(नारायण सिंह रावत)
सितारगंज। प्रगतिशील किसान अनिलदीप सिंह महल की उन्नतशील खेती की ख्याति सुनकर जिलाधिकारी भी उनके गांव पहुंच गए जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त ने तिगरी फार्म बिष्टी पहुँचकर कृषि उत्पादों की जानकारी ली। डीएम भी उनकी खेती की प्रशंसा करते नजर आए।
इस दौरान जिलाधिकारी ने काले चावल से बनी खीर के साथ ही पीले तरबूज का स्वाद चखा।
किसान अनिलदीप महल ने डीएम को बताया कि कृषि भूमि पर रंग बिरंगी भिन्डी, गेंहू में काली मोटी, काली बारीक, पर्पल, ब्लू गेहूँ,चावल में नीली जामूनी, काला चावल, भूटानी रेड, निरवाना रेड, रक्तशाली, तिलक चंदन आदि अनेक फसल का उत्पादन किया जा रहा है।
साथ ही अनिलदीप महल ने बताया कि जैविक तरीकों से अपने खेत में लाल भिन्डी की खेती सफलता पूर्वक की। उन्होंने यह भी बताया कि काली मोटी, काली बारीक गेहूं नीली जामूनी, सफेद गेहूँ काला चावल-चार किस्म के गेहूँ की जापानी तकनीक की मदद से फसल तैयार की है। ये गेंहू की किस्में मधुमेह जैसी बीमारियों से पीड़ित रोगियो के लिये अत्यधिक सहायक है। बताया कि इस किस्म के गेहूँ कैंसर, मोटापा और दिल से सम्बन्धित बीमारियों से लड़ने में भी सहायक है। अनिलदीप ने अपनी भूमि पर रुद्राक्ष, विभिन्न प्रजातियों के आम, अनेक प्रकार के मसाले जैसे जीरा, हींग, सौंप (दो प्रकार की), बैगनी पत्ता गोभी, गूलर के 15 प्रकार के फूल, 06 प्रकार के बास, अंजीर आदि अनेक पेड़ सौधे लगाये है। अनिलदीप ने अनेक प्रकार के फूलों की खेती कर रखी है एवं विभिन्न प्रकार के फलों की भी खेती की है।
जिन फसलों का उत्पादन उनके द्वारा किया जा रहा है, वे उनके उचित मात्रा में बीज भी तैयार कर रहें है। ताकि अन्य काश्तकारों को भी इन बीजों को उपलब्ध कराया जा सकें। डीएम ने किसान अनिलदीप के प्रयासों की सराहना की। साथ ही सभी को उन्नतिशील खेती से जुड़ने की सलाह दी।
इस दौरान मुख्य कृषि अधिकारी एके वर्मा, तहसीलदार जगमोहन त्रिपाठी, कृषि विकासखंड प्रभारी सुभाष चंद यादव, उप परियोजना निदेशक आत्मा राजेन्द्र शर्मा, ब्लॉक तकनीकी प्रबन्धक आत्मा सुमित गौड़, मास्टर ट्रेनर जैविक खेती मोहम्मद अशरफ, न्यायपंचायत प्रभारी कैलाश चंद पन्त आदि उपस्थित थे।
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