राज्य के सहकारी बैंकों में हुए भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई से कराई जाय : गणेश गोदियाल
देहरादून, जिला सहकारी बैंक रूडकी के निदेशक की बर्खास्तगी ने साबित कर दिया है कि उत्तराखण्ड राज्य के सभी सहकारी बैंकों में हुई भर्ती में भारी मात्रा में धांधली हुई है तथा मोटी-मोटी रकम लेकर अपने चहेतों को नौकरियों की बंदरबांट की गई है जिसकी जांच सीबीआई द्वारा की जानी चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने उत्तराखण्ड के सहकारिता विभाग पर भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे होने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य के सहकारिता विभाग में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। बेरोजगारों को रोजगार देने के नाम पर मोटी-मोटी रकम लेकर अपने चहेतों को नौकरियों की बंदरबांट की गई है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण जनता के विश्वास की नींव पर खडे संहकारी संस्थानों पर आधारित राज्य को-आपरेटिव बैंक में चतुर्थ श्रेणी के पदों की भर्ती में हुए भारी भ्रष्टाचार ने राज्य सरकार के सहकारिता विभाग की कलई खोल कर रख दी है।
ज्ञातव्य हो कि गणेश गोदियाल के नेतृत्व में कांग्रेसजनों ने विगत 11 अप्रैल, 2022 को सचिवालय के मुख्य द्वार पर उत्तराखण्ड राज्य में को-आपरेटिव बैंक के चतुर्थ श्रेणी पदों की निुयक्ति में हुए घोटाले की जांच की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया था।
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि इससे पूर्व भी को-आपरेटिव बैंक में रिक्त पदों पर हुई भर्ती में भारी भ्रष्टाचार को अंजाम देने की नीयत से चयन परीक्षा उत्तराखण्ड में आयोजित कराने की बजाय नोयडा में आयोजित कर स्थानीय बेरोजगार नौजवानों के हक को मारा गया था। इस भर्ती परीक्षा में भी अपनो को ही रेवडी बांटने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने स्वयं स्वीकार किया था कि सरकार में उगाही की खुली लूट मची हुई है जिस पर लगाम लगाने की जरूरत है। रूडकी में जिला को-आपरेटिव बैंक भर्ती की जांच के उपरान्त निदेशक की बर्खास्ती ने साबित कर दिया है कि राज्य के सभी सहकारी बैंकों तथा सहकारी संस्थाओं में नौकरी के नाम पर बेरोजगार नौजवानों से मोटी रकम वसूली गई है।
गणेश गोदियाल ने कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टाॅलिरेंस का दावा करने वाली उत्तराखण्ड सरकार द्वारा सहकारी संस्थाओं में हर स्तर पर भ्रष्टाचार को प्राश्रय दिया है तथा कलई खुलने पर सरकार में बैठे लोग मौनव्रत धारण किये हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सहकारी विभाग तथा कोआपरेटिव बैंकों में हुए भर्ती घोटाले तथा भ्रष्टाचार की सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए तथा दोषियों के खिलाफ कडी कार्रवाई की जानी चाहिए।
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