्त करने के दिए निर्देश
-पुरानी तहसील की भूमि का भी किया निरीक्षण एसपी ट्रैफिक और प्रशासन की संयुक्त टीम के साथ निरीक्षण कर मैकेनिकल ऑटोमेटेड पार्किंग बनाये जाने का लिया गया निर्णय
-अधिकारियों कर्मचारियों को कार्यप्रणाली सुधारने की नसीहत देते हुए आमजन की समस्याओं को संवेदनशीलता से निस्तारित करने की दी हिदायत
देहरादून, जिलाधिकारी सविन बसंल ने तहसील सदर का किया औचक निरीक्षण। जिलाधिकारी आज सुबह वर्षा के बीच प्रातः 9ः50 बजे तहसील सदर पंहुचे। जिलाधिकारी ने उपस्थिति पंजिका का निरीक्षण करते हुए देरी से आने वाले कार्मिकों जारी की चेतावनी, 10ः30 बजे बाद आने वाले कार्मिकों का 01 दिन के वेतन रोकने के दिए निर्देश। सुस्त कार्य प्रणाली पर डब्लू.बी.एन, ए.डब्लू.बी.एन के तबादले को किया आदेशित।
जिलाधिकारी ने कार्यालयों में जनमानस हेतु आदर्श माहौल स्थापित करने तथा जनमासन के साथ व्यवहार में सौम्यता रखने तथा आमजन की समस्याओं को संवेदनशीलता से निस्तारण करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने तहसील परिसर में सीढीयों पर गंदगी पाए जाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए सफाई व्यवस्था हेतु लगाए गए ठकेदार पर अर्थदण्ड की कार्यवाही के निर्देश दिए,जिलाधिकारी के निर्देशो के अनुपालन में नगर निगम द्वारा सम्बन्धित ठकेदार पर 01 लाख का अर्थदण्ड लगया। साथ ही तहसील परिसर में लिफ्ट खराब होने पर नाराजगी जाहिर की। मौके पर मौजूद एमडीडीए के अधिकारियों ने बताया कि लिफ्ट पर मरम्मत कार्य किया जा रहा है, जिस पर जिलाधिकारी ने 01 माह के भीतर लिफ्ट ठीक कराने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान तहसील में वसूली की प्रकरणों की अद्यतन स्थिति की जानकारी लेते हुए वसूली बढाने के निर्देश दिए। साथ ही निर्देशित किया कि 10 लाख से अधिक के बकायेदारों से 01 माह के भीतर वसूली की जाए।, इस कार्य में लापरवाही बरतने पर निलंबन की कार्यवाही की चेतावनी दी। उन्होंने लम्बित वाद की स्थिति जानी, म्यूटेशन आदेश के उपरान्त पोर्टल पर अद्यतन किये गए अभिलेखों का विवरण जाना। निर्देशित किया कि म्यूटेशन के आदेश उपरान्त तत्काल पोर्टल पर अद्यतन कर लिए जाएं।
इसके उपरान्त जिलाधिकारी ने पुलिस, नगर निगम, एमडीडीए के अधिकारियों केसाथ पुरानी तहसील का निरीक्षण कर इस स्थान पर मल्टीलेवल ओटोमैटिक/ मैकेनाईज पार्किंग बनाने की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए। पुराने तहसील परिसर में पार्किंग बनने से जहां बाजार की सड़के जाममुक्त रहेंगी, वहीं यातायात व्यवस्था में सुधार होगा।
संविधान मात्र दस्तावेज़ नहीं, अपितु जीवन जीने का एक माध्यम भी है
देहरादून, भारतीय संविधान और संवैधानिक मूल्यों पर आधारित फिल्म की श्रंखला के छठवें एपिसोड का प्रदर्शन दून पुस्तकालय के सभागार में किया गया। सुपरिचित फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल द्वारा इस लोकप्रिय धारावाहिक का निर्देशन किया गया है। इस अवसर पर पत्रकार भूपेन्द्र कण्डारी ने कहा कि समाज की संरचना में जो महत्व दैवीय उत्पत्ति के सिद्धांत का है, वही महत्व विकसित समाज की स्थापना में संविधान का है। संविधान केवल दस्तावेज़ नहीं है बल्कि जीवन जीने का एक माध्यम है। वर्तमान परिपेक्ष में संविधान की मूल भावना और उसके उद्देश्य को आम लोगों तक ले जाया जाना नितांत आवश्यक है। इस मौके पर जन संवाद समिति के प्रमुख सतीश धौलाखंडी नेे कार्यक्रम के उद्देश्यों पर जानकारी दी और कहा कि संविधान पर आधारित यह एपिसोड सामान्य जनों के लिए ज्ञानवर्धक साबित हो रहे हैं।
कार्यक्रम के अंत में सफ़दर हाशमी द्वारा लिखित ‘औरत’ नाटक का मंचन किया गया। कलाकारों द्धारा इस नाटक के माध्यम से इस बात को मुखरता के साथ दर्शाने का प्रयास किया गया कि महिलायें आज हर क्षेत्र में आगे हैं पर फिर भी पुरुष प्रधान समाज उनकी प्रगति में अवरोध पैदा करता है। उनकी मानसिक, शारीरिक, नैतिक और बौद्धिक क्षमता समृद्ध होने के बाद भी भी उनकी स्थिति शोचनीय बनी हुई है। नारी चाहे वह बच्ची हो, लड़की हो, पत्नी हो, मां हो, उसे क़दम-क़दम पर शोषण और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। उसे भाई की तुलना में अधिक काम करना पड़ता है। उसकी पढने-लिखने और आगे बढ़ने की आकांक्षाओं को सीमित किया जाता है। कारखानों में उसे कम वेतन और छंटनी का शिकार होना पड़ता है। ससुराल में दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता है। सड़कों पर अपमानित होना पड़ता है। समाज में यह अमूमन यह ही माना जाता है कि उसका सौंदर्य और यौवन उपभोग के लिये ही है।
नाटक में हिमांशु बिम्सवाल, मेघा,पंकज डंगवाल, गायत्री टम्टा,सुधीर,शेखर,प्रियांशी,संजना,उपासना,अमित,विनीता ऋतुंजय,सैयद इक्देदार अली, सतीश धौलाखंडी ,धीरज रावत ने उत्कृष्ट अभिनय किया ।
कार्यक्रम के आरम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने उपस्थित सभी लोगों का स्वागत किया। इस कार्यक्रम का संचालन इप्टा के उत्तराखण्ड अध्यक्ष डॉ. वी. के. डोभाल ने किया।
इस अवसर पर सुंदर बिष्ट, मनोज कुमार,शोभा शर्मा, अवतार सिंह, साहब नक़वी,हर्षमनी भट्ट, राकेश कुमार, कुलभूषण नैथानी, सुधांशु ,देवेंद्र कुमार, डॉ.अतुल शर्मा, कांता डंगवाल,सहित शहर के अनेक रंगकर्मी, सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक, सहित दून पुस्तकालय के कुछ युवा पाठक उपस्थित रहे।
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