देहरादून, जनपद में लगातार हो रही बारिश से कैंट विधानसभा क्षेत्र के श्रीदेवसुमन नगर वार्ड के चोर खाले में भूमिगत नाले में हो रहे भूकटान व भूधसाव से जहां एक ओर नाले के ऊपर बनी सड़क व खाले के अनेक मकान खतरे की ज़द में आ गए हैं।
क्षेत्रीय पार्षद संगीता गुप्ता ने क्षेत्रवासियों के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना के नेतृत्व में जिलाधिकारी सोनिका से उनके कचहरी स्थित कार्यालय में मिले। श्री धस्माना ने जिलाधिकारी को बताया कि देहरादून की सबसे पुरानी मलिन बस्तियों में से एक श्रीदेवसुमन नगर के चोर खाले में लगभग 350 मीटर सड़क भूमिगत नाले के ऊपर बनी है जिसके दोनों ओर घनी बस्ती है जिसमें सात से आठ हजार आबादी पक्के मकानों में रहती है।
भूमिगत नाले बनी दोनों ओर की दीवारें कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गयी :
श्री धस्माना ने बताया कि लंबे समय से भूमिगत नाले में बनी दोनों ओर की दीवारें कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गयी हैं और पानी लगातार नाले में दीवार को तोड़ रहा है व दीवारों के उस पार मकानों की बुनियादों को भी क्षतिग्रस्त कर रहा है जिससे कभी भी वहां पूरी सड़क धंस सकती है व मकानों को व लोगों की जान को नुकसान हो सकता है। इसलिए तत्काल आपदा प्रबंधन विभाग वहां स्थलीय निरीक्षण कर नाले की मरम्मत का कार्य करे जिससे लोगों की जान माल सुरक्षित हो सके।
जिलाधिकारी ने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग के पास पैसा नहीं है इसलिए नगर निगम को लिख रही हूं और उन्होंने प्रार्थना पत्र पर नगर निगम के आयुक्त को फोन कर उचित कार्यवाही के लिए कहा। श्री धस्माना इसके बाद क्षेत्र के लोगों के साथ नगर निगम पहुंचे किंतु वहां नगर आयुक्त मौजूद नहीं थे।
श्री धस्माना ने कहा कि वे कल नगर आयुक्त से मुलाकात कर समस्या के समाधान के लिए बात करेंगे और समस्या का समाधान न होने पर आपदा प्रबंधन विभाग के खिलाफ आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। श्री धस्माना के साथ स्थानीय पार्षद संगीता गुप्ता, अनुराग गुप्ता, अनुजदत्त शर्मा, शुभम वर्मा, बसंती थापा, ललिता, शशि क्षेत्री, शनवाज़ खान भी उपस्थित रहे।
निर्माणाधीन मल्टीपर्पज बैडमिंटन हॉल और निर्माणाधीन युवा केन्द्र का मंत्री रेखा आर्या ने किया निरीक्षण
‘अधिकारियों को दिए तय समय पर निर्माण कार्य पूर्ण करवाने के निर्देश’
भीमताल, प्रदेश की खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने भीमताल स्थित निर्माणाधीन मल्टीपर्पज बैडमिंटन हॉल और युवा केन्द्र का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों से निर्माण कार्य के बारे में जानकारी ली।उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि दोनों ही निर्माण कार्यो को तय समय पर पूरा कर लिया जाए और निर्माण पूर्ण होने के पश्चयात तत्काल विभाग को सूचित करें।खेल मंत्री ने कहा कि मल्टीपर्पज हॉल के बन जाने से आने वाले समय मे हमारे खिलाड़ियो को काफी लाभ होगा और वह अपने हुनर को निखार सकेंगे। कहा कि कहें ना कहीं जीवन में अनुशासन का होना अनिवार्य है और खेल हमें अनुशासन सिखाते हैं। इसलिए हमें खेलों में भाग अवश्य लेना चाहिए। खेलों में भाग लेने से जहां शरीर तंदरुस्त रहता है, वहीं दिमाग में भी ताजगी बनी रहती है।
उन्होंने कहा कि अगले साल राज्य में 38 वे राष्ट्रीय खेलो का आयोजन होना है ।जिसके लिए सरकार और खेल विभाग पूरी तरह से तैयार है और अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है ।उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि हम शानदार और बेहतरीन तरह से राष्ट्रीय खेलो का आयोजन करेंगे। सरकार पूरी तरह से आयोजन के लिए तैयार है।
इस अवसर पर जिला क्रीड़ा अधिकारी श्रीमती जानकी कार्की जी ,जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री मुकुल चौधरी जी,युवा कल्याण अधिकारी श्री प्रतीक जोशी जी,जिला प्रोबेसन अधिकारी श्रीमती वर्षा जी उपस्थित रहे।
उल-जूलूल बयानबाजी बाज आयें मौर्य, सतयुग कालीन है बदरीनाथ धाम : महाराज
देहरादून, प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बदरीनाथ धाम को बौद्ध मठ बताने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि स्वामी प्रसाद को सनातन धर्म की कोई जानकारी नहीं है इसलिए वह उल-जूलूल बयानबाजी कर खबरों में बने रहना चाहते हैं।
पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि बदरीनाथ धाम सतयुग कालीन है। यहाँ नर, नारायण ने तपस्या की थी। समाजवादी पार्टी के नेता को पता होना चाहिए कि जब यहाँ नर, नारायण ने तपस्या की थी तब महात्मा बुद्ध का जन्म भी नहीं हुआ था। इसलिए बदरीनाथ धाम को बौद्ध मठ बताना सरासर गलत है।
श्री महाराज ने कहा कि हालांकि सनातन परम्परा में महात्मा बुद्ध को भी हम नारायण का ही एक रुप मानते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि स्वामी प्रसाद मौर्य बदरीनाथ धाम के विषय में कुछ भी ऊटपटांग बोलते फिरें। उन्होने कहा कि उन्हें इस बात का पता होना चाहिए कि जब पूर्व में नीति घाटी से उत्तराखंड में व्यापार होता था तो उस समय भगवान बदरीनाथ के लिए तिब्बत के मठों से भी चढ़ावा आता था। उन्होने भी भगवान बद्रीविशाल की महिमा को माना है।
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