Monday, November 25, 2024
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निदेशक प्रोफेसर डा. मीनू सिंह को मिली एम्स की जिम्मेदारी

(राजेन्द्र चौहान)

ॠषिकेश, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में बृहस्पतिवार को संस्थान की नवनियुक्त निदेशक प्रोफेसर डा. मीनू सिंह ने पदभार ग्रहण कर लिया है। इस दौरान संस्थान के फैकल्टी सदस्यों व अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। बृहस्पतिवार को एम्स निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने संस्थान में विधिवत ज्वाइनिंग ले ली।

वहीं इस अवसर पर संस्थान के डीन प्रोफेसर मनोज गुप्ता, मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. संजीव मित्तल समेत फैकल्टी सदस्यों, चिकित्सकों व अधिकारियों ने निदेशक का जोरदार स्वागत किया। गौरतलब है कि प्रोफेसर मीनू सिंह इससे पूर्व पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में पीडियाट्रिक पल्मोनोलॉजी विभागाध्यक्ष व टेलीमेडिसिन की हेड रही हैं। इस दौरान प्रो. मीनू सिंह ने डब्ल्यूएचओ के साथ भी कार्य किया है। इसके अलावा उनका बच्चों में अस्थमा, तपेदिक व सिस्टिक फाइब्रोसिस आदि विषयों में महत्वपूर्ण शोध व योगदान रहा है।

 

न्यूरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया का 19वां इंस्ट्रक्शनल एंड फाउंडेशन कोर्स शुरू : एम्स में दो दिवसीय कार्यशाला में देशभर के मेडिकल संस्थानों के विद्यार्थी कर रहे शिरकत

ॠषिकेश, एम्स ऋषिकेश में न्यूरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (एनएसआई) का 19वां इंस्ट्रक्शनल एंड फाउंडेशन कोर्स विधिवत शुरू हो गया। जिसमें देशभर के विभिन्न मेडिकल संस्थानों के लगभग 80 न्यूरो सर्जरी के छात्र छात्राएं प्रतिभाग कर रहे हैं। कार्यशाला के पहले दिन विशेषज्ञों ने विभिन्न विषयों पर व्याख्यानमाला प्रस्तुत की। एम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के तत्वावधान में शनिवार से एनएसआई का दो दिवसीय इंस्ट्रक्शनल एंड फाउंडेशन कोर्स (कार्यशाला) शुरू हो गया। एनएसआई के अध्यक्ष प्रोफेसर डा. वीपी सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर एम्स निदेशक प्रोफेसर( डॉ) मीनू सिंह ने न्यूरो सर्जरी की नेशनल वर्कशॉप के सुचारू आयोजन के लिए एनएसआई कार्यकर्ताओं व आयोजन समिति को बधाई दी व न्यूरो सर्जरी विभाग का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान निदेशक एम्स डा. मीनू सिंह ने प्रतिभागियों को राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह के आयोजन का महत्व समझाया।

कार्यशाला में संस्थान के डीन एकेडेमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने बताया कि इस तरह की कार्यशाला का आयोजन विद्यार्थियों के सुचारू पठन- पाठन व ज्ञानवर्धन के लिए नितांत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से छात्र-छात्राओं में विशेषज्ञों के अनुभवों से अनेक तरह का ज्ञान और कौशल विकास होता है।
इस अवसर पर न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. रजनीश के. अरोड़ा ने अतिथियों व विषय विशेषज्ञों का स्वागत किया और प्रतिभागियों से उनका परिचय कराया। इस दौरान उन्होंने छात्रों को कोर्स के विषय में विस्तृत जानकारियां भी दी।
न्यूरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रोफेसर डा. वीपी सिंह ने बताया कि एनएसआई की स्थापना 1951 में न्यूरो सर्जरी एवं न्यूरोलॉजी की शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने के उद्देश्य से की गई थी। वर्तमान में इस सोसाइटी के 3 हजार से अधिक न्यूरो सर्जन एवं न्यूरोलॉजिस्ट सदस्य हैं।
इसके लिए सोसाइटी समय समय पर न्यूरो सर्जरी से जुड़े अलग-अलग कोर्सेज, सीएमई, वेबिनार्स, स्टडी प्रोग्राम्स एवं एजुकेशनल प्रोग्राम्स आयोजित करती है। सोसाइटी के बोर्ड ऑफ एजुकेशन के अध्यक्ष डॉक्टर परितोष पांडे ने बताया कि संस्‍था वर्ष में दो से तीन बार इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन करती है, जिसमें विद्यार्थियों को इंस्ट्रक्शनल कोर्स और फाउंडेशन कोर्स के माध्यम से चिकित्सा संबंधी विभिन्न तरह की जानकारियां दी जाती हैं। उन्होंने बताया कि इंस्ट्रक्शनल कोर्स में अंतिम वर्ष के छात्रों को जटिल केसों की पहचान एवं निदान के बाबत विस्तृत जानकारी दी जाती है, जबकि फाउंडेशन कोर्स में प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्रों को विषय से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में बताया जाता है।
कार्यशाला में मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंसेज के न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर प्रोफेसर डॉ. एके सिंह ने न्यूरो सर्जरी के भूत, वर्तमान एवं भविष्य के बारे में विस्तृत चर्चा की। साथ ही एनएसआई के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर डा. सुरेश नायर ने प्रतिभागियों को ब्रेन ट्यूमर और इससे जुड़े लक्षणों के बारे में बताया, साथ ही इन बीमारियों की पहचान व उपचार विधि पर विस्तृत चर्चा की।

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