देहरादून, उत्तराखंड़ राज्य बनने के बाद से राजधानी दून समेत कई जिलों में जमीन खरीद फरोख्त के मामले बढ़ गये, इसके साथ ही जमीन की खरीद फरोख्त में धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ने लगे, जमीन संबन्धी बढ़ते धोखाधड़ी के मामले को देख डीएम सोनिका मीणा ने आम जन से अनुरोध करते हुए कुछ जरूरी जांच करने का अनुरोध किया है
डीएम ने अपील की है की ‘करना हो संपत्ति में निवेश, सावधानी हो कुछ विशेष’ संपत्ति खरीद में बरतें सावधानियाँ
अभिलेखों (खतौनी / खसरा ) में ध्यान देने वाली बातें :
▪️रिकॉर्ड में दर्ज नाम की पुष्टि आधार कार्ड से अवश्य करें।
▪️तहसील से प्रमाणित प्रति नवीनतम खतौनी की प्राप्त की जानी चाहिए।
▪️अभिलेखों में विक्रेता के नाम की जाँच न्यूनतम 12 वर्ष तक पुष्टि करा लें।
▪️क ख ग घ अथवा मि० की स्थिति में आधार वर्ष की खतौनी से स्वामित्व की क्रमवार जांच कर ली जाए।
▪️अधिकतम पृष्ठों वाली नकल खतौनी में मूल पृष्ठ से विक्रेता का नाम अंतिम पृष्ठ तक मिलान करे।
▪️खतौनी में विक्रेता के नाम पर विक्रीत क्षेत्रफल अवशेष है, इस सन्दर्भ में पुष्टि अवश्य कर लें।
▪️विक्रेता द्वारा विक्रय की जाने वाली भूमि संक्रमणीय अधिकार वाली श्रेणी-1 (क) की भूमि हो।
▪️यह सुनिश्चित कर ले कि उक्त भूमि विवादरहित एवं बंधनमुक्त हो।
▪️क्रय की जाने वाली भूमि गोल्डन फारेस्ट, टी- स्टेट तथा पर्ल ग्रुप कंपनी की भूमि ना हो।
▪️संपत्ति क्रय करते समय मूल बेनामा लेकर खसरा नंबर एवं विक्रेता के नाम आदि का विवरण अच्छी तरह से ज्ञात कर ले।
अधिक जानकारी या सुझाव के लिए आप इस 01353510587 पर संपर्क कर सकते हैं।
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