“समाज की दशा और दिशा बदलने में साहित्यकार की भूमिका अहम्”
देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), समाज की दशा और दिशा बदलने में साहित्यकार की अहम भूमिका है। विभिन्न वक्ताओं ने शहर के सुपरिचित गीतकार शिवमोहन सिंह की पुस्तक ‘ज्यों कुहरे में धूप’ पर हुई चर्चा के दौरान यह बात कही। वक्ताओं ने कहा कि शिव मोहन के गीतों में जहां समाज में प्रेम, भाईचारा और सद्भाव की बात कही गई है, वहीं समाज में बढ़ते वैमनस्य पर भी चिंता जताई गई है।
उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी के आवास पर फुलवारी कार्यक्रम के अंतर्गत हुई इस चर्चा में गीतकार शिव मोहन सिंह से सवाल-जवाब का दौर भी हुआ। शिव मोहन ने सवालों का जवाब देते हुए अपनी साहित्यिक यात्रा पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम में सबसे पहले आईपीएस अनिल रतूड़ी ने शिव मोहन की पुस्तक की समीक्षा करते हुए तमाम पहलू पर अपने विचार व्यक्त किए। मुख्य वार्ताकार की सहयोगी के रूप में हिंदी शिक्षक भारती मिश्रा ने सवालों के क्रम को आगे बढ़ाया।
विद्वान साहित्यकारों में पूर्व कुलपति डा. सुधा रानी पांडेय, अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गीतकार डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र, असीम शुक्ल जी , प्रो. राम विनय सिंह, आईएएस ललित मोहन रयाल, डाॅली डबराल, डॉ. विद्या सिंह, आकाशवाणी केंद्र देहरादून के प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर अनिल भारती, डॉ. इंदु अग्रवाल जी, डॉ. उषा झा रेणु, शायर शादाब अली, अनुराधा जुगरान ने पुस्तक विषयक अपने सारगर्भित प्रश्नों के साथ प्रमुख रूप से लेखक के साथ संवाद कायम किया तथा विस्तृत चर्चा हुई।
इस अवसर पर आईएएस रूचिका रयाल, डॉ. मुनीराम सकलानी, रजनीश त्रिवेदी, बीना बेंजवाल, अनिल अग्रवाल, डॉ. शम्भू कुमार झा, कविता बिष्ट सहित शहर के वरिष्ठ साहित्यकार उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में मुख्य वार्ताकार अनिल रतूड़ी की पत्नी उत्तराखंड के मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने शिव मोहन के लेखन की प्रशंसा की और अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
श्रीमद् भागवत कथा आचार्य पवन नंदन ने भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का किया वर्णन
देहरादून, श्रीमद् भागवत सेवा जनकल्याण समिति द्वारा पांचवें दिन मंगलवार कथा में आचार्य पवन नंदन जी महाराज के मुखारविंद द्वारा कथा का गुणगान किया आयोजित आचार्य ने भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने पूतना वध, कालिया मर्दन, गोचरण, माखन चोरी, गोवर्धन लीला आदि प्रसंग सुनाए।
आचार्य ने कहा कि प्रभु इसके जरिए हमें प्रकृति प्रेम, गोपालन, पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हैं। इसके बाद भजन का सिलसिला चला। छटा तेरी तीन लोक से न्यारी है गोवर्धन महाराज…, अरे री मेरी मटकी फोड़ी मोहन मतवारे ने…,हाथ में माखन धूल भरा तन…। भजनों पर श्रद्धालु भाक्तिभाव में नाचने लगे। मुख्य यजमान पारस भंडारी प्रथम जोशी रहे इस दौरान सभी जन भक्ति में सराबोर हो गए |
आज के कार्यक्रम में उपस्थित महानगर अध्यक्ष देहरादून सिद्धार्थ उमेशअग्रवाल नरेंद्र सिह नेगी, पार्षद राजेश परमार , विनोद राई,अध्यक्ष प्रेम सिंह भंडारी, सचिव नवीन जोशी, गणेश,अभिषेक परमार, प्रदीप राई, कैलाश चंद भट्ट, केवलानंद लोहानी, प्रमिला नेगी, मालती राई, कैलाश भट्ट, गीता, विमला, सावित्री प्रधान ,रीता राई , धन सिंह फर्त्याल,दीपक सिंह गोसाई , आदि मौजूद रहे |
तीन दिवसीय 17वां रोहिताश सिंह मेमोरियल अंतर सदनीय जूनियर ब्वॉयज क्रिकेट टूर्नामेंट शुरू
“शिवालिक सदन को हराकर मोनाल सदन ने जीता उद्घाटन मैच”
देहरादून, द हैरिटेज स्कूल के तत्वावधान में तीन दिवसीय 17वां रोहिताश सिंह मेमोरियल अंतर सदनीय जूनियर ब्वॉयज क्रिकेट टूर्नामेंट स्कूल परिसर में आरंभ किया गया और उदघाटन मैच में मोनाल सदन ने शिवालिक सदन को छह विकेट से पराजित कर अगले दौर में प्रवेश किया।
यहां न्यू रोड स्थित द हैरिटेज स्कूल के परिसर में 17वां रोहिताश सिंह मेमोरियल अंतर सदनीय जूनियर ब्वॉयज क्रिकेट टूर्नामेंट की शुरूआत की गई और उदघाटन मैच मोनाल सदन एवं शिवालिक सदन के बीच खेला गया। मैच में मोनाल सदन ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया और शिवालिक सदन को बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित किया।
मैच में शिवालिक सदन ने निर्धारित ओवर में पहली बारी में बिना कोई विकेट गंवायें 45 रन बनाये जबकि मोनाल सदन ने दो विकेट के नुकसान पर 49 रन बनाये।
मैच की दूसरी पारी में शिवालिक सदन ने 28 रन बनाये और मोनाल सदन को जीतने के लिए 25 रनों का लक्ष्य दिया और मोनाल सदन ने दो विकेट के नुकसान पर लक्ष्य हासिल करते हुए मैच को छह विकेट से जीतकर अगले दौर में प्रवेश किया।
इससे पूर्व स्कूल के चेयरमैन चौधरी अवधेश कुमार व प्रधानाचार्य डाक्टर अंजू त्यागी ने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर टूर्नामेंट का शुभारंभ किया। इस अवसर पर स्कूल के चेयरमैन चौधरी अवधेश कुमार, निदेशक विक्रांत चौधरी, काउंसलर चारू चौधरी, प्रधानाचार्य डाक्टर अंजू त्यागी सहित शिक्षक शिक्षिकायें, छात्र छात्रायें व खिलाड़ी मौजूद रहे।
समर्पण दिवस : हर पल में निरंकार के प्रति समर्पित होकर जीवन जीयें : सतगुरु सुदीक्षा महाराज
देहरादून, जब हम हर पल में इस निरंकार प्रभु के प्रति पूर्ण समर्पित भाव से अपना जीवन जीते चले जाते हैं तब वास्तविक रूप में मानवता के कल्याणार्थ हमारा जीवन समर्पित हो जाता है। ऐसा ही प्रेमा-भक्ति से युक्त जीवन बाबा हरदेव सिंह ने हमें स्वयं जीकर दिखाया’ यह आशीष वचन सतगुरु सुदीक्षा महाराज द्वारा ‘समर्पण दिवस’ के पावन अवसर पर व्यक्त किये गये।
युगदृष्टा बाबा हरदेव सिंह की पावन स्मृति में ‘समर्पण दिवस’ समागम का आयोजन सतगुरु सुदीक्षा महाराज एवं निरंकारी राजपिता के सान्निध्य में संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल समालखा (हरियाणा) में हुआ। जिसमें दिल्ली, एनसीआर सहित पड़ोस के राज्यों से हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने सम्मिलित होकर उनके परोपकारों को न केवल स्मरण किया अपितु हृदयपूर्वक श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इसके अतिरिक्त यह दिवस विश्वभर में भी आयोजित किया गया जहां सभी भक्तों ने बाबा की सिखलाईयों का स्मरण करते हुए उनको नमन किया।
मानवता के मसीहा बाबा हरदेव सिंह की सिखलाईयों का जिक्र करते हुए सतगुरु ने फरमाया कि बाबा ने स्वयं प्यार की सजीव मूरत बनकर निस्वार्थ भाव से हमें जीवन जीने की कला सिखाई। जब परमात्मा से हमें सच्चा प्रेम हो जाता है तब इस मायावी संसार के लाभ और हानि हम पर प्रभाव नहीं डाल पाते क्योंकि तब ईश्वर का प्रेम और रज़ा ही सर्वोपरि बन जाते हैं।
इसके विपरीत जब हम स्वयं को परमात्मा से न जोड़कर केवल इन भौतिक वस्तुओं से जोड़ लेते हैं तब क्षणभंगुर सुख-सुविधाओ के प्रति ही हमारा ध्यान केन्द्रित रहता है। जिस कारण हम इसके मोह में फंसकर वास्तविक आनंद की अनुभूति से प्रायः वंचित रह जाते है। वास्तविकता तो यही है कि सच्चा आनंद केवल इस प्रभु परमात्मा से जुड़कर उसकी निरंतर स्तुति करने में है जो संतों के जीवन से निरंतर प्रेरणा लेकर प्राप्त किया जा सकता है। यही भक्त के जीवन का मूल सार भी है। परिवार, समाज एवं संसार में स्वयं प्यार बनकर प्रेम रूपी पुलों का निर्माण करें क्योंकि समर्पण एवं प्रेम यह दो अनमोल शब्द ही संपूर्ण प्रेमा भक्ति का आधार है जिसमें सर्वत्र के कल्याण की सुंदर भावना निहित है।
समर्पण दिवस के अवसर पर दिवगंत संत अवनीत की निस्वार्थ सेवा का जिक्र करते हुए सतगुरु ने कहा कि उन्होंने सदैव गुरु का सेवक बनकर अपनी सच्ची भक्ति एवं निष्ठा निभाई न कि किसी रिश्ते से जुड़कर रहे। इस समागम में मिशन के अनेक वक्तागणों ने बाबा जी के प्रेम, करूणा, दया एवं समर्पण जैसे दिव्य गुणों को अपने शुभ भावों द्वारा विचार, गीत, भजन एवम् कविताओं के माध्यम से व्यक्त किये।
इसी श्रृंखला में ब्रांच देहरादून हरिद्वार रोड बायपास निरंकारी सत्संग भवन के तत्वावधान में सत्संग कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसकी अध्यक्षता जोनल इंचार्ज हरभजन सिंह ने की। उन्होंने कहा कि बाबा हरदेव सिंह महाराज 60 के दशक से प्रत्येक वर्ष हर ग्रीष्मकाल में मसूरी प्रवास पर संगतो को दर्शन दिया करते थे। 1980 से लेकर 13 मई 2016 तक बाबा हरदेव सिंह महराज ने निरंकारी मिशन को हिंदुस्तान ही नहीं विश्व के 40 देशों तक पहुँचाया।
निसंदेह प्रेम के पुंज बाबा हरदेव सिंह की करूणामयी अनुपम छवि, प्रत्येक श्रद्धालु भक्त के हृदय में अमिट छाप के रूप में अंकित है और उनके इन उपकारो के लिए निरंकारी जगत का प्रत्येक भक्त सदैव ही ऋणी रहेगा।
इंटर कॉलेज मुनस्यारी के टॉपर हुए सम्मानित, सामुदायिक पुस्तकालय की अवधारणा पर हुई वर्कशॉप
“विद्यार्थियों को मिला जिला पंचायत सदस्य पुरस्कार 2023”
मुनस्यारी, सामुदायिक पुस्तकालय की टीम द्वारा राजकीय इंटर कॉलेज मुनस्यारी के कक्षा 6 से 11 तक के विभिन्न कक्षाओं के टॉपर विद्यार्थियों को आज सम्मानित किया गया। इन विद्यार्थियों को जिला पंचायत सदस्य पुरस्कार 2023 के रूप में प्रशस्ति पत्र तथा डिक्शनरी देकर इनका मनोबल बढ़ाया गया।
सामुदायिक पुस्तकालय के तत्वाधान में आयोजित प्रतिभा सम्मान कार्यक्रम में राजकीय इंटर कॉलेज मुनस्यारी के कक्षा 6 के टॉपर संगीता रावत, कक्षा 7 के टॉपर भावेश चंद्र पाठक, कक्षा 8 की टॉपर कृतिका गुंजन, कक्षा 9 की टॉपर निशा धामी, कक्षा 10 की आर्यन मेहरा, कक्षा 11 के टॉपर राकेश रोशन नित्वाल , गुंजन दशौनी, पूनम आर्या को शिक्षा सत्र 2023-24 में अपनी कक्षा को टॉपर करने पर जिला पंचायत सदस्य पुरस्कार 2023 से नवाजा गया। इस अवसर पर सामुदायिक पुस्तकालय को लेकर एक दिनी वर्कशॉप आयोजित की गई।
विद्यालय के प्रधानाचार्य हरीश नाथ ने स्वागत करते हुए कहा कि इस आयोजन से विद्यार्थियों में कंपटीशन की भावना पैदा होगी।
वर्कशॉप में जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने सामुदायिक पुस्तकालय तथा संडे क्लास के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को रट्टू बनाने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें शिक्षा के प्रति समझदार बनने के लिए शिक्षकों को भी विशेष प्रयास की जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने शिक्षकों के पद रिक्त होने के बाद भी वर्तमान शिक्षकों के द्वारा विद्यार्थियों के हित में की जा रहे उल्लेखनीय प्रयासो की सराहना की।
Recent Comments